प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना शुरू की, जिसे वैकल्पिक रूप से "सौभाग्य" योजना के रूप में जाना जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2018 के अंत तक देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल करना है. इस योजना से पूरे देश के लगभग 3 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा. अतः इस संदर्भ में सौभाग्य योजना की प्रमुख विशेषताओं और समाज के लिए इसकी उपयोगिता तथा इसके कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों के विषय में जानना जरुरी है.
सौभाग्य योजना की मुख्य विशेषताएं हैं-
उद्देश्य: 'सौभाग्य ' का उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में शेष सभी गैर-विद्युतीकृत परिवारों तक बिजली कनेक्शन के माध्यम से बिजली की सुविधा मुहैया कराना.
लक्ष्य: दिसंबर 2018 तक हर घरों में बिजली की सुविधा प्रदान करना.यह योजना 16,320 करोड़ रुपये की लागत से निष्पादित की जाएगी.
लाभार्थी : गरीब परिवारों को इस योजना के माध्यम से मुफ्त में बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा जबकि अन्य परिवारों को 500 रुपये के भुगतान पर बिजली कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे. इस राशि को बिजली बिल के साथ कुल दस किस्तों में डिस्कॉम/ पावर डिपार्टमेंट्स द्वारा रिकवर किया जाएगा. परिवारों को बिजली कनेक्शन के तहत एक सेवा केबल ऊर्जा मीटर लगाने की सुविधा,एलईडी बल्ब के साथ एक प्रकाश बिंदु के लिए तार और एक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट आदि की सुविधा दी जाएगी. दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित घरों के लिए, 200 से 300 वाट के सौर ऊर्जा पैक और 5एलईडी लाइट सहित बैटरी बैक, 1 डीसी फैन, 1 डीसी पावर प्लग तथा मरम्मत एवं रखरखाव की सुविधा 5 वर्ष के लिए उपलब्ध करायी जाएगी.
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अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण : सभी के लिए 24x7 घंटे बिजली मुहैया कराने के उद्देश्य से “सौभाग्य” केंद्र और राज्य सरकार की एक संयुक्त पहल है. इसके तहत दोनों को एक साथ मिलकर इसके लिए एक रोड मैप और एक्शन प्लान तैयार करना है. यह योजना सभी नागरिकों तक बिजली की पहुँच को संभव बनाने की दिशा में एक योजनाबद्ध सार्थक पहल है. इस सौभाग्य योजना में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आईपीडीएस) में शामिल मुद्दे जैसे एंट्री बैरियर, लास्ट मील कनेक्टिविटी और बिजली कनेक्शन के मुद्दों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है. यहाँ यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि DDUGH ने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी बिजली बुनियादी ढांचे के निर्माण, मौजूदा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने और बढ़ाने, विद्यमान फिडर / वितरण ट्रांसफार्मर / उपभोक्ताओं की गुणवत्ता को सुधारने और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता में सुधार की परिकल्पना की है. शहरी क्षेत्रों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण की सुविधा IPDS प्रदान करता है.
बजट : प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना के लिए 16,320 करोड़ रूपये की राशि आवंटित है.
सौभाग्य योजना के लाभ : इस योजना से उपभोक्ताओं को निम्नलिखित तरीके से फायदा होगा :
• प्रकाश प्रयोजनों के लिए मिट्टी के तेल के इस्तेमाल की जगह बिजली से प्रकाश विकल्प उपलब्ध होगा, जिसके परिणामस्वरूप इनडोर प्रदूषण में कमी होगी जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचाया जा सकेगा.
• हर घर में बिजली की पहुंच देश के सभी हिस्सों में कुशल और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं स्थापित करने में मदद करेगी.
• सूर्यास्त के बाद प्रकाश की सुविधा महिलाओं की व्यक्तिगत सुरक्षा के भाव को भी बढ़ाएगा और सूर्यास्त के बाद भी कुछ सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने में मदद करेगा.
• बिजली की उपलब्धता से शिक्षा के सभी क्षेत्रों का विकास होगा. रात में लाईट की व्यवस्था से रात को अधिक देर तक पढ़ाई करने की सुविधा से बच्चों के करियर विकास की संभावना भी बढ़ेगी.
• लाईट की व्यवस्था हो जाने से वैकल्पिक रूप से उपयोग किये जाने वाले केरोसीन पर वार्षिक सब्सिडी कम हो जाएगी और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी.
• प्रत्येक घर में बिजली, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, मोबाइल जैसे सभी प्रकार के संचार माध्यम की सुविधा होगी जिसके जरिये हर कोई सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेगा.
• किसान नए और बेहतर कृषि तकनीकों, कृषि-मशीनरी, गुणवत्ता वाले बीज आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और परिणामस्वरूप आय में वृद्धि होगी.किसान और युवक कृषि आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना की संभावनाओं का भी पता लगा सकते हैं.
• योजना के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप घर के विद्युतीकरण के कार्यों के निष्पादन के लिए अर्द्ध कुशल / कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
• इस योजना के कार्यान्वयन के लिए लगभग 1000 लाख मानव दिवस कार्य का निर्माण किया जाएगा.
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इस योजना के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ
सौभाग्य योजना के सफल कार्यान्वयन में निम्नलिखित चुनौतियां शामिल हैं-
वर्तमान में डिस्कॉम पर एक हजार करोड़ रुपये का भारी कर्ज का बोझ है. यद्यपि उज्जवल डिसकॉम आवास योजना (यूडीए) से डिसकॉम के वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है.लेकिन उनके लिए 2018 के अंत तक सौभाग्य को लागू करना एक बड़ी चुनौती है.
इस योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 20% से अधिक के ट्रांसमिशन और वितरण घाटे को कम करने की आवश्यकता है.
इसके सफल कार्यान्वयन के लिए ऊर्जा क्षेत्र में निचले अधिकारियों की भ्रष्टाचार और उदासीनता को कम किया जाना चाहिए. इस संबंध में योजना के क्रियान्वयन में ग्राम सभाओं की भागीदारी एक स्वागत योग्य कदम है.
निष्कर्ष
बिजली की पहुंच निश्चित रूप से दैनिक घरेलू कार्यों और मानव विकास के सभी पहलुओं में लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. सौभाग्य योजना एक महत्वपूर्ण पहल है क्योंकि इसका सीधे सीधे सम्बन्ध मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं - रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि से है. इसका सफल कार्यान्वयन स्मार्ट गांवों के निर्माण, ऊर्जा सुरक्षा को प्राप्त करने और दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है.
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