भारत विश्व के खनिज सम्पन्न देशों में से एक है| भारत की खनिज संपन्नता का एक मुख्य कारण यह है कि यहाँ प्राचीन से नवीन तक लगभग सभी क्रम की चट्टानें पायी जाती हैं| भारत के अधिकतर धात्विक खनिजों की प्राप्ति धारवाड़ क्रम की चट्टानों से होती है और कोयला मुख्य रूप से गोंडवाना क्रम की चट्टानों में मिलता है| भारत में चार प्रकार के कोयले पाए जाते हैं: एन्थ्रेसाइट (सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले कोयले को केवल जम्मू एवं कश्मीर में मिला); बिटुमिनस (कोयले की दूसरी सबसे अच्छी गुणवत्ता); लिग्नाइट (तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और जम्मू और कश्मीर में मिला); पीट (यह कोयले में लकड़ी के परिवर्तन का यह पहला चरण का कोयला है, जिसमे मात्र 35 प्रतिशत कार्बन ही होता है)। इस लेख में हम भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्रों की सूची दे रहे हैं, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्रों की सूची
राज्य | कोयला-क्षेत्र |
पश्चिम बंगाल | रानीगंज (भारत में सबसे पुराना कोयला क्षेत्र) |
झारखंड | झरिया (सबसे बड़ा), बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, करणपुरा, रामगढ़, डाल्टनगंज |
मध्य प्रदेश | सिंगरौली, सुहागपुर, जोहला, उमरिया, सतपुरा कोयलाफील्ड |
ओडिशा | तालचेर, हिमगिरी, रामपुर |
आंध्र प्रदेश | कंटापल्ली, सिंगरेनी |
छत्तीसगढ़ | कोरबा, बिसरमपुर, सोनहट, झिलमिल, हस्दो-अरंड |
असम | मकुम, नजीरा, जानजी, जयपुर |
मेघालय | उमरलोंग, डारंगीगिरी, चेरपूंजी, मावलोंग, लैंग्रिन |
अरुणाचल प्रदेश | नाक्मचिक-नामफुक |
उपरोक्त लेख में हमने भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्रों की सूची दिया है, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
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