आज, स्नातक, स्नातकोत्तर और 12 वीं पास उम्मीदवारों के बीच सबसे ज्यादा मांग SSC (कर्मचारी चयन आयोग) और RRB (रेलवे भर्ती बोर्ड)की नौकरियों को लेकर है क्योंकि यहां एक आकर्षक करियर विकल्प की पेशकश की जाती है जिसमें शानदार वेतन, सुविधाएं, भत्ते और सरकारी संगठन में चीजों को सीखने का अवसर मिलता है। SSC CGL और RRB-NTPC दोनों ही उम्मीदवारों के बीच सबसे पसंदीदा विकल्प हैं। वास्तव में यह उम्मीदवार की पसंद पर भी निर्भर करता है। लेकिन आपको दोनों ट्रेडों में एक बार नौकरी प्रोफाइल, वेतन, कार्य संस्कृति और कैरियर ग्रोथ के बारे में पता होना चाहिए। इस आर्टिकल में हम एक अनुक्रमिक तरीके से दोनों संगठनों पर एक वर्णनात्मक चर्चा करेंगे।
भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, संगठनों और विभागों में 30 वर्ष तक की आयु वाले युवा और ऊर्जावान पेशेवरों के लिए SSC जॉब का एक बहुत ही अच्छा और खुला स्त्रोत है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे अभी भी देश में एकमात्र ऐसी संस्था है जो देश में सर्वाधिक मात्रा में रोजगार मुहैया कराती है।
नौकरी प्रोफ़ाइल:
RRB-NTPC के माध्यम से आपको प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करना तथा सुपरवीजन करना होता है। इसके अलावा, इसके तहत आने वाले कार्यों का विवरण इस प्रकार हैं-
• रेलवे अकाउंट्स का रखरखाव
• एक गार्ड और माल गार्ड के रूप में कार्य करना
• सिग्नल्स की आपरेटिंग
• निर्दिष्ट विभागीय कार्य
SSC CGL Tax Assistant: वेतन, जॉब प्रोफाइल और कैरियर ग्रोथ
जबकि यदि आप SSC-CGL के माध्यम से नियुक्त होते हैं, तो आपको निम्न जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है: -
• नोट्स बनाना और फाइलों से संबंधित कार्य करना।
• सामान्य प्रशासनिक और फील्ड संबंधी कार्यों को भी हैंडल करना होता है।
• clerical कार्य, जैसे-आरटीआई प्रश्नों का जवाब देना होता है।
• ऑफिस कार्यों के माध्यम से राष्ट्रव्यापी नीतियों को तैयार करने में सहायता करना।
• छापे, निगरानी और निरीक्षण आदि करना।
SSC-CGL | RRB-NTPC | |
कार्य का दवाब | प्रशिक्षण के रूप में आपको प्रशासन के सभी शीर्ष व्यक्तियों से प्रशिक्षित किया जाता है क्योंकि यह नौकरी पब्लिक डीलिंग से संबंधित है। | जबकि एक RRB-NTPC अधिकारी के रूप में आप आम लोगों के साथ बातचीत नहीं कर सकते हैं। |
कार्य के घंटे | SSC- CGL ऑफिसर के रूप में आपको सुबह से लेकर शाम तक का शेड्यूल बनाना होता है, कोई अतिरिक्त कार्य नहीं होता है। | जबकि इस कार्य के तहत रेलवे की जरूरत के अनुसार किसी भी शिफ्ट में डूयूटी लग सकती है। |
ट्रांसफर | स्थानान्तरण (ट्रांसफर) अक्सर हर 4-5 साल में वरिष्ठता और पदोन्नति पर या विभागीय हितों के अनुसार होता है। | SSC के माध्यम से भी यह नीति अपनाई जाती है। |
वेतन | 7वें वेतन आयोग के बिना कुल प्रगणित वेतन 25,000 40,000 रुपये तक होता है। | 7वें वेतन आयोग के अनुसार कुल वेतन 25,000-35,000 रुपये के बीच होता है। |
SSC CGL नौकरियां: विभागीय लेखाकार (Divisional Accountant) करियर पथ
उपरोक्त तथ्यों के अलावा, SSC और RRB अपने अधिकारियों के लिए निम्न भत्ते प्रदान करते हैं।
SSC के माध्यम से आपको पेंशन योजना / नई पेंशन योजना, परिवहन भत्ता, महंगाई भत्ता, एलटीसी, मकान किराया भत्ता, घर यात्रा रियायत / किराये भत्ते में रियायत, मेडिक्लेम मिलता है। जबकि, एक RRB-NTPC अधिकारी के रूप में आप महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, परिवहन भत्ता, एलटीसी, नकद चिकित्सा लाभ, समूह मेडिक्लेम और पेंशन योजना प्राप्त करने के हकदार होते हैं।
प्रोमोशंस
SSC में हर 4-5 साल में पदोन्नति मिलती है और निम्नलिखित पदों पर नियुक्तिया की जाती हैं
• लेखा परीक्षक -> वरिष्ठ लेखा परीक्षक -> 3 वर्ष
• सहायक प्रवर्तन अधिकारी> प्रवर्तन अधिकारी> 4-5 साल
• आयकर अधिकारी> सहायक आयुक्त-> उप आयुक्त-> आयुक्त
• सहायक सीसीएस> एसओ-> संयुक्त सचिव
अब, RRB-NTPC पदोन्नति पर एक नजर डालते हैं।
• सहायक स्टेशन मास्टर -> मंडल संचालन प्रबंधक।
• जूनियर लेखा सहायक -> चीफ अकाउंट ऑफिसर / वित्तीय सलाहकार
• गुड्स गार्ड -> मुख्य नियंत्रक
• वाणिज्यिक अपरेंटिस -> वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक
उपरोक्त दिए गए तथ्यों से हमने पाया है कि SSC में RRB के मुकाबले तेजी से प्रोन्नति होती है और इसकी नीतियां स्पष्ट हैं। SSC में अच्छी तरह से परिभाषित है। नियमित अंतराल पर एक अधिकारी को सुव्यवस्थित तरीक से प्रोन्नति देने को अच्छी तरह परिभाषित किया गया है। दूसरी ओर RRB में एक सक्रिय पदोन्नति नीति नहीं है।
इसलिए, हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि कई पहलुओं में SSC-CGL- में RRB-NTPC की तुलना में एक बेहतर भविष्य की संभावना है।
ऑल द बेस्ट!!!!
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