जानें भारत में एक नोट और सिक्के को छापने में कितनी लागत आती है?

Jan 24, 2017, 10:41 IST

भारत में नोट छापने का एकाधिकार यहाँ के केन्द्रीय बैंक अर्थात भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है|  भारतीय रिज़र्व बैंक पूरे देश में एक रुपये के नोट को छोड़कर सभी मूल्यवर्गों (denominations) के नोट छापता है| छोटे मूल्यवर्ग के नोट को छापने की लागत कम (जैसे 5 रु. के नोट की लागत 48 पैसे) और बड़े मूल्य के नोट (1000 रु. के नोट की लागत 3.17 रुपये) की लागत अधिक आती है |

भारत में नोट छापने का एकाधिकार यहाँ के केन्द्रीय बैंक अर्थात भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है|  भारतीय रिज़र्व बैंक पूरे देश में एक रुपये के नोट को छोड़कर सभी मूल्यवर्गों (denominations) के नोट छापता है| एक रुपये के नोट छापने और सभी प्रकार के सिक्के बनाने का अधिकार वित्त मंत्रालय के पास है| ध्यान देने योग्य बात यह है कि पूरे देश में मुद्रा की पूर्ती (नोट और सिक्के दोनों) करने का अधिकार केवल भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है|

भारत में कितनी मुद्रा RBI  द्वारा छापी जायेगी इसका निर्धारण न्यूनतम आरक्षी प्रणाली (Minimum Reserve System) के आधार पर किया जाता है| यह प्रणाली पूरे देश में 1957 से कार्य कर रही है जिसके अनुसार RBI को 200 करोड़ की संपत्ति को अपने पास रखना होता है जिसमे सोने का भण्डार रु.115 और रु. 85 करोड़ की विदेशी मुद्रा रखनी होती है | इतनी संपत्ति अपने पास रखकर R.B.I. अर्थव्यवस्था की जरुरत के हिसाब से कितनी भी मात्रा में रुपया छाप सकती है| इसे ही न्यूनतम आरक्षी प्रणाली कहा जाता है |

इतनी जानकारी के बाद अब दिमाग में यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि आखिर इन रुपयों की छपाई में कितना खर्च आता है अर्थात एक नोट को बनाने में कितनी लागत आती है |

भारत में नोट कहां पर छपते हैं ?

देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है। नोट प्रेस भारत के देवास (मध्य प्रदेश), नासिक (महाराष्ट्र), सालबोनी (पश्चिम बंगाल)और मैसूर(कर्नाटक) में हैं।

देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट छपते हैं। यहाँ पर 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के नोट छपते हैं | मजेदार बात यह है कि देवास में ही नोटों में प्रयोग होने वाली स्याही का उत्पादन भी किया जाता है |

करेंसी प्रेस नोट नाशिक:सन 1991 से यहाँ पर 1, 2, 5 10, 50  100 के नोट छापे जाते हैं| पहले यहाँ पर 50 और 100 रुपये के नोट नहीं छापे जाते थे |

मध्य प्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर मिल है। नोट छपाई में इस्तेमाल होने वाला कागज होशंगाबाद और विदेश से आता हैं। 1000 रु. के नोट मैसूर में छपते हैं।

printing press in india

image source:Indian Coins

भारत में सिक्के कहाँ ढलते हैं ?

भारत में चार जगहों पर सिक्के ढाले जाते हैं |

1. मुंबई

2. कोलकाता

3. हैदराबाद

4. नोएडा

mints in india

अभी भारतीय बाजार में कुल कितनी मुद्रा की पूर्ती है ?

23 दिसम्बर 2016 को RBI द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 120449 अरब रुपये भारतीय अर्थव्यवस्था में चलन (M3) में है जिसमे जनता के हाथों में 7829 अरब रुपये और बाकि रुपये व्यावसायिक बैंकों और R.B.I.  के पास जमा हैं |

भारत की करेंसी नोटों का इतिहास और उसका विकास

क्या सभी नोटों की छपाई पर बराबर खर्च आता है ?

नही! हर एक नोट की छपाई पर खर्च अलग-अलग आता है | रु.1, 2 और 10 रुपए की छोटी कीमत वाले नोटों को छापने का खर्च कम आता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इनमें सिक्योरिटी फीचर्स कम होते हैं और इन्हें नकली भी कम मात्रा में ही बनाया जाता है| ज्यादा सिक्योरिटी फीचर्स के चलते बड़े नोटों में छपाई का खर्च ज्यादा आता है। 1रुपए का नोट एकमात्र ऐसा नोट है जिसकी बाजार कीमत वास्तविक लागत से ज्यादा है अर्थात इसे बनाने में सरकार को 1.14 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

बड़े नोटों की छपाई पर खर्च कई बार बदल भी जाता है क्योंकि नोट में लगने वाले कच्चे माल (स्याही और कागज) को आयात भी करना पड़ता है और आयात बिल विनिमय दर में परिवर्तन आदि के कारण घटता-बढ़ता रहता है। मसलन 2011 में जहां 1000 के नोट की छपाई करीब 4.1 रुपए में होती थी, वहीं 2014 में यह कीमत करीब 3.17 रुपए हो गई। इसलिए हम यहां पर गणना करते समय नोट को बनाने में लगने वाली औसत लागत को ही जोड़ रहे हैं |

फिलहाल 1000 और 500 रुपये के नोटों का देश में कुल वितरण (circulation) 24.4% जबकि वैल्यू 86.4% है। जून 2016 तक रिज़र्व बैंक ने 2120 करोड़ करेंसी नोट छापे हैं, जिसके लिए करीब 3421 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं |

आईये अब जानते हैं कि किस नोट को बनाने में कितना खर्च आता है?

a. 5 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 48 पैसे

बाजार में कितनी संख्या= 8500 मिलियन

b. 10 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 96 पैसे

बाजार में कितनी संख्या= 2,000 मिलियन

c. 20 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 96 पैसे

बाजार में कितनी संख्या= 5000 मिलियन

d. 50 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 1.81 रुपए

बाजार में कितनी संख्या= 4000 मिलियन

e. 100 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 1.20 रुपए

बाजार में कितनी संख्या= 16,000 मिलियन

f. 500 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 3.58 रुपए

बाजार में कितनी संख्या= 16,000 मिलियन

g. 1000 रुपए का नोट

प्रिंट करने की लागत = 3.17 रुपए

बाजार में कितनी संख्या= 6000 मिलियन

सिक्कों को छापने की लागत:-

ज्ञातब्य है कि भारत के सिक्के कितनी मात्रा में छापे जायेंगे इस बात का निर्धारण केवल भारत सरकार करती है | भारत में अभी तक 10 पैसे, 20 पैसे, 25 पैसे, 50 पैसे, 1 रुपया, 2 रुपया 5 रुपया, 10 रुपया, 100 रुपया और 1000 रुपया तक के सिक्के बनाये जाते हैं | 50 पैसे से कम मूल्य के सिक्कों को 'छोटे सिक्के' और 1 रुपये से ऊपर के सिक्कों को " Rupee Coins" कहा जाता है |

coin of 1000

image source:eBay

भारत में 1 रुपये के सिक्के को छपने में अभी 70 पैसे खर्च होते हैं जबकि 10 रुपये के सिक्के को छापने में 6.10 रु. की लागत आती है | सरकार ज्यादा मात्रा में सिक्के इसलिए बना रही है ताकि नये नोटों के छापने में प्रत्येक साल होने वाले खर्च को कम किया जा सके क्योंकि कागज के नोटों की आयु लगभग एक साल ही होती है और आनुमानिक तौर पर इसका सालाना खर्च 1500 करोड़ बैठता है|

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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