आईएएस अधिकारी अल्केश शर्मा को 12 अक्टूबर 2015 को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीएमआईसीडीसी) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया. उनकी नियुक्ति को मंत्रिमंडल नियुक्ति समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था.
वे नियुक्त किये जाने की तिथि से अगले तीन वर्ष तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे. शर्मा वर्ष 1990 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.
1483 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना है. इसका उद्देश्य कॉरिडोर के आस-पास औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ाना तथा छह राज्यों में आर्थिक विकास करना है.
इस परियोजना का कार्यान्वयन दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा किया जाएगा.
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जापान द्वारा वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है. दिल्ली से मुंबई के बीच इसकी कुल लम्बाई 1483 किलोमीटर है.
यह मल्टी मॉडल हाई एक्सेल लोड डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) छह राज्यों, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. इसके अंतिम छोर होंगे, दादरी (एनसीआर) एवं जवाहर लाल नेहरु प्वाइंट (मुंबई).
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन
• डीएमआईसीडीसी का निर्माण 7 जनवरी 2008 को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना विकास एजेंसी के तहत किया गया.
• डीएमआईसीडीसी, विकास के उद्देश्य के लिए एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है तथा उपयुक्त वित्तीय साधनों एवं सुविधाओं के माध्यम से भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थापना करने में सहायता करता है.
• यह विशिष्ट परियोजनाओं के लिए संस्था के माध्यम से एक पास के रूप में कार्य करता है तथा विभिन्न वित्तीय सेवाओं के लिए परियोजना विकास निधि को उपलब्ध कराता है.
• वर्तमान में यह संगठन दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मॉडल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में विकसित कर रहा है. इसका निर्माण अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप वैश्विक विनिर्माण और व्यापारिक केंद्र के रूप में किया जा रहा है.
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