चीन और पाकिस्तान ने 21 अप्रैल 2015 को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण के लिये 46 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हस्ताक्षर किए.
समझौते के हिस्से के रूप में, चीन 16400 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए ऊर्जा परियोजनाओं में 37 बिलियन बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा.
दोनों देशों के बीच कुल 51 समझौते किए गए. ये समझौते बुनियादी ढांचा परियाजनाओं, उर्जा उत्पादन, कृषि, शिक्षा, दूरसंचार और अनुसंधान क्षेत्र में किए गए. दोनों देशों के बीच हुये 51 में से 30 समझौते रणनीतिक आर्थिक गलियारे से जुड़े हैं.
चीन का यह निवेश पाकिस्तान में वर्ष 2002 में किए गए कुल अमेरिकी निवेश (करीब 31 अरब डॉलर) से कहीं ज्यादा है.
इसके अलावा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तान की यात्रा के दौरान दोनों देश ने असैन्य परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और समुद्री प्रौद्योगिकी, आतंकवाद का मुकाबला करने और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए.
इस परियोजना के तहत चीन के अल्पविकसित पश्चिमी क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान के अरब सागर से जुड़े ग्वादार बंदरगाह को सड़कों, रेलवे, व्यावसायिक पट्टियों, उर्जा योजनाओं और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के मिश्रित नेटवर्क से जोड़ा जाना है.
यह गलियारा पाकिस्तान को औद्योगिक केंद्र के रुप में स्थापित होने और चीन को एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के साथ व्यापार करने के हेतु सुगम मार्ग देने में सहायक होगा. इसके अलावा, इस निवेश से पाकिस्तान को अपनी गिरती अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और बिजली की कमी को समाप्त करने में मदद मिलेगी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation