देश में 24 अप्रैल 2015 को तीसरा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया.
1992 के 73वें संविधान संशोधन के तहत 24 अप्रैल 1993 को ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पंचायतें अस्तित्व में आईं.
पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करता है.
इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायतों से ‘सरपंच पति संस्कृति’ समाप्त करने का आहवान किया, साथ ही गरीबी उन्मूलन तथा शिक्षा के प्रचार प्रसार में निर्वाचित ग्राम प्रतिनिधियों के महत्व की भी चर्चा की.
सरपंच पति संस्कृति का तात्पर्य सरपंच पत्नियों के कामकाज में पतियों की कथित दखल से है.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में बच्चों की पढाई पर भी चर्चा की और उनकी अधूरी शिक्षा पर चिंता जाहिर की.
प्रधानमंत्री ने पंचायत सदस्यों से आहवान किया कि वे अपने गांवों में सभी सरकारी अधिकारियों को स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ कम से कम एक घंटे का समय बिताने के लिए प्रेरित करें.
इस वर्ष सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 2012 से सम्मानित किया गया .
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