पूरी दुनिया में लगभग लाखों लोग प्रतिदिन हवाई यात्रा करते हैं लेकिन हवाई जहाजों में निरंतर यात्रा करने के बावजूद हवाई जहाज एवं हवाई यात्रा के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं जिनसे अधिकांश लोग अनजान हैं. वास्तव में हवाई जहाज से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं, जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे. इस लेख में हम हवाई जहाज के बारे में 10 ऐसे तथ्यों का विवरण दे रहे हैं जिनसे अधिकांश लोग अनजान हैं.
हवाई जहाज के बारे में 10 अनजाने तथ्य
1. हवाई जहाज की खिड़की में एक छोटा अदृश्य छिद्र होता है
हवाई जहाज की खिड़की में एक छोटा अदृश्य छिद्र होता है जो खिड़कियों के बीच वायु के दबाव को नियंत्रित करता है और उन्हें कोहरे से मुक्त रखता है. हवाई जहाज की खिड़कियां ऐक्रेलिक सामग्री से बनाए जाते हैं और इसमें तीन फलक होते है. बाहरी और भीतरी फलक हवाई जहाज के अन्दर और बाहर हवा के दवाब को नियंत्रित करते हैं, जबकि मध्य फलक में स्थित अदृश्य छिद्र बाहरी और भीतरी फलक के बीच हवा के दवाब को विनियमित करता है.
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2. हवाई यात्रा के दौरान स्वाद ग्रंथियां सुन्न हो जाती है
कई बार हवाई यात्रा के दौरान परोसा गया भोजन बेस्वाद लगता है. लेकिन सच्चाई यह है कि परोसे गए भोजन में कोई समस्या नहीं होती है, बल्कि केबिन में हवा के असामान्य दबाव के कारण हमारी स्वाद ग्रंथियां सुन्न हो जाती है, जिसके कारण हमें भोजन बेस्वाद लगता है.
3. हवाई जहाज में उपलब्ध ऑक्सीजन मास्क में केवल 12-15 मिनट के लिए ही पर्याप्त ऑक्सीजन की मात्रा रहती है
अधिकांश लोग इस तथ्य से अनजान हैं कि हवाई जहाज में उपलब्ध ऑक्सीजन मास्क केवल 12-15 मिनट के लिए ऑक्सीजन प्रदान करता है और इस दौरान पायलट विमान को एक सुरक्षित ऊंचाई तक पहुंचा देता है जहां यात्री सामान्य रूप से सांस ले पाते है.
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यदि कोई व्यक्ति केबिन में हवा का दबाव कम होने के बावजूद ऑक्सीजन मास्क का उपयोग नहीं करते हैं, तो वे हाइपोक्सिया (मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी) के शिकार हो सकते हैं, जो अंततः मस्तिष्क क्षति या मौत का कारण बन सकता है.
4. हवाई जहाज में शौचालय की सीट पर बैठकर फ्लश दबाना खतरनाक साबित हो सकता है
हवाई जहाज में निर्वात दाब (वैक्यूम प्रेशर) बहुत अधिक होता है, अतः जब आप हवाई जहाज में शौचालय की सीट पर बैठकर फ्लश दबाते हैं तो पहले से उपस्थित निर्वात दाब (वैक्यूम प्रेशर) में वृद्धि हो जाती है. जिसके परिणामस्वरूप आप शौचालय में फंस सकते हैं. यही वजह है कि ज्यादातर हवाई जहाजों में टॉयलेट पर बैठकर फ्लश नहीं करने से संबंधित नोटिस चिपकाये जाते हैं.
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5. फ्लू या जुकाम से पीड़ित होने की स्थिति में हवाई यात्रा करने पर कान के पर्दों को नुकसान पहुंच सकता है
अक्सर हवाई यात्रा के दौरान यात्री कान में दर्द की शिकायत करते है. यह असुविधा ऊंचाई में अचानक परिवर्तन की वजह से होती है क्योंकि आमतौर पर कान के पर्दों के अंदर और बाहर वायु का दबाव बराबर मात्रा में रहता है.
चूँकि हवाई यात्रा के दौरान कान के अंदर और बाहर हवा के दबाव बराबर करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है, जिसके कारण यह असुविधा होती है. इससे निपटने के लिए यात्रियों को गम चबाने, टॉफीयां चूसने, मुंह में हवा भरकर और नाक को बंद करने उसे कान के माध्यम से छोड़ने की सलाह दी जाती है.
लेकिन ये उपाय उस समय काम नहीं करते हैं, जब कोई व्यक्ति फ्लू या जुकाम से पीड़ित होता है. चूँकि फ्लू या जुकाम की स्थिति में व्यक्ति के कान पहले ही बंद हो जाते है, जिससे कान के अन्दर और बहार हवा के दवाब को बराबर करने का कोई रास्ता नहीं बचता है. ऐसी स्थिति में कान में संक्रमण हो सकती है या कान के पर्दे फट सकते हैं.
6. क्या आप जानते हैं कि हवाई जहाज में केबिन क्रू के लिए छोटे-छोटे कमरे बने होते हैं
लंबे समय तक चलने वाली उड़ानों के दौरान केबिन क्रू को किसी-न-किसी समय पर ब्रेक लेना पड़ता है और हवाई जहाज में उनके आराम के लिए छोटे-छोटे कमरे बने होते हैं. अधिकांश बोइंग 777 और 787 विमानों में इस तरह की सुविधा होती है.
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केबिन क्रू टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान इन कमरों का उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन जब हवाई जहाज ऊंचाई पर रहता है तो वे इसका उपयोग करते हैं. यात्रियों के लिए इन कमरों में जाना प्रतिबंधित होता है.
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7. हवाई जहाज को केवल एक कार्यशील इंजन के साथ लंबे समय तक उड़ान भरने के लिए तैयार किया गया है
यूँ तो हवाई जहाज में एक जोड़ी इंजन मौजूद होते हैं लेकिन इसे केवल एक कार्यशील इंजन के साथ लंबे समय तक उड़ान भरने के लिए तैयार किया गया है. हवाई जहाज को केवल एक इंजन की मदद से उड़ाया जा सकता है और जमीन पर लाया जा सकता है. अतः यदि हवाई जहाज का एक इंजन विफल हो जाता है, तो पायलटों को इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाता है कि वे दूसरे इंजन की मदद से हवाई जहाज को उड़ा पाते हैं और निकटतम हवाई अड्डे पर उसे लैंड करा पाते हैं.
8. कॉकपिट में एक निकास द्वार होता है जो आपातकालीन स्थिति में पायलट को बाहर निकलने में मदद करता है
हवाई जहाज में यात्रियों के लिए कई आपातकालीन द्वार होते हैं जिनके माध्यम से वे दुर्घटना की स्थिति में बाहर निकलते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपातकालीन स्थिति में पायलटों को विमान से बाहर निकालने हेतु विमान के कॉकपिट में एक निकास द्वार होता है जो विभिन्न प्रकार के हवाई जहाजों में अलग-अलग बिंदुओं पर स्थित होता है.
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9. हवाई जहाजों पर आसमानी बिजली का कोई असर नहीं होता है
हवाई जहाजों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इन पर आसमानी बिजली का कोई असर नहीं होता है. हर वर्ष कम से कम 1 बार या हर 1,000 घंटो की उड़ान में 1 बार आसमानी बिजली किसी-न-किसी जहाज से टकराती है. लेकिन 1963 के बाद से अब तक आसमानी बिजली की वजह से कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त नही हुई है.
10. हवाईजहाज का “ब्लैक बॉक्स” गुरूत्वाकर्षण बल से 3,400 गुना अधिक बल और 2,000 डिग्री सेल्सियस तापमान को झेल सकता है
"ब्लैक बॉक्स" एक डेटा रिकॉर्डर है जो चालक दल के सदस्यों, हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारी, उड़ान नियंत्रण अधिकारी, और हवाई जहाज के तकनीकी टीम के अधिकारियों के बीच की बातचीत एवं जानकारी को संग्रहीत करता है.
ब्लैक बॉक्स एल्यूमीनियम की एक पतली परत और उच्च तापमानरोधी पदार्थ की एक इंच परत से बनाया जाता है. यह बॉक्स एक जंग प्रतिरोधी, टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से निर्मित खोल में संलग्न रहता है. ब्लैक बॉक्स द्वारा भेजे जाने वाले सिग्नल को मानवीय कान से नहीं पहचाना जा सकता है, लेकिन सोनार द्वारा इसे आसानी से प्राप्त कर लिया जाता है.
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ब्लैक बॉक्स को इस प्रकार डिजायन किया गया है कि यह गुरुत्वाकर्षण बल के 3,400 गुना अधिक बल का सामना करने में और एक घंटे तक 2,000 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले आग को भी झेलने में सक्षम होता है. ब्लैक बॉक्स का बीकन समुद्र के नीचे 20,000 फुट की गहराई में होने के बावजूद तीस दिनों तक हर दूसरे सेकेण्ड में सिग्नल का उत्सर्जन करता है.
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