फ़्रांस प्लास्टिक कपों और प्लास्टिक की प्लेटों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला विश्व का पहला देश बन गया. फ़्रांस द्वारा सितंबर 2016 में एक विधेयक पारित किया गया जिसे जनवरी 2020 में लागू किया जायेगा. इस विधेयक के अनुसार सभी डिस्पोज़ेबल टेबल सामग्री में 50 प्रतिशत जैविक पदार्थ प्रयोग किये जाने चाहिए. इस मात्रा को जनवरी 2025 में 60 प्रतिशत कर दिया जायेगा.
यह फ्रांस के एनर्जी ट्रांजीशन फॉर ग्रीन ग्रोथ एक्ट का ही भाग होगा. यह क़ानून देश में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए लाया गया है. जुलाई 2016 में फ़्रांस द्वारा सुपरमार्केट में प्लास्टिक के थैलों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया था.
प्रतिबन्ध क्यों
स्वास्थ्य और पर्यावरण फ्रेंच एसोसिएशन के अनुसार फ़्रांस में प्रत्येक एक सेकेंड 150 प्लास्टिक कप फेंके जाते हैं. यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 4.73 बिलियन तक पहुंच जाता है.
एनर्जी ट्रांजीशन फॉर ग्रीन ग्रोथ एक्ट
• फ्रांस ने 17 अगस्त 2015 को यह कानून बनवाकर देश में पर्यावरण सुरक्षा एवं हरित विकास हेतु ठोस कदम उठाये. इसके लिए देश में 2012 तथा 2013 में सार्वजनिक सम्मेलनों तथा विशेष कार्यक्रमों में बात रखी गयी.
• यह विधेयक फ़्रांस के एनर्जी मॉडल को नवीन रूप प्रदान करने में उपयोगी होगा. इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि नए एनर्जी मॉडल में सतत विकास को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे.
इस विधेयक के छह उद्देश्य
• 1990 की तुलना में 2030 तक सीएचजी उत्सर्जन 40 प्रतिशत कम करना.
• 2012 की तुलना में 2050 तक उर्जा खपत आधा करना.
• 2012 के स्तर की तुलना में 2030 तक जीवाश्म ईंधन की खपत 30 प्रतिशत कम करना.
• वर्ष 2030 तक अक्षय उर्जा की खपत 30 प्रतिशत कम करना.
• वर्ष 2025 तक कचरा प्रबंधन को अब की तुलना में आधा करना.
• उर्जा खपत में 2025 तक परमाणु उर्जा का भाग 50 प्रतिशत तक कम करना.
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