कैरिबियन देश हैती में समुद्री तूफ़ान मैथ्यू से हुई भारी जान-माल की हानि के बाद यह 7 अक्टूबर 2016 को अमेरिका के फ्लोरिडा तथा जॉर्जिया राज्यों में पंहुचा. हैती में 339 लोगों की मृत्यु के बाद फ्लोरिडा और जॉर्जिया में सरकार द्वारा आपातकाल घोषित कर दिया गया. इसके तहत लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिया कहा गया है.
इस आपातकालीन स्थिति में 15 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जायेगा. अमेरिकी मौसम विभाग द्वारा प्रसारित जानकारी के अनुसार मैथ्यू तूफान में 230 किलोमीटर प्रति घंटे से चल रही हवाओं से स्थिति भयावह हो चुकी है.
इस तूफान से में अधिकतर मछली पालन में कार्यरत लोग, तिबुरोन प्रायद्वीप तथा समुद्री किनारे रहने वाले लोग क्षति के शिकार हुए. संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को सूचित करते हुए बताया गया है कि मैथ्यू से हैती में 80 प्रतिशत घर ध्वस्त हो गये जिनमें सात लाख से अधिक लोग रहते थे.
फ्लोरिडा के गवर्नर रिक स्कॉट ने मैथ्यू तूफान के चलते पूरे राज्य में आपातकाल की घोषणा करते हुए इसे गंभीरता से लेने का आग्रह किया है.
ऐसे निर्धारित होते हैं तूफानों के नाम
समुद्री तूफ़ान अथवा चक्रवात के लिए विशेष नाम दिए जाते हैं ताकि चेतावनी जारी करने में आसानी हो सके एवं सूचना प्रसारित करने में भी आसानी हो सके. विश्वभर में दिए जाने वाले तूफानों के नामों के लिए एक विशेष प्रक्रिया निर्धारित की गयी है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन ने कुछ मानक तय किये हैं.
• वास्तविक नियम बनाये जाने से पूर्व 20वीं शताब्दी के आरंभ में चक्रवातों का नाम ऑस्ट्रेलियन मौसम विज्ञानियों द्वारा भ्रष्ट नेताओं के नाम पर रखा जाता था.
• इसके पश्चात् द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी नौसेना एवं मौसम विभाग अधिकारियों द्वारा अपनी पत्नियों एवं प्रेमिकाओं के नाम पर चक्रवातों के नाम रखे जाने लगे.
• इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन द्वारा नियम तय करते हुए छह सूचियां बनाई गयीं जिसमें प्रत्येक सूची में 21 नाम दिए गये.
• इन सूचियों में अंग्रेजी के अल्फाबेट के हर वर्ण से नाम दिए गये हैं लेकिन इसमें Q, U, X, Y और Z को शामिल नहीं किया गया.
• नियमों के अनुसार तूफानों के नाम छोटे होने चाहिए एवं इसकी भाषा अंग्रेजी, स्पेनिश या फ्रेंच होनी चाहिए.
• साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि इसमें उत्तरी अमेरिकी एवं कैरेबियन भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.
• देश में एक बार सूची के नाम पूरे हो जाने पर उसे छह वर्ष बाद दोहराया जाता है.
• जिन तूफानों से सबसे अधिक हानि हुई होती है उन्हें दोबारा यह नाम नहीं दिया जाता ताकि उसे याद रखने में आसानी हो.
• यह प्रयास किया जाता है कि कम से कम 25 वर्षों तक नाम दोहराए न जायें.
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