भारत एवं रूस ने 13 अक्टूबर 2016 को देश में विकिरण केंद्रों को स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये.
ब्रिक्स व्यापार मंच की बैठक से भिन्न यह समझौता हिंदुस्तान एग्रो को-ऑपरेटिव लिमिटेड और रूस की युनाइटेड इनोवेशन कॉरपोरेशन (यूआईसी) के मध्य किया गया. यूआईसी रोसेटम स्टेट एटॉमिक एनर्जी कॉरपोरेशन की अनुषंगी कंपनी है.
भारत की ओर से हिंदुस्तान एग्रो को-ऑपरेटिव लिमिटेड के चेयरमैन भारत ढोकणी पाटिल ने इस पर हस्ताक्षर किये जबकि रूस की ओर से यूआईसी के सीईओ, डेनिस चेरेदेचिनको ने हस्ताक्षर किये.
समझौते की विशेषताएं
• इस द्विपक्षीय समझौते के तहत देश में 25 विकिरण केंद्र स्थापित किये जायेंगे.
• पहले चरण में महाराष्ट्र में सात केंद्र स्थापित किये जायेंगे.
• यह सिन्धुगढ़, सतारा, सोलापुर, जेएनपीटी, जलाना, नापुर एवं पुणे में स्थापित किये जायेंगे.
• यूआईसी तकनीकी पार्टनर होगा जो भारत ने यह केंद्र स्थापित करने में सहायता करेगा.
पृष्ठभूमि
एक अनुमान के अनुसार, उत्पादन के उपरांत भारत में 40 से 50 प्रतिशत अनाज एवं खाद्यान्न नष्ट हो जाता है. इस हानि के मुख्य कारण कीट प्रकोप, सूक्ष्म जीव विज्ञानी संदूषण तथा ख़राब शेल्फ लाइफ है.
फल, फूल, सब्जियों एवं मांस मछली जैसी जल्दी ख़राब होने वाली चीजों को विकिरण से गुजारने पर उनके ताजा बने रहने की तादाद बढ़ जाती है. इससे देश में होने वाली अनाज की हानि को कम किया जा सकेगा.
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