मध्याहन भोजन योजना, प्राथमिक स्तर पर पोषण के लिए प्रारंभ की गयी राष्ट्रीय स्तर की योजना थी. इसकी शुरुआत 1995 में की गयी . इस राष्ट्रव्यापी केंद्रीय योजना की शुरुआत स्कूलों में उपस्तिथि को बढ़ाने के साथ ही स्कूल छोड़ने के दर पर ध्यान देना था. इस योजना का एक लक्ष्य प्राथमिक स्तर के बच्चो में पोषण के स्तर को भी सुधारना था. मिड डे मिल योजना खाद्या व्यवस्था करने वाला विश्व की सबसे बड़ी योजना है जिसे कि राष्ट्र के 12 लाख स्कूलों में 11 करोड़ बच्चों की पहुँच में बनाया गया है . इस योजना का क्रियान्वयन राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है.
वर्ष 2008-09 से मिड डे मिल योजना स्थानीय एवं सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थी जो की प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के हैं, के लिए दिया जाता है इसके साथ ही सभी नवीन शिक्षा संस्थान जैसे मदरसा इत्यादि भी राष्ट्रीय स्तर पर इसके अंतर्गत आते हैं .
मिड डे मिल योजना का प्रस्तुतिकरण राज्यों के स्तर पर बहुत अलग पाया जाता है . उत्तर प्रदेश में खाद्यान माफ़िया तथा भ्रष्ट अधिकारियों के कारण इसका क्रियान्वयन बहुत अच्छा नही है . जबकि तमिलनाडु में इसका प्रदर्शन किसी उपलब्धि से कम नहीं है.
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