कच्चा रेशम बनाने के लिये रेशम के कीटों का पालन रेशम उत्पादन (Sericulture) या 'रेशमकीट पालन' कहलाता है। विश्व में रेशम का प्रचलन सर्वप्रथम चीन में हुआ था| चीन प्राकृतिक रेशम उत्पादन में विश्व में पहले नम्बर पर है इसके बाद भारत का नंबर आता है| भारत में हर प्रजाति का रेशम पैदा किया जाता है |
रेशम कैसे बनता है ?
रेशम कीट अपनी प्यूपा अवस्था में शरीर के चारों ओर रेशमी धागा बनाकर अपने आप को धागे के बीच बंद कर लेता है जिसे कोया कहते हैं | इस प्रकार रेशम का धागा “कीट के कोया” से प्राप्त किया जाता है| रेशम का धागा प्रोटीन है जबकि कपास एवं जूट का सूत सेल्यूलोस का बना होता है |
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कृषि विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के कदम
भारत में रेशम से सम्बंधित तथ्य निम्नलिखित हैं:
1. भारत में केन्द्रीय रेशम अनुसन्धान प्रक्षेत्र बहरामपुर में 1943 में स्थापित किया गया था |
2. रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1949 में रेशम बोर्ड की स्थापना की गयी थी |
3. केन्द्रीय इरी अनुसन्धान संस्थान, मेंदिपाथर(मेघालय) में एवं केन्द्रीय टसर अनुसन्धान प्रशिक्षण संस्थान रांची (झारखण्ड) में स्थित है |
4. रेशम कीट की कई जातियां हैं | भारत में सबसे अधिक शहतूत रेशम कीट का पालन किया जाता है |
5. भारत, रेशम का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के साथ-साथ पांच किस्मों के रेशम-मलबरी, टसर, ओक टसर, इरी और मूंगा सिल्क का उत्पादन करने वाला अकेला देश है और यह चीन से बड़ी मात्रा में मलबरी कच्चे सिल्क और रेशमी वस्त्रों का आयात करता है।
6. भारत के कुल रेशम उत्पादन में से मलबरी किस्म के रेशम का उत्पादन 89%, इरी किस्म के रेशम का उत्पादन 8.6%, टसर किस्म के रेशम का 2% तथा मूंगा किस्म के रेशम का उत्पादन 0.4% होता है|
7. विश्व के कुल रेशम उत्पादन में भारत का हिस्सा 18% है |
8. देश के कुल रेशम उत्पादन का लगभग 50% कर्नाटक में होता है इसके बाद क्रमशः आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है |
9. भारत के कुल कपडा निर्यात में रेशमी वस्त्रों का हिस्सा 3% है |
10. रेशम उद्योग पर्यावरण के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ फैशन उद्योग के लिए भी बहुत लाभकारी है |
भारत, इस समय विश्व में चीन के बाद कच्चे सिल्क का दूसरा प्रमुख उत्पादक है। वर्ष 2009-10 में इसका 19,690 टन उत्पादन हुआ था, जो कि वैश्विक उत्पादन का 15.5 फीसदी है|
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