ऐसे 8 काम जो आप पृथ्वी पर कर सकते हैं लेकिन अन्तरिक्ष में नही

Mar 28, 2017, 15:58 IST

अन्तरिक्ष की दुनिया के बारे में जानने को हर बच्चे से लेकर व्यस्क तक उत्साहित रहते हैl हर किसी के मन में अन्तरिक्ष की दुनिया को लेकर कई तरह के प्रश्न होते हैं कि अन्तरिक्ष में लोग कैसे रहते हैं, क्या खाते हैं और कैसे सोते हैंl इस लेख में हमने उन कामों के बारे में बताया है जो कि प्रथ्वी पर तो बहुत ही आसानी से किये जा सकते हैं लेकिन अन्तरिक्ष में करना लगभग नामुमकिन सा होता है l

अन्तरिक्ष की दुनिया के बारे में जानने को हर बच्चे से लेकर व्यस्क तक उत्साहित रहते हैl हर किसी के मन में अन्तरिक्ष की दुनिया को लेकर कई तरह के प्रश्न होते हैं कि अन्तरिक्ष में लोग कैसे रहते हैं, क्या खाते हैं और कैसे सोते हैंl इस लेख में हमने उन कामों के बारे में बताया है जो कि प्रथ्वी पर तो बहुत ही आसानी से किये जा सकते हैं लेकिन अन्तरिक्ष में करना लगभग नामुमकिन सा होता है l

1. लिखने के लिए बॉल पॉइंट पेन का इस्तेमाल: यदि आप पृथ्वी पर हैं तो आप आराम से बॉल पेन का इस्तेमाल कर सकते हैं l लेकिन इस बॉल पेन का इस्तेमाल आप अन्तरिक्ष में नही कर सकते क्योंकि अन्तरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति के कारण पेन की स्याही निब की तरफ नही जाती हैl कुछ लोग पेंसिल के इस्तेमाल की बात कहते हैं लेकिन ऐसा करना सुरक्षित नही माना जाता है, इसलिए इस समस्या के समाधान के लिए स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता है जिसे “स्पेशल फिशर पेन” कहते हैंl लेकिन इस पेन के वाबजूद भी अन्तरिक्ष में लिखना आसान नही है क्योंकि यदि आपने पेन और कॉपी हाथ से छोड़ दिए तो वे अन्तरिक्ष में तैरने लगेंगेl

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2. अन्तरिक्ष में बीयर या कोल्ड ड्रिंक पीना: अगर कोई ये सोचता है कि अन्तरिक्ष में जाने वाले लोग बीयर या कोल्ड ड्रिंक के साथ मौज मस्ती करते होंगे तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि इन दोनों पेय पदार्थों में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) गैस होती है जो कि पृथ्वी पर तो बोतल के खोलने पर झाग या बुलबुलों के माध्यम से वायुमंडल में चली जाती है परन्तु जैसा कि सभी को पता है कि अन्तरिक्ष में वायुमंडल नही है इस कारण वहां पर CO2 गैस बोतल से बाहर नही निकल पायेगी और पीने वाले के पेट में बहुत बहुत सी CO2 गैस जमा हो जायेगी (क्योंकि वहां डकार भी नही ली जा सकती है) जो कि उसके लिए हानिकारक होगी l

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3. अंतरिक्ष में पानी नही मिलता है इसलिए यहाँ पर पानी भी वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी से ही ले जाया जाता है और तो और ये लोग अपनी पेशाब को भी दुबारा शुद्ध करके(purify) पीने लायक बनाते हैं और नहाने के लिए गीले कपडे का इस्तेमाल करते हैंl यहाँ पर वैज्ञानिक गिलास से पानी नही पी सकते हैं, जग या शावर से नही नहा सकते हैं इसलिए वैज्ञानिक अपने साथ बहुत से कपडे ले जातें हैं और एक कपडे को कई दिन तक बिना धुले पहनते हैं l

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4. अन्तरिक्ष में सीटी बजाना: पृथ्वी की तुलना में बहुत कम वायुमंडलीय दाव होने के कारण यहाँ पर सीटी बजाना लगभग दुस्कर कार्य है क्योंकि सीटी की आवाज को दूसरे व्यक्ति तक पहुचने के लिए हवा की जरुरत होती है जो कि यहाँ पर नही है l अर्थात सीटी बजाने के लिए पर्याप्त हवा की अनुपस्थिति के कारण आप यहाँ पर सीटी नही बजा सकते हैंl

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image source:Chiff and Fipple

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5. अन्तरिक्ष में रोना: अन्तरिक्ष में लिक्विड का व्यवहार पृथ्वी से अलग होता है इसलिए यदि हम अन्तरिक्ष में रोते हैं तो आंसू हमारी आँखों से छलकेंगे नही बल्कि ये आंसू हमारी आँखों में ही एक टीयर बॉल का आकर ले लेंगे इस कारण अन्तरिक्ष में रोना संभव नही है l

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image source:tech.ifeng.com
6. अन्तरिक्ष में गर्भधारण करना: अभी तक तो न ही किसी का जन्म अन्तरिक्ष में हुआ है और न ही कोई गर्भवती महिला अन्तरिक्ष में गयी है l अन्तरिक्ष में गर्भधारण करना भी मुश्किल माना जाता है लेकिन यदि गर्भ धारण हो भी गया तो यहाँ पर मौजूद विकिरण के कारण बच्चे में कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है और उनका DNA क्षतिविक्षित होने की वजह से वे कभी भी पिता नही बन पाएंगे l शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण भी उनकी हड्डियाँ और मांसपेशियां बहुत ही कमजोर होंगीं l
7. अंतरिक्ष पर कब्ज़ा करना: वैसे तो हमारे देश में कुछ लोग ट्रेन या बस की सीत पर कब्ज़ा करने के लिए रुमाल या कोई अन्य चीज रख देते हैं परन्तु यह नियम अंतरिक्ष में लागू नहीं होता है l 1960 में हुई एक संधि के अनुसार कोई भी देश अंतरिक्ष के किसी हिस्से पर कब्ज़ा नही कर सकता है चाहे वे देश वह जगह पर सबसे पहले पहुंचा हो l

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image source:Australian Space Academy
8. अन्तरिक्ष में दिशा का पता लगाना: पृथ्वी पर कम्पास की मदद से हम दिशाओं का पता लगा लेते हैं लेकिन आप इस बात को जानकर हैरान होंगे कि अन्तरिक्ष में दिशा जैसा कुछ भी नही होता है क्योंकि यहाँ पर कम्पास काम नही करता है इसीलिए यहाँ पर लोगों को पूरब, पश्चिम , उत्तर, दक्षिण, ऊपर और नीचे में कोई अंतर पता नही चलता है l इस दिशा शून्यता के कारण वैज्ञानिक किसी भी दिशा, फर्श, छत पर सो जाते हैं l

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image source:Business Insider
इस प्रकार ऊपर दिए गए बिन्दुओं से एक बात तो बहुत स्पष्ट हो गयी है कि अन्तरिक्ष की दुनिया पृथ्वी से बहुत अलग है l ऐसे बहुत से काम है जो कि आप पृथ्वी पर चुटकी बजाते हुए कर लेते हैं लेकिन अन्तरिक्ष में अथक प्रयासों के बाद भी नही कर पाएंगे l

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1.       लिखने के लिए बॉल पॉइंट पेन का इस्तेमाल: यदि आप पृथ्वी पर हैं तो आप आराम से बॉल पेन का इस्तेमाल कर सकते हैं l लेकिन इस बॉल पेन का इस्तेमाल आप अन्तरिक्ष में नही कर सकते क्योंकि अन्तरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति के कारण पेन की स्याही निब की तरफ नही जाती हैl कुछ लोग पेंसिल के इस्तेमाल की बात कहते हैं लेकिन ऐसा करना सुरक्षित नही माना जाता है, इसलिए इस समस्या के समाधान के लिए स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता है जिसे “स्पेशल फिशर पेन” कहते हैंl लेकिन इस पेन के वाबजूद भी अन्तरिक्ष में लिखना आसान नही है क्योंकि यदि आपने पेन और कॉपी हाथ से छोड़ दिए तो वे अन्तरिक्ष में तैरने लगेंगेl

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2.       अन्तरिक्ष में बीयर या कोल्ड ड्रिंक पीना: अगर कोई ये सोचता है कि अन्तरिक्ष में जाने वाले लोग बीयर या कोल्ड ड्रिंक के साथ मौज मस्ती करते होंगे तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि इन दोनों पेय पदार्थों में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) गैस होती है जो कि पृथ्वी पर तो बोतल के खोलने पर झाग या बुलबुलों के माध्यम से वायुमंडल में चली जाती है परन्तु जैसा कि सभी को पता है कि अन्तरिक्ष में वायुमंडल नही है इस कारण वहां पर CO2 गैस बोतल से बाहर नही निकल पायेगी और पीने वाले के पेट में बहुत बहुत सी CO2 गैस जमा हो जायेगी (क्योंकि वहां डकार भी नही ली जा सकती है) जो कि उसके लिए हानिकारक होगी l

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3.       अंतरिक्ष में पानी नही मिलता है इसलिए यहाँ पर पानी भी वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी से ही ले जाया जाता है और तो और ये लोग अपनी पेशाब को भी दुबारा शुद्ध करके(purify) पीने लायक बनाते हैं और नहाने के लिए गीले कपडे का इस्तेमाल करते हैंl यहाँ पर वैज्ञानिक गिलास से पानी नही पी सकते हैं, जग या शावर से नही नहा सकते हैं इसलिए वैज्ञानिक अपने साथ बहुत से कपडे ले जातें हैं और एक कपडे को कई दिन तक बिना धुले पहनते हैं l

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4.       अन्तरिक्ष में सीटी बजाना: पृथ्वी की तुलना में बहुत कम वायुमंडलीय दाव होने के कारण यहाँ पर सीटी बजाना लगभग दुस्कर कार्य है क्योंकि सीटी की आवाज को दूसरे व्यक्ति तक पहुचने के लिए हवा की जरुरत होती है जो कि यहाँ पर नही है l अर्थात सीटी बजाने के लिए पर्याप्त हवा की अनुपस्थिति के कारण आप यहाँ पर सीटी नही बजा सकते हैंl

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5.       अन्तरिक्ष में रोना: अन्तरिक्ष में लिक्विड का व्यवहार पृथ्वी से अलग होता है इसलिए यदि हम अन्तरिक्ष में रोते हैं तो आंसू हमारी आँखों से छलकेंगे नही बल्कि ये आंसू हमारी आँखों में ही एक टीयर बॉल का आकर ले लेंगे इस कारण अन्तरिक्ष में रोना संभव नही है l

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6.        अन्तरिक्ष में गर्भधारण करना: अभी तक तो न ही किसी का जन्म अन्तरिक्ष में हुआ है और न ही कोई गर्भवती महिला अन्तरिक्ष में गयी है l अन्तरिक्ष में गर्भधारण करना भी मुश्किल माना जाता है लेकिन यदि गर्भ धारण हो भी गया तो यहाँ पर मौजूद विकिरण के कारण बच्चे में कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है और उनका DNA क्षतिविक्षित होने की वजह से वे कभी भी पिता नही बन पाएंगे l शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण भी उनकी हड्डियाँ और मांसपेशियां बहुत ही कमजोर होंगीं l

7.        अंतरिक्ष पर कब्ज़ा करना: वैसे तो हमारे देश में कुछ लोग ट्रेन या बस की सीत पर कब्ज़ा करने के लिए रुमाल या कोई अन्य चीज रख देते हैं परन्तु यह नियम अंतरिक्ष में लागू नहीं होता है l 1960 में हुई एक संधि के अनुसार कोई भी देश अंतरिक्ष के किसी हिस्से पर कब्ज़ा नही कर सकता है चाहे वे देश वह जगह पर सबसे पहले पहुंचा हो l

 

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image source:Australian Space Academy

 

8.        अन्तरिक्ष में दिशा का पता लगाना: पृथ्वी पर कम्पास की मदद से हम दिशाओं का पता लगा लेते हैं लेकिन आप इस बात को जानकर हैरान होंगे कि अन्तरिक्ष में दिशा जैसा कुछ भी नही होता है क्योंकि यहाँ पर कम्पास काम नही करता है इसीलिए यहाँ पर लोगों को पूरब, पश्चिम , उत्तर, दक्षिण, ऊपर और नीचे में कोई अंतर पता नही चलता है l इस दिशा शून्यता के कारण वैज्ञानिक किसी भी दिशा, फर्श, छत पर सो जाते हैं l

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image source:Business Insider

इस प्रकार ऊपर दिए गए बिन्दुओं से एक बात तो बहुत स्पष्ट हो गयी है कि अन्तरिक्ष की दुनिया पृथ्वी से बहुत अलग है l ऐसे बहुत से काम है जो कि आप पृथ्वी पर चुटकी बजाते हुए कर लेते हैं लेकिन अन्तरिक्ष में अथक प्रयासों के बाद भी नही कर पाएंगे l

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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