भारत में GST के लागू होने से चीन को क्या नुकसान होगा

Oct 24, 2017, 03:29 IST

चीन की सस्ती वस्तुएं भारत में बहुत बड़ी मात्रा में बेचीं जातीं हैं. ये वस्तुएं इतनी सस्ती होतीं हैं कि भारत के निर्माता इन चीनी निर्माताओं का मुकाबला नही कर पाते हैं. लेकिन GST लागू होने के बाद चीन के लिए मुसीबत पैदा होने वाली है क्योंकि अभी चीनी वस्तुएं एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में बिना किसी कर को चुकाए और रजिस्ट्रेशन किये भेजी जा सकतीं हैं लेकिन GST लागू होने के बाद ऐसा नही हो पायेगा.

भारत ने 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में कई अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर सिर्फ एक कर “वस्तु एवं सेवा कर” (Goods and Services Tax) लगा दिया है. देश में इस नयी कर व्यवस्था से जहाँ कई चीजें सस्ती होंगी और कई महँगी भी. चीन की सस्ती वस्तुएं भारत में बहुत बड़ी मात्रा में बेचीं जातीं हैं. ये वस्तुएं इतनी सस्ती होतीं हैं कि भारत के निर्माता इन चीनी निर्माताओं का मुकाबला नही कर पाते हैं. लेकिन  GST लागू होने के बाद चीन के लिए मुसीबत पैदा होने वाली है.

how gst works

Image source:Webdunia

भारत vs चीन: 13 विभिन्न क्षेत्रों में तुलना

दरअसल GST में यह प्रावधान है कि भारत के हर राज्य में सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक ही दर से कर लगेगा. इस प्रकार GST के कारण सस्ते चीनी उत्पादों की अंतरराज्यीय आपूर्ति श्रृंखला (interstate supply chain) टूट जाएगी जिससे चीन के सस्ते उत्पादों की कीमत बढ़ जाएगी हालाँकि बड़े उत्पादों के मूल्यों पर कोई फर्क नही पड़ेगा.

चीन के उत्पाद भारत में किस तरह बिकते हैं?

चीन अपने सस्ते उत्पादों को भारत में खपाने के लिए सबसे पहले उत्पादों का सैंपल भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली के गफ्फार मार्केट, नेहरु प्लेस और मुंबई के मनीष मार्केट, अब्दुल रहमान स्ट्रीट और मुसाफिर खान मार्केट में भेजते हैं और जब इन बड़े थोक विक्रेताओं को यह सामान पसंद आ जाता है तो वे चीन से सस्ती वस्तुओं का बड़ा आर्डर मंगाते हैं. इस बड़े आर्डर को ये देश के हर प्रदेश में बैठे छोटे व्यापारियों को भेज देते हैं और इन छोटे व्यापारियों से दुकानदारों के माध्यम से ये उत्पाद भारत के घरों में पहुँच जाते हैं. सबसे बड़ी बात यह कि इस पूरी व्यापार प्रक्रिया में भुगतान के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का प्रयोग नही होता है अर्थात भारत सरकार को कर का बहुत बड़ा हिस्सा नही मिल पाता है.

(भारत में चीन के सामान से भरी दुकान)

Chinese products in india
Image source:Daily Mail

भारत vs चीन: 1962 का “रेज़ांग ला” का युद्ध; एक अविश्वसनीय लड़ाई

चीन के कौन से उत्पादों की सबसे ज्यादा मांग भारत में है?

खिलौने, कम कीमत वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, कंप्यूटर के पार्ट्स, मोबाइल, लाइटिंग, शादी और जन्मदिन समारोहों में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री, होली दिवाली और रक्षाबंधन के समय प्रयोग में आने वाली सामग्री, स्टेशनरी, प्लास्टिक वायर, बिल्डिंग मटेरियल इत्यादि सामग्री बहुत आसानी से भारत के बाजार में आ जाती है.

made in china

Image source:ROMEO CAYABYAB

चीन से समान मंगाने वाले आयातक 14-28% आयात शुल्क और प्रतिकारी शुल्क (countervailing duty) जो कि 0 से 150% के बीच होता है, चुकाते हैं.

चीन के उत्पादों की लागत कम क्यों होती है?

इसमें मुख्य रूप से 2 कारण हैं

1. चीन में जनसँख्या अधिक होने के कारण श्रम सस्ता है.

2. सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सब्सिडी दी जाती है जिससे उनकी उत्पादन लागत कम हो जाती है.
यही दो कारण हैं कि चीन के व्यापारी भारत में ऊंची आयात दरों का भुगतान, एंटी डंपिंग ड्यूटी और भ्रष्ट अधिकारीयों को रिश्वत देने के बावजूद भारत में बहुत सस्ते दामों पर अपने उत्पादों को बेच लेता है.

13 ऐसे रहस्य जिसे चीन ने विश्व से छिपा रखा है

GST के लागू होने से भारत में चीनी उत्पाद इस प्रकार प्रभावित होंगे

1. GST के लागू होने के बाद भारत के एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं का गैर पंजीकृत व्यापार बहुत हद तक बंद हो जायेगा और चीनी उत्पादों का व्यापार करने वाले व्यापारियों को भारत सरकार को कर चुकाना पड़ेगा.

(एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुएं ले जाते ट्रक)

truck
Image source:google

2. GST के बाद भारत के हर राज्य में कर की दरें एक सामान होंगी जिससे जिन राज्यों में कर की दरें कम थी और चीनी उत्पाद ज्यादा सस्ते में बेचे जाते थे वहां पर चीनी उत्पादों (कर की दरें सामान होने के कारण) के दाम बढ़ जायेंगे जिससे उनकी मांग घटेगी और भारतीय उत्पादकों को भी अपने उत्पाद बाजार में बेचने का मौका मिलेगा.

3. चीनी उत्पादों का बाजार भारत के लोकल मार्केट तक सीमित रह जायेगा और व्यापार का आकार भी कम हो जायेगा.

4. चीनी मिट्टी के बर्तन, प्लास्टिक, सेनेटरीवेयर और सैनिटरी नैपकिन को ज्यादा टैक्स वाली केटेगरी (28%) में शामिल किया है ताकि इन वस्तुओं का चीनी आयात कम करके घरेलू उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके.

(चीनी मिट्टी के बर्तन)

crockery
Image source:weddingz.in

चीनी उत्पादों की कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

1. इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि यदि चीन के बने उत्पाद भारत में आने कम हो गए तो इन उत्पादों की भारत के बाजारों में कमी हो जाएगी जिससे उनकी कीमतें बढ़ जायेगीं और यदि यह कमी लम्बे समय तक बनी रही तो भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रा स्फीति भी बढ़ जाएगी.

2. इस बात में कोई शक नही है कि चीन के उत्पादों की भारत में कमी से हमारे देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा लेकिन भारतीय कंपनियों की उत्पादन लागत अधिक होने के कारण उपभक्ताओं को उन्ही उत्पादों की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.

India china trade 2017
Image source:google

3. ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि GST के लागू होने के बाद बहुत से बड़े व्यापारियों ने फेस्टिवल सीजन के अपने चीनी आर्डर कैंसिल कर दिए हैं इससे भारत में व्यापार गतिविधियों में शामिल बहुत से लोगों के बेरोजगार होने की संभवाना है.

सारांश के रूप में यह कहा जा सकता है कि जहाँ GST से एक तरफ चीन से होने वाला आयात घटेगा, भारत का भुगतान संतुलन ठीक होगा वहीँ दूसरी तरफ यदि भारत के उत्पादक चीनी उत्पादों की कमी की भरपाई बाजार में न कर पाए तो उपभोक्ताओं को अधिक कीमत पर उन्ही उत्पादों को खरीदना पड़ेगा जिन्हें वह चीन से सस्ते में खरीदा करता था.

चीन से संबंधित 15 रोचक तथ्य

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News