भारत सरकार द्वारा हाल ही में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और काले धन पर लगाम लागने के लिए के कई प्रयास किये हैं जिसमे किसी भी खरीदारी के लिए 2 लाख रुपये तक कैश में भुगतान करने की छूट प्रदान की गई है,इससे अधिक का कैश में भुगतान करने पर भुगतान की गयी राशि के बराबर ही पेनल्टी लगायी जायेगीl इसे के मद्देनजर सरकारी और निजी बैंकों ने भी बैंक में लेन देन और एटीएम लेन देन की सीमा भी निर्धारित कर दी हैl इस लेख में ऐसे ही नये नियमों किए बारे में बताया गया हैl
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इस्लामिक बैंकिंग क्या होती है और यह कैसे काम करती है?
बचत खाते के लिए न्यूनतम मासिक बैलेंस
यदि कोई बचत खाता जीरो बैलेंस के अंतर्गत खुला हुआ बचत खाता है तो उसे ‘नो फ्रिल अकाउंट’ कहा जाता है l इस प्रकार के खाते के लिए महीने में न्यूनतम राशि रखने की जरुरत नही हैl इस प्रकार के खाते से महीने में कितनी ही राशि के पहले चार लेनदेन (transactions) पर कोई भी शुल्क नही लगेगा l
ज्यादा संख्या में नकद लेनदेन करने पर देना होगा अतिरिक्त शुल्क
एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे प्रमुख निजी बैंक अब प्रति माह एक सीमा से अधिक लेन देन (cash deposits and withdrawals) करने पर हर लेन देन पर 150/लेनदेन के हिसाब से चार्ज लगायेंगे l HDFC बैंक में ये चार्ज बचत और सैलरी अकाउंट पर लगेंगे जबकि ICICI बैंक पहले 4 लेन-देन के बाद हर नये लेन-देन पर 5 रुपये प्रति 1000 रुपये के हिसाब से चार्ज लेगा लेकिन किसी तीसरी पार्टी के सम्बन्ध में यह सीमा 5000 रुपये प्रतिदिन होगी l
अब बैलेंस चेक करने के लिए बैंक अतिरिक्त शुल्क वसूलेंगे:
यदि आपका खाता एक निजी बैंक में है तो अपने बैलेंस की जाँच करने, मिनी स्टेटमेंट प्राप्त करने और पिन बदलने के लिए भी 8.5 रुपये प्रति लेन देन के हिसाब से चार्ज किया जायेगा l
ATM से लेन देन करने में
इन नियम के तहत बैंकों ने एटीएम मशीनों पर लोड कम करने के लिए एटीएम से फ्री में रुपये निकालने की सीमा को पार करने पर भी शुल्क लगाने का फैसला किया हैl उदाहरण के लिए, एक्सिस बैंक ने यह नियम बनाया है कि पहले 5 लेन देन फ्री में करने या 10 लाख रुपये तक जमा या निकासी के बाद यदि कोई अगला लेन-देन (transaction) करता है तो उसे 1000 रुपये के हर लेन-देन पर 5 रुपये या 150 रुपये (जो भी राशि ज्यादा हो) का चार्ज वहन करना होगा l
क्या किसी व्यक्ति को उपरोक्त सभी शुल्कों से स्थायी रूप से छूट दी गयी है?
हां, छोटे खाताधारकों (minor account holders) और वरिष्ठ नागरिकों को ऊपर सूचीबद्ध सभी अतिरिक्त शुल्कों से छूट दी गयी हैl
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भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI ने इस दिशा में क्या नीति अपनाई है ?
SBI ने अपने सभी ग्राहकों को एक महीने में तीन बार बैंक की ब्रांच में जाकर लेन-देन करने पर कोई शुल्क ना लगाने का फैसला किया है लेकिन यदि कोई इससे अधिक बार बैंक में जाता है तो उसे हर लेन-देन पर 50 रुपये की दर से शुल्क देना होगा l इसके अलावा एक महीने में 5 बार एटीएम का प्रयोग (सिर्फ SBI के एटीएम से)बिना किसी पेनल्टी के किया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक बार लेन-देन करने पर हर लेन-देन पर 10 रूपये का शुल्क लिया जायेगा लेकिन यदि कोई SBI खाता धारक किसी अन्य बैंक के एटीएम से 3 से अधिक बार रुपया निकालता है तो उसे हर बार 20 रुपये का शुल्क देना होगा l
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S.B.I. में मिनिमम बैलेंस रखने का नियम इस प्रकार है:
1. मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कलकत्ता) में मिनिमम बैलेंस 5000 होना चाहिएl
2. शहर या कस्बे की ब्रांच में खाता धारकों को मिनिमम बैलेंस 3000 रखना चाहिएl
3. अर्द्ध शहरी क्षेत्रों की ब्रांच में खाता धारकों को मिनिमम बैलेंस 2000 रखना चाहिएl
4. गावों में स्थित बैंकों में खाता धारकों को मिनिमम बैलेंस 1000 रखना चाहिएl
यदि किसी खाता धारक ने अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नही रखा तो उसको 200 रुपये + सर्विस चार्ज देना पड़ेगा l
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इस प्रकार ऊपर दिए गए विवरण से यह बात साफ़ हो जाती है कि सरकार काले धन के खात्मे के लिए पूरी तरह से समर्पित है और देश के बैंकिंग संस्थान भी इस दिशा में सरकार के साथ खड़े दिखायी दे रहे हैं l लेकिन इस कदम से इस बात की संभावना भी दिखायी दे रही है कि देश में बैंकिंग सेवाएँ बहुत ही महँगी हो जाएँगी, जो कि सरकार के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को झटका देने जैसा है l
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