Rashtriya Ekta Diwas 2025: राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) हर साल 31 अक्टूबर को देशभर में बड़े गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को समर्पित है, जिन्होंने आज़ादी के बाद 560 से अधिक रियासतों को एकजुट कर भारत के एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य किया। वर्ष 2025 इस दिवस को और विशेष बनाता है क्योंकि यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती का प्रतीक है।
थीम 2025: “एक भारत, आत्मनिर्भर भारत”
इस वर्ष की थीम “Ek Bharat, Aatmanirbhar Bharat” देश की एकता को आत्मनिर्भरता और विकसित भारत 2047 के विज़न से जोड़ती है। यह संदेश देती है कि राष्ट्र तभी मजबूत हो सकता है जब हर नागरिक आत्मनिर्भर, जिम्मेदार और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील बने।
सरदार पटेल और राष्ट्र की एकता
सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें "Iron Man of India" कहा जाता है, ने स्वतंत्रता के बाद भारत के राजनीतिक एकीकरण में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने रियासतों को एकसूत्र में बांधकर “एक भारत” की नींव रखी। राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य नागरिकों में देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, साथ ही यह सांस्कृतिक विविधता में एकता का संदेश भी देता है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: सरदार पटेल की विराट प्रतिमा
राष्ट्रीय एकता के इस प्रतीक को साकार रूप गुजरात के केवड़िया में मिला है, जहाँ नर्मदा नदी के साधु बेट द्वीप पर सरदार पटेल की विश्वप्रसिद्ध Statue of Unity स्थित है। यह प्रतिमा न केवल भारत की ताकत और एकता का प्रतीक है, बल्कि पटेल के अडिग व्यक्तित्व का भी प्रमाण है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की क्या है खासियत:
-  यह विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है, जिसकी ऊँचाई 182 मीटर (597 फीट) है। बेस सहित कुल ऊँचाई 240 मीटर (787 फीट) तक पहुँचती है। 
-  इसे प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिज़ाइन किया है, जिसमें पटेल को पारंपरिक धोती और सैंडल में दर्शाया गया है। 
-  प्रतिमा की संरचना को इस प्रकार बनाया गया है कि यह 180 किमी/घंटा तक की हवा और 6.5 तीव्रता तक के भूकंप का सामना कर सकती है। 
-  इसके निर्माण में 1,700 टन कांस्य क्लैडिंग, 6,000 टन स्टील, 18,500 टन रिइनफोर्स्ड स्टील, और 70,000 टन सीमेंट का उपयोग हुआ। 
-  इसमें पाँच ज़ोन हैं, जिनमें से पहले तीन सार्वजनिक रूप से खुले हैं, इनमें सरदार पटेल संग्रहालय, प्रदर्शनी क्षेत्र, स्मारक उद्यान और 153 मीटर ऊँचा व्यूइंग गैलरी शामिल हैं। 
-  गैलरी तक पहुँचने के लिए दोनों पैरों में दो हाई-स्पीड लिफ्टें लगाई गई हैं, और यह एक बार में 200 आगंतुकों को समायोजित कर सकती है। 
-  यह प्रतिमा 12 किमी लंबे कृत्रिम झील से घिरी है, जो गरुडेश्वर वीयर द्वारा बनाई गई है। 
-  इसे 46 महीनों में पूरा किया गया और आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से अत्यंत सुदृढ़ बनाया गया है। 
एकता का प्रतीक और राष्ट्रीय संकल्प
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी ताकि देशवासियों में देशभक्ति, एकजुटता और भाईचारे की भावना को बढ़ाया जा सके।
 2025 में इस दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह हमें सरदार पटेल के उस सपने की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने कहा था-
“भारत की ताकत उसकी विविधता में है, और उसकी एकता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है।”
इस वर्ष का राष्ट्रीय एकता दिवस हर नागरिक को यह प्रेरणा देता है कि वह देश की अखंडता बनाए रखते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाए। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल को।
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