भारत सरकार ने देश की हायर एजुकेशन प्रणाली में बड़े सुधार लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025 पेश किया है। यह बिल हायर एजुकेशन संस्थानों (HEIs) के संचालन और नियामक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
इस बिल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें नियमों और मानकों का पालन न करने वाली यूनिवर्सिटी और कॉलेजों पर ₹30 लाख तक का भारी जुर्माना लगाने का नियम है। यह जुर्माना संस्थानों को गुणवत्ता, पारदर्शिता और नियामक अनुपालन बनाए रखने के लिए मजबूर करेगा। ये बिल पास हो जाने के बाद एक आयोग UGC, AICTE और NCTE की जगह लेगा।
शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025: खास क्या है?
यह बिल शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करता है, जिसका मुख्य उद्देश्य "विकसित भारत 2047" के दृष्टिकोण के अनुरूप हायर एजुकेशन को विश्व स्तर पर बनाना है।
| मुख्य प्रावधान | उद्देश्य |
| भारी जुर्माना | नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर ₹30 लाख तक का जुर्माना लगाकर अनुपालन सुनिश्चित करना। |
| स्वायत्तता और जवाबदेही | संस्थानों को शैक्षणिक स्वतंत्रता (Autonomy) देना, लेकिन साथ ही कठोर वित्तीय और प्रशासनिक जवाबदेही तय करना। |
| एकल नियामक निकाय | उच्च शिक्षा के लिए एक एकीकृत और मजबूत नियामक संरचना (Unified Regulatory Body) स्थापित करना। |
| शिकायत निवारण तंत्र | छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एक पारदर्शी तंत्र स्थापित करना। |
| गुणवत्ता पर जोर | अनुसंधान, नवाचार और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना। |
कमीशन में होंगे तीन विंग साथ ही, 12 मेंबर होंगे
- भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025 में प्रावधान किया गया है। यह एक हायर एजुकेशन कमीशन बनेगा, जिसमें कमीशन के अधीन तीन विंग होंगे।
- रेगुलेटरी काउंसिल - रेगुलेटरी काउंसिल यानी नियामक परिषद
- एक्रेडिटेशन काउंसिल - एक्रेडिटेशन काउंसिल यानी मान्यता परिषद
- स्टैंडर्ड काउंसिल - स्टैंडर्ड काउंसिल यानी मानक परिषद
वहीं, कमीशन में कुल 12 मेंबर होंगे। इसमें तीनों विंगों के अध्यक्ष, सेंट्रल हायर एजुकेशन सेक्रेटरी, स्टेट हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट से प्रोफेसर रैंक के दो सदस्य, 5 अन्य एक्सपर्ट, एक सदस्य सचिव शामिल होगा। साथ ही, कमीशन के मेंबरों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा तीन सदस्यीय खोज पैनल के माध्यम से की जाएंगी।
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कमीशन के अध्यक्ष समेत प्रत्येक काउंसिल के अध्यक्ष का कार्यकाल शुरू में तीन साल के लिए होगा, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।हालांकि दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें फिर से नियुक्ति दी जा सकती है। इन सभी को पद से केवल राष्ट्रपति द्वारा ही हटाया जा सकता हैं। वहीं, बिल में प्रावधान किया गया है कि कमीशन का अपना एक फंड होगा, जिसे विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान फंड कहां जाएगा।
शिक्षा अधिष्ठान: नई नियामक संरचना
बिल एक नए 'शिक्षा अधिष्ठान' नामक निकाय की स्थापना का प्रस्ताव करता है, जो उच्च शिक्षा के नियमन के लिए एक व्यापक संस्था होगी।
| वर्तमान संस्था | प्रस्तावित भूमिका |
| UGC, AICTE | उनकी नियामक भूमिकाओं को 'शिक्षा अधिष्ठान' में समेकित किया जाएगा। |
| शिक्षा अधिष्ठान | हायर एजुकेशन के लिए एकल नियामक निकाय के रूप में कार्य करना, जिसमें शैक्षणिक, अनुसंधान और गुणवत्ता मानक शामिल होंगे। |
| भूमिका | मान्यता, नियामक अनुपालन, अनुसंधान प्रोत्साहन और शिकायत निवारण का प्रबंधन करना। |
‘विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025’ भारत की हायर एजुकेशन प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने और छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

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