रोजाना तेल के दाम निर्धारित होने से ग्राहकों और तेल कंपनियों को क्या फायदा होगा?

Apr 13, 2017, 15:37 IST

भारत की सरकारी तेल कम्पनियाँ 1 मई, 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को हर रोज बदलेंगी l प्रयोग के तौर पर इस व्यवस्था को चंडीगढ़, उदयपुर, जमशेदपुर, पुडुचेरी और विशाखापत्तनम में लागू कर रही हैं l यदि यह प्रयोग इन 5 शहरों में सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा l दरअसल अब तेल कम्पनियाँ इस बात की योजना बना रही हैं कि वे कच्चे तेल की कीमतों के अनुसार तेल की कीमतें भारत में तय करेंगी।

अभी ऐसी ख़बरें आ रहीं हैं कि सरकारी तेल कम्पनियाँ 1 मई 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को हर रोज बदलेंगी l प्रयोग के तौर पर इस व्यवस्था को चंडीगढ़, उदयपुर, जमशेदपुर, पुडुचेरी और विशाखापत्तनम में लागू किया जा रहा हैं l यदि इन 5 शहरों में यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा l ज्ञातब्य है कि विकसित देशों में डीजल और पेट्रोल के दाम रोजाना बदलते हैं l

वर्तमान व्यवस्था में क्या होता है ?

सन 2014 से डीजल और पेट्रोल के दाम सरकारी नियंत्रण से छूटकर सरकारी तेल कंपनियों के द्वारा तय होने लगे हैं और कच्चे तेल के 15 दिनों के औसत मूल्यों के आधार पर दोनों तेलों के दाम तय किये जाते हैंl अभी भारत की तीनों सरकारी तेल कम्पनियाँ इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम महीने की पहली और 16 तारीख को डीजल और पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा करती हैं और यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ जाते हैं तो ये कम्पनियाँ भी ऐसा ही करती हैं और यदि दाम घट गए तो भारत में भी दाम घटा दिए जाते हैं l इन तीनों कंपनियों के पास 58000 पेट्रोल पम्प हैं, अर्थात तेल वितरण में इनकी हिस्सेदारी 95% से ज्यादा है l यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि तेल के मूल्यों के घटाने या बढ़ाने में अभी भी राजनीतिक असर रहता l हाल ही में संपन्न 5 राज्यों में चुनाव के कारण इन दोनों तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी नही की गयी थी l परन्तु नयी व्यवस्था में यह राजनीतिक दखल नही रहेगा l

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Image source:Andhrawishesh.com

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नयी व्यवस्था में क्या होगा ?

दरअसल अब तेल कम्पनियाँ इस बात की योजना बना रही हैं कि वे कच्चे तेल (crude oil) की कीमतों के अनुसार तेल की कीमतें तय करेंगी। अगर कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेंगे तो कंपनियां तेल की कीमतें बढ़ा देंगी और कच्चे तेल के दाम घटेंगे तो कंपनियां भी तेल की कीमतें घटा देंगी। कम्पनियां यह परिवर्तन इस लिए करना चाहती हैं क्योंकि अभी उन्हें तेल के दामों की समीक्षा करने के लिए 15 दिनों का इंतजार करना पड़ता है इसलिए कभी कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में ज्यादा बृद्धि होने पर भी कंपनियों को भारत में दाम बढ़ाने के लिए 15 वें दिन का इंतजार करना होता है और घाटा भी उठाना पड़ता है l

इस नयी व्यवस्था का सबसे ज्यादा फायदा सरकार को होगा क्योंकि राजनीतिक रूप से संवेदनशील तेल के मूल्य में प्रतिदिन के संशोधन से सरकार को चुनावों के दौरान उपभोक्ताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना पड़ेगाl  क्योंकि इससे लोगों को यह समझ में आएगा कि तेल के मूल्य का निर्धारण तेल कम्पनियों द्वारा किया जाता है ना कि सरकार के द्वाराl

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Image source:DNA India

नयी व्यवस्था से ग्राहकों को क्या लाभ होगा ?

1. पेट्रोल-डीजल मूल्य रोजाना तय होने पर कम्पनियाँ कभी कीमतों में ना तो बड़ी बढ़ोत्तरी करेंगी और न ही एकदम से घटाएंगी l

2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतें घटती हैं तो ग्राहकों को इसका लाभ लेने के लिए 15 दिनों का इंतजार नही करना पड़ेगा l

3. दाम घटने या बढ़ने की घोषणा होने पर पेट्रोल पम्पों पर ग्राहकों की भीड़ नही लगेगी

4. गावों में चोरी से डीजल और पेट्रोल बेचने वालों द्वारा मनमानी पर रोक लगेगी l दरअसल ये लोग जब इन दोनों तेलों के दाम बढ़ जाते हैं तो तुरंत ही दाम बढ़ा देते हैं और अपने पुराने स्टॉक को बढ़े हुए दाम पर बेचकर अच्छा लाभ कमा लेते हैं, लेकिन जब दाम घटते हैं तो इसका फायदा ग्राहकों को नही देते हैंl

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कंपनियों को क्या लाभ होगा?

1. कीमतों में गिरावट या उछल से तेल कंपनियों को फर्क न पड़े इसके लिए वे हेजिंग करती हैं l

2. हेजिंग में कच्चे तेल की खरीदारी करते वक्त भुगतान के लिए कम्पनियाँ भविष्य की कीमतें तय कर लेती हैं जिससे उन्हें नुकशान न होl

3. यदि भुगतान के समय कीमतें गिर भी जायें तो भी उन्हें उस पूर्व निर्धारित कीमत पर तेल निर्यातकों को भुगतान करना होता है l

4. नयी व्यवस्था में रोजाना के आधार पर कीमतें तय करने से कंपनियों को हेजिंग नही करनी पड़ेगी l इससे क्रूड कीमतों व डॉलर मूल्यों में उतार चढ़ाव से उन्हें नुकशान नही होगा l

5. प्रतिदिन के आधार पर कीमतें तय होने से कम्पनियाँ अपने लाभ का अंदाजा ठीक से लगा सकेंगी l

6. इसके अलावा सरकार का मानना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम रोज तय होने से डॉलर और कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से नुकसान कम होगा।

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Image source:Energy Infra Post

देश में करीब 58,000 पेट्रोल पंप हैं जो कि इस बात के लिए तैयार हैं कि वह रोजाना तेल की कीमतों को बदल सकते हैं। तेल की कीमतों की जानकारी पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। सोशल नेटवर्क और अन्य तकनीक के माध्यम से पेट्रोल पंपों से आसानी से जुड़ा जा सकता है। पहले तेल की कीमतों को बदलने में दिक्कत होती थी क्योंकि टेक्नोलॉजी उतनी अच्छी नहीं थी कि एक साथ सबके पास कीमतों को पहुंचाया जा सके। पहले तेल डीलरों को फैक्स मेसेज और फोन के जरिए बताना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।

दुनिया के अन्य देशों में क्या व्यवस्था है ?

1. अमेरिका: रोजाना
2. चीन: 10 कार्य दिवस में
3. जापान  : रोजाना
4. कोरिया  : साप्ताहिक
5. थाईलैंड : साप्ताहिक
6. मलेशिया : मासिक
7. ऑस्ट्रेलिया : पूरे दिन (intra-day)
8. फिलिपीन्स : आधी रात को
9. ब्रिटेन  : साप्ताहिक

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Image source:FocusEconomics

इस प्रकार इस नयी प्रणाली में यदि तेल की कीमतों में बृद्धि होती है तो सरकार को इस बात का फायदा होगा कि उसे लोगों को यह नही समझाना पड़ेगा कि तेल की कीमतें बढ़ाने में सरकार की किसी तरह की भूमिका है l इस नयी शुरुआत से तेल वितरण कंपनियों और जनता दोनों को फायदा होने की उम्मीद की जा रही है l

क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण कैसे होता है

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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