भारतीय सेना का वार्षिक खर्च 2016: एक विश्लेषण

ब्रिटिश विश्लेषक कम्पनी जेन्स डिफ़ेन्स बजट द्वारा जारी सन् 2016 की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के उन पाँच देशों की सूची में चौथे स्थान पर आ गया है, जो हथियारों की ख़रीद और देश की सुरक्षा पर सर्वाधिक खर्च करते हैं। इस सूची में क्रमशः अमरीका, चीन और ब्रिटेन का नाम सबसे ऊपर है। इस लेख में हम विभिन्न देशों के साथ हुए भारत के रक्षा सौदों और अमरीका, चीन और ब्रिटेन की सैन्य-शक्ति का विवरण दे रहे हैं|

Dec 16, 2016, 15:25 IST

ब्रिटिश विश्लेषक कम्पनी जेन्स डिफ़ेन्स बजट द्वारा जारी सन् 2016 की रिपोर्ट के अनुसार रूस दुनिया के उन पाँच देशों की सूची से बाहर आ गया है, जो हथियारों की ख़रीद और देश की सुरक्षा पर सर्वाधिक खर्च करते हैं। इस सूची में क्रमशः अमरीका, चीन और ब्रिटेन का नाम सबसे ऊपर है। सूची में चौथे नम्बर पर भारत को रखा गया है, जिसने सऊदी अरब और रूस को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह रूस 1990 के बाद से पहली बार इस सूची में पाँचवें स्थान से भी नीचे खिसक गया है। इसके अलावा आईएचएस जेन की वार्षिक रक्षा बजट रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत इस सूची में ब्रिटेन को भी पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगा|

भारत ने 2016 वर्ष मे रक्षा क्षेत्र में कुल 50.7 अरब डॉलर खर्च किए हैं, जो पिछले वर्ष के 46.6 अरब डॉलर से अधिक है।

आइए भारत के कुछ महत्वपूर्ण रक्षा सौदों का आकलन करते हैं

Source: www.economictimes.indiatimes.com

- भारत ने अमेरिका के साथ चार पोसेडियन- 8I विमान (Poseidon- 8I) की खरीद के लिए 1 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किया है और यह भारत में बोइंग के द्वारा रक्षा क्षेत्र में की गई पहली बिक्री है|

- भारत ने अमेरिका के साथ 145 M-777 अल्ट्रा लाइट तोपों के लिए 750 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किया है| इन सौदे के अनुसार इन  तोपों की निर्माता कंपनी “बीएई सिस्टम्स” उपयोग के लिए पूरी तरह से तैयार 25 तोपें भारत को सौंपेगी जबकि शेष 120 तोपों को भारत में तैयार किया जाएगा|

- भारत ने 22 लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और 15 उच्च भार वाले चिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए अमेरिकी विमानन कम्पनी ‘बोइंग’ और ‘अमेरिकी सरकार’ के साथ सौदे पर हस्ताक्षर किया है|

- भारत और अमेरिका के बीच विभिन्न रक्षा सौदों जैसे C-130J सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमानों की बिक्री, बोइंग पी-8I पोसेडियन समुद्री गश्ती विमान और सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों की बिक्री के लिए समझौते हुए हैं|

- इसके अलावा भारत सरकार ने हाल ही में अपने हेलीकॉप्टर बेड़े को बढ़ाने एवं उसे आधुनिक बनाने का फैसला किया है और इसके लिए 2.5 अरब डॉलर के सौदे के माध्यम से बोइंग CH-47 चिनूक और बोइंग AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया है| इसके अलावा भारत भविष्य में 16 सिकोरस्की S-70B सी-हॉक हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बना रहा है।

- भारत ने रूस के साथ कामोव- 226T हेलीकॉप्टर और S-400 ट्राइंफ मिसाइल की खरीद के लिए दो महत्वपूर्ण सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं| भारत में चीता और चेतक हेलीकॉप्टर का स्थान लेने के लिए 200 कामोव-226T हेलीकॉप्टर के निर्माण से जुड़ा जटिल समझौता दोनों देशों के बीच किया गया एक महत्वपूर्ण सौदा है।

- भारत और रूस आपसी सहयोग के द्वारा एडमिरल ग्रीगोर्विच वर्ग के चार युद्ध-पोत (परियोजना 11356) का निर्माण करेंगे| ये युद्धपोत आधुनिक मिसाइल, सेंसर प्रणाली और हथियारों से लैस होंगे| इस सौदे के अनुसार दो युद्धपोत का निर्माण रूस में किया जाएगा और दो युद्धपोत का निर्माण भारत में किया जायेगा। भारतीय शिपयार्ड के चुनाव को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।

- भारत ने 36 राफेल लड़ाकू जेट विमानों के अधिग्रहण के लिए फ्रांस के साथ 7.8 अरब यूरो के सौदे पर हस्ताक्षर किया है| इन 36 राफेल लड़ाकू जेट विमानों के अधिग्रहण के बाद भारतीय वायु सेना विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली वायु सेना सेना हो जाएगी|

जाति एवं क्षेत्र के आधार पर भारतीय सेना की प्रमुख रेजिमेंट

जानें अमेरिका, चीन और ब्रिटेन का 2016 में रक्षा-खर्च कितना था?

अमेरिका

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2016 में अमेरिका का कुल रक्षा बजट 622 अरब डॉलर था, जोकि विश्व में सबसे अधिक है| क्या आप जानते हैं कि विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में सबसे पहला नाम अमेरिका का आता है। उसके पास अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ 2,130 क्रूज मिसाइल, 450 बैलिस्टिक मिसाइल और 19 विमान वाहक युद्धपोत हैं, जो हवा से हवा में वार करने में सक्षम है। अमेरिका अपने सेना पर बाकी देशों की तुलना में 10 गुना पैसे ज्यादा खर्च करता है। अपने अत्याधुनिक हथियारों और मजबूत जहाजी बेड़े के कारण अमेरिकी नौसेना विश्व की सबसे शक्तिशाली नौसेना है। 

चीन

2016 में चीन का रक्षा बजट 191.7 अरब डॉलर था| यह ब्रिटेन के कुल रक्षा बजट से चार गुना अधिक और पश्चिमी यूरोप के सभी देशों के कुल रक्षा बजट से भी अधिक है|  क्या आप जानते हैं कि चीन की थल सेना विश्व में सबसे बड़ी है| इस वक्त चीन के पास 2.5 लाख व्यक्तियों की थल सेना है। यह देश स्वदेशी तकनीक विकसित करने पर ध्यान दे रहा है और आयात में भी कटौती कर रहा है |

ब्रिटेन


2016 में ब्रिटेन का रक्षा बजट 53.8 अरब डॉलर था| ब्रिटेन के रक्षा बजट में पिछले पांच सालों में 20 फीसदी की गिरावट हुई है| इसीलिए ब्रिटेन ने अपनी सैन्य क्षमता में तकरीबन 20 फीसदी की कमी की है|

क्या भारत चीन के उत्पादों का बहिष्कार कर सकने की स्थिति में है?

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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