16 नवम्बर 2015 को भारत और चीन ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में मजबूती हेतु एलएसी पर शांति और सौहार्द बनाए रखने का फैसला किया.
दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक दूसरे का सहयोग करने पर सहमति जताई.यह निर्णय चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष जनरल फैन चांगलोंग के साथ भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ एक बैठक में लिया गया.जनरल फैन चांगलोंग भारत यात्रा के दौरान एक 26 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख थे. यह भारत का दौरा करने वाले उच्चस्तरीय रक्षा सम्बन्धी चाइनीज प्रतिनिधिमंडल है.
बैठक की मुख्य विशेषताएं-
- पेरिस में हुए आतंकवादी हमले को देखते हुए दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
- भारत आतंकवाद से लड़ने में मदद हेतु संयुक्त अभ्यास के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के लिए सहमत.
- भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई सहमति को लागू करने पर सहमत हुए.
- दोनों देशों ने शांति और सौहार्द बनाये रखने के लिए दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की आवश्यकता महसूस की तथा भविष्य में दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संवाद तथा सूचनाओं के आदान प्रदान में वृद्धि किये जाने पर सहमति व्यक्त की.
- इसके अतिरिक्त हाल ही में प्रारंभ द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास हैण्ड टू हैण्ड की संतोषजनक सफलता की बात भी दोनों देशों ने स्वीकार की.
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