कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में 2016 के लिए अपने प्रमुख संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा हेतु परीक्षा पैर्टन में कई बदलाव करते हुए एक अधिसूचना जारी की है। टीयर -I में प्रश्नों की संख्या को कम करने के अलावा परीक्षा के टीयर III में एक डिसक्रिपटिव पेपर (वर्णनात्मक) शुरू किया है। सबसे बड़ा बदलाव है- टीयर I और टीयर III की परीक्षा की शुरूआत ऑनलाइन करना, जबकि इससे पहले डिसक्रिपटिव पेपर कागज औऱ पेन द्वारा किया जाता था। कई उम्मीदवारों की लंबे समय से यह मांग थी की आईबीपीएस की तरह यह परीक्षा भी ऑनलाइन होनी चाहिए तांकि इसमें ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता आ सके। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम एसएससी सीजीएल परीक्षा में पहली बार शुरू की गयी ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली का मूल्यांकन करने का प्रयास करेंगे
एसएससी सीजीएल : ऑनलाइन परीक्षा पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस वर्ष से एसएससी सीजीएल की परीक्षा को ऑनलाइन कराया जाएगा। तो आइए इस परीक्षा के कुछ अच्छे पहलुओं के बारे में जानते हैं कि कैसे लाखों उम्मीदवारों का भाग्य इस परीक्षा के परिणाम पर निर्भर करता है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस नौकरी के लिए आवेदन करते हैं और इस महत्वपूर्ण परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं।
• ऑनलाइन परीक्षा न्यायोचित्त है: अक्सर एसएससी पर यह आरोप लगता है कि इसकी परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की कमी है और इसमें भाई- भतीजावाद को बढ़ावा दिया जाता है। ऑनलाइन परीक्षा हर मामले में पारदर्शी होती है क्योंकि इसमें मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश हर तरह से कम हो जाती है। इस परीक्षा में किसी भी छात्र के लिए अनुचित साधनों का प्रयोग करना असंभव है। इस परीक्षा में संबंधित प्राधिकरण भी तथ्यों के साथ हेरफेर नहीं कर सकता है।
• ऑनलाइन परीक्षा में अधिक पारदर्शिता होती है: बैंक और आईबीपीएस परीक्षा के बारे में सर्वविदित है कि इन परीक्षाओं की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से हैंडल करने के कारण इन्हें बहुत पारदर्शी माना जाता है। एसएससी परीक्षा ऑनलाइन होने के साथ ही इसमें भी पारदर्शिता आएगी औऱ संबंधित प्राधिकरण के पास छिपाने को कुछ नहीं रह जाएगा।
• ऑनलाइन परीक्षा का मतलब है कम प्रशासनिक कार्य: यह इस परीक्षा का महत्वपूर्ण बिंदु है क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा का मतलब है कि इस परीक्षा की आंसर शीट चैक करने के लिए किसी भी प्रकार की मानवीय सहायता नहीं चाहिए होगी। परीक्षा का परिणाम कम समय में घोषित किया जाएगा।
• मानव त्रुटि की संभावना कम: गलतियां करना इंसान का स्वभाव है और इस परीक्षा में एक छोटी सी गलती कई उम्मीदवारों का जीवन बर्बाद कर सकती है। ऑनलाइन परीक्षा होने से गलतियों की संभावना ना के बराबर हो जाएगी क्योंकि पूरी परीक्षा में मानवीय हस्तक्षेप बहुत कम रहेगा जिस कारण इस प्रक्रिया में त्रुटियों की संभावना क्षीण हो जाएगी।
• परिणामों की घोषणा तेजी से होगी: परीक्षा देने के बाद अक्सर उम्मीदवार परिणामों को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं क्योंकि परिणामों पर ही उनका भविष्य निर्भर रहता है। ऑनलाइन परीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि परिणाम सटीकता के साथ तेजी से घोषित किए जाएंगे। पूरी प्रक्रिया अभी एक साल से भी अधिक का समय लेती है और उसके बाद ज्वॉइनिंग औपचारिकताओं को पूरा करने में फिर एक साल लग जाता है जिससे उम्मीदवार को काफी इंतजार करना पड़ता है और उसे निराशा होती है। ऑनलाइन परीक्षा को आयोजित कराने का एक कारण यह भी रहा है।
एसएससी सीजीएल ऑनलाइन: क्या भारत इस चुनौती के लिए तैयार है?
हालांकि कई लोग 2016 से शुरू होनी वाली इस ऑनलाइन परीक्षा का स्वागत कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस योजना की सफलता को को लेकर आशंकित भी हैं ।
• संचालन एक चुनौती है: ऑनलाइन परीक्षा के लिए एसएससी को कंप्यूटर जैसे संसाधनो की व्यवस्था करने के साथ-साथ ऐसे कॉलेजों का चयन करना होगा जो यह सुविधा (कम्प्यूटर) प्रदान कर सके। यह संस्था के लिए भी चुनौती है क्योंकि इस परीक्षा में बड़ी संख्या में उम्मीदवार भाग लेते हैं l ऐसे में एसएसजी परीक्षा के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया कराना एक चुनौती से कम नहीं है।
• एसएससी के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाने में अनुभव की कमी: एसएससी सीजीएल भारत में आयोजित होने वाली सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है और लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं। कम अनुभव के साथ इस परीक्षा को ऑनलाइन करवाना एसएससी के लिए घातक साबित हो सकता है। एसएससी को बिना किसी संदेह के आईबीपीएस और अन्य संगठनों द्वारा कराई जाने वाली परीक्षा का अध्ययन करना चाहिए ताकि इसे सफलता पूर्वक संचालित कराया जा सके।
• शहरी उम्मीदवारों को लाभ: किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए मॉक टेस्ट का अभ्यास करने से सफलता के अवसर बढ़ जाते हैं। देश में ग्रामीण और शहरी विविधता के कारण अभी ग्रामीण उम्मीदवार कंप्यूटर या ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली के लिए ज्यादा दक्ष नहीं हैं और ऐसे में उनके लिए इस बार इस परीक्षा में सफलता हासिल करना थोड़ा मुश्किल होगा।
एसएससी यह कोशिश कर रही है कि सीजीएल परीक्षा की पूरी प्रक्रिया का संचालन पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इसी तरह एसएससी भी यह कोशिश भी कर रही है कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को एक वर्ष से भी कम समय में खत्म किया जाए, जो फिलहाल एक वर्ष से अधिक का समय लेती है। ऑनलाइन परीक्षा इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है ताकि वांछित परिणाम को हासिल किया जा सके। लेकिन दूसरी तरफ यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि ऑनलाइन परीक्षा सबकुछ हासिल करने के लिए कोई रामबाण नहीं है l इसके लिए बेहतर प्रशासनिक जिम्मेदारी और ईमानदारी की भी आवश्यकता है। यह पीएम द्वारा डिजिटल इंडिया की दिशा में शुरू किए गए कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन अब यह देखना है कि एसएससी इस परीक्षा को सही तरीके से संचालित करवाने में सक्षम हो पाएगा या नहीं।
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