वर्तमान समय में मोबाइल तकनीक के क्षेत्र में विकसित हो रहे नए नए तरीकों के कारण सोशल नेटवर्किंग साइटों की भरमार देखने को मिल रही हैl इसके साथ ही हर दिन खेल एवं अन्य गतिविधियों से जुड़े नए–नए एप्लिकेशन बाजार में आ रहे हैंl जिसके कारण दुनिया भर में स्मार्ट फोन खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लोग दिन-प्रतिदिन मोबाइल फोन के आदी होते जा रहे हैंl असली समस्या तब होती है जब लोग सड़क पर चलते समय भी अपने फोन पर बात करते रहते हैं या उसे घूरते रहते हैं या गेम खेलते रहते हैंl परिणामस्वरूप कई बार लोग भयंकर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैंl अतः इस समस्या से निजाद पाने के लिए नीदरलैंड ने एक तरकीब निकाली है, जिसका वर्णन हम इस लेख में कर रहे हैंl
नीदरलैंड ने खोजा एक नायाब तरीका
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नीदरलैंड्स के शहर “बोडेग्रेवन” में स्मार्टफोन के आदी लोगों को सड़क पर चलते समय सुरक्षित रखने की कोशिश में एक नायब और असामान्य तरीके की शुरूआत की गई हैl जहाँ सभी शहरों में ट्रैफिक लाइट्स ऊँचे खम्भों पर लगे रहते हैं वहीं “बोडेग्रेवन” में ट्रैफिक लाइट्स को फुटपाथ पर लगाया गया हैl इसके पीछे उनका उद्देश्य यह है कि जो लोग सड़क पर चलते समय भी अपने फोन पर बात करते रहते हैं या उसे घूरते रहते हैं या गेम खेलते रहते हैं, वह आसानी से ट्रैफिक लाइट्स को देख पाएंगे, जिससे उन्हें ट्रैफिक में खतरनाक तरीके से घूमने से रोका जा सकता हैl
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फुटपाथ से ट्रैफिक लाइट्स का निकलना सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति चलते समय अपने मोबाइल फोन को घूर रहा हो तो वह भी इसे आसानी से देख सकता हैl इसके अलावा खम्भे पर लगे ट्रैफिक लाइट्स के अनुसार ही इसका रंग बदलता हैl फुटपाथ पर लगे ट्रैफिक लाइट्स भी सामान्य ट्रैफिक लाइट्स की तरह ही काम करते हैं अर्थात ग्रीन का मतलब है जाना और लाल का मतलब है इंतजार करना।
इस ट्रैफिक लाइट्स की निर्माता कम्पनी
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इस ट्रैफिक लाइट्स का निर्माण “बोडेग्रेवन” शहर में स्थित एक प्रौद्योगिकी कंपनी “एचआईजी ट्रैफिक सिस्टम्स” (HIG Traffic Systems) द्वारा किया गया है और पहले इसे एक परीक्षण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा हैl कंपनी को यह उम्मीद है कि भविष्य में वह इस सिस्टम को अन्य शहरों और महानगरों में व्यापक रूप से बेच पाएगाl कंपनी के एक प्रवक्ता ने अनुसार, “पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों द्वारा स्मार्टफोन का उपयोग एक बड़ी समस्या हैl “हेग” शहर में लोगों द्वारा ट्रैफिक के बजाय अपने स्मार्टफोन को देखने के कारण ट्रामों को नियमित रूप से आपातकालीन ब्रेक लगाना पड़ता हैl
हालांकि इस तकनीक ने विवाद को भी जन्म दे दिया हैl डच ट्रैफिक सेफ्टी एसोसिएशन के कर्मचारी “जोस डी जोंग” ने कथित तौर पर कहा है, कि “मोबाइल फोन प्रयोक्ताओं को ट्रैफिक में चलते समय फोन को घूरने में मदद करने का विचार अच्छा नहीं हैl” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “हम नहीं चाहते हैं कि लोग जब ट्रैफिक में घिरे हों तो उस समय अन्य कामों में उलझें होंl लोगों को हमेशा सड़क पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने अपनी कार वास्तव में लाल सिग्नल पर रोकी है या नहीं।"
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