भारत विविधता में एकता के लिए प्रसिद्ध है, यही वजह है कि देश के नीति निर्माताओं को देश के हर नागरिक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने की जरूरत होती है| इस बात की पुष्टि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, सबला, कौशल विकास योजना, मनरेगा और सर्व शिक्षा अभियान आदि जैसे कार्यक्रमों के शुभारंभ से होती है|
इस लेख में हम देश के अलग अलग वर्गों के व्यक्तियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं। इन कार्यक्रमों की शुरूआत वर्तमान मोदी सरकार एवं पिछली सरकारों द्वारा की गयी है|
1. महिला सशक्तिकरण के लिए बनाई गई योजनाएं:
A. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम:
I. बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 22 जनवरी, 2015 को पानीपत, हरियाणा में इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी|
II. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों के गिरते लिंगानुपात के मुद्दे के प्रति लोगों को जागरूक करना है|
III. इस कार्यक्रम का समग्र लक्ष्य लिंग के आधार पर लड़का और लड़की में होने वाले भेदभाव को रोकने के साथ साथ प्रत्येक बालिका की सुरक्षा, शिक्षा और समाज में स्वीकृति सुनिश्चित करना है|
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B. किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना (सबला)
I. केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत 1 अप्रैल, 2011 को की गई थी|
II. इस कार्यक्रम को ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ की देख-रेख में चलाया जा रहा है|
III. इस कार्यक्रम के तहत भारत के 200 जिलों से चयनित 11-18 आयु वर्ग के किशोरियों की देखभाल समेकित बाल विकास परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है| इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को 11-15 और 15-18 साल के दो समूहों में विभाजित किया गया है|
IV. इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले लाभों को दो समूहों में विभाजित किया गया है: (a).पोषण (11-15 वर्ष तक की लड़कियों को पका हुआ खाना दिया जाता है) (b). गैर पोषण (15-18 वर्ष तक की लड़कियों को आयरन की गोलियां सहित अन्य दवाइयां मिलती हैं)|
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C. इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना:
I. यह मातृत्व लाभ कार्यक्रम 28 अक्टूबर, 2010 को शुरू किया गया था|
II. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 19 साल या उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो बच्चों के जन्म तक वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
III. इस कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा नवजात शिशु और स्तनपान कराने वाली माताओं की बेहतर देखभाल के लिए दो किस्तों में 6000 रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है|
IV. यह कार्यक्रम ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ द्वारा चलाया जा रहा है|
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2. युवाओं एवं व्यापारियों के लिए बनाई गई योजनाएं
A. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना:
I. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 1500 करोड़ की लागत वाली प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) को 19 मार्च 2015 को मंजूरी दी थी|
II. इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रम बाजार में आने वाले नवागंतुकों और कक्षा 10 और कक्षा 12 में पढ़ाई छोड़ने वाले युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है|
III. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है|
IV. इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को व्यावहारिक कौशल, व्यक्तित्व विकास, साफ-सफाई के लिए व्यवहार में परिवर्तन एवं उच्च कार्यशैली का प्रशिक्षण दिया जाता है|
B. स्टार्टअप इण्डिया कार्यक्रम:
I. इस कार्यक्रम की शुरूआत 16 जनवरी, 2016 को की गई थी|
II. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल एजेंसी है|
III. इस योजना की शुरूआत युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए देश में स्टार्टअपों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें बैंकों द्वारा वित्त पोषण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है|
IV. ‘स्टार्टअप इण्डिया' के ग्रामीण संस्करण का नाम 'दीन दयाल उपाध्याय स्वनियोजन योजना' दिया गया था|
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C. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:
I. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत 8 अप्रैल, 2005 को हुई थी|
II. भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म इकाइयों (MSMEs) के विकास और पुनर्वित्त से संबंधित गतिविधियों के लिए एक नई संस्था सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी (MUDRA) बैंक की स्थापना की गई है।
III. पूरे देश में MUDRA बैंकों की स्थापना प्रधानमंत्री MUDRA योजना के तहत की गई है|
IV. MUDRA बैंक के तहत छोटी विनिर्माण इकाई, दुकानदार, फल एवं सब्जी विक्रेताओं और कारीगरों को उधार दिया जाएगा|
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3. गरीबों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री की योजनाएं
A. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS):
I. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005, को 2 फरवरी, 2006 से शुरू किया गया था। अब इस योजना का नया नाम "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम" (या मनरेगा) है|
II. यह योजना एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के लोगों को 'काम करने का अधिकार' प्रदान करना है|
III. यह योजना गांव के लोगों को एक वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है।
IV. इस योजना का 90% वित्तपोषण केन्द्र सरकार द्वारा और 10% राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है|
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B. अन्त्योदय अन्न योजना (AAY):
I. इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 25 दिसम्बर, 2000 को की थी|
II. इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले लगभग 2 करोड़ परिवारों को बहुत ही रियायती दर पर खाद्यान्न प्रदान किया जाता है|
III. इस योजना के तहत एक परिवार को कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान किया जाता है| इस योजना के तहत 3 रूपये/किलो चावल और 2 रूपये/किलो गेंहू दिया जाता है|
IV. इस योजना के लिए गरीब परिवारों की पहचान उनके अपने राज्यों द्वारा की जाती है|
C. ग्राम अनाज बैंक योजना:
I. यह योजना नवम्बर 2004 से चलायी जा रही है|
II. इस योजना को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा लागू किया गया था|
III. इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा की अवधि के दौरान या खराब मौसम के दौरान जब खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों के पास राशन खरीदने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं, तो उन्हें भुखमरी से बचाना है|
IV. इस योजना के तहत जरूरतमंद लोग गांव के अनाज बैंक से अनाज उधार ले सकते हैं और जब उनके पास प्रचुर मात्रा में भोजन उपलब्ध हो जाय तो वे अनाज वापस कर सकते हैं|
Image source:DocPlayer.net
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