फोर्ब्स की रिपोर्ट ने भारत की अर्थव्यवस्था के आकार को रु. 153 ट्रिलियन का माना है और यदि इसको रु.66.6/डॉलर के हिसाब से देखा जाये तो अर्थव्यवस्था का आकार 2.30 ट्रिलियन डॉलर का हो जाता है l यदि भारत के इन तीन सबसे समृद्ध राज्यों की अर्थव्यवस्था के आकार को देखा जाये तो ये भारत के 26 राज्यों की G.D.P. के बराबर का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में देते हैं l ये तीनों राज्य कुल मिलाकर 780 अरब डॉलर का योगदान देश की अर्थव्यवस्था को देते हैं l
आइये अब इन तीनों राज्यों के बारे में जानते हैं कि इन राज्यों की आर्थिक रीढ़ किस सेक्टर पर निर्भर करती है l
1.महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था
महाराष्ट्र, भारत का सबसे धनी राज्य है वर्ष 2017-18 में महाराष्ट्र का राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद 380 अरब अमेरिकी डॉलर है। यहाँ की प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में $ 2,200 थी जो कि राष्ट्रीय औसत 1750 डॉलर से अधिक हैl महाराष्ट्र की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2011 में पहली बार 2,000 डॉलर की सीमा पार कर गई थी।
(i). महाराष्ट्र तीसरा सबसे अधिक नगरीकरण वाला राज्य है और इसकी कुल आबादी का 45% भाग शहरों में रहता है l
(ii).महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान 10% कृषि, उद्योग-26%, सेवा क्षेत्र-64% का है।यहाँ कृषि कुल आबादी के 51% भाग को रोजगार प्रदान करती है, उसके बाद सेवा क्षेत्र में 40% और 19% लोगों को उद्योगों द्वारा रोजगार प्रदान किया जाता हैl
(iii). महाराष्ट्र के शेयर बाजारों में देश के कुल शेयरों का 70% हिस्सा खरीदा या बेचा जाता हैl
(iv).महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का आकार नॉर्वे की अर्थव्यवस्था के बराबर है।
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2. तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था
तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था का आकार महाराष्ट्र के बाद दूसरा है l इसकी अर्थव्यवस्था का आकार 2016 में 210 अरब अमेरिकी डॉलर था जो कि इसे भारत का दूसरा सबसे धनी राज्य बनाता है l
(i).तमिलनाडु के पास एक विशाल विनिर्माण क्षेत्र होने के साथ साथ ऑटोमोबाइल एंड कॉम्पोनेंट, इंजीनियरिंग, फार्मा, गारमेंट्स एंड टेक्सटाइल उत्पाद, चमड़ा उत्पाद, रसायन एवं प्लास्टिक आदि कारखानों की विशाल संख्या हैl
(ii).एक ऑटो उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी उपलब्धियों के कारण तमिलनाडु के चेन्नई को "डेट्रोइट ऑफ इंडिया" के तौर पर जाना जाता हैl चेन्नई, भारत में दूसरा प्रमुख सॉफ्टवेयर निर्यातक हैl
(iii). इस राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक 45% हैं इसके बाद उद्योग-34% और कृषि - 21% का नंबर आता हैl यह राज्य कारखानों और औद्योगिक श्रमिकों की संख्या के मामले में भारत में पहले स्थान पर हैl
(iv).2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु भारत का सबसे शहरीकृत (49 प्रतिशत)राज्य है जो कि देश की कुल 9.6% शहरी आबादी के बराबर है l
(v). सन 2015-16 में यहाँ की प्रति व्यक्ति जीडीपी $3200 थीl इस राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था के बराबर हैl
3. कर्नाटक की अर्थव्यवस्था
कर्नाटक, भारत का तीसरा सबसे धनी राज्य हैl सन 2017-18 में इसके राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद का आकार 190 अरब अमेरिकी डॉलर था l यह आश्चर्यजनक है कि कर्नाटक की प्रति व्यक्ति आय महाराष्ट्र के बराबर है, यानी 2,200 अमेरिकी डॉलर जो कि राष्ट्रीय औसत 1750 डॉलर से अधिक है।
(i).कर्नाटक की अर्थव्यवस्था के लिए तीन प्रमुख योगदानकर्ता क्षेत्र हैं: सेवा क्षेत्र-63%, उद्योग-24% और कृषि-13%।
(ii).कर्नाटक भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी अग्रणी है और इसकी राजधानी बेंगलुरु को भारत के “सिलिकन वैली” के रूप में जाना जाता है। लेकिन आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी होने के बाद भी कृषि सबसे अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र बना हुआ हैl
(iii).इसकी अर्थव्यवस्था का आकार चेक गणराज्य की अर्थव्यवस्था के आकार के बराबर है।
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भारत के राजकीय पशुओं और पक्षियों की सूची
भारत के इन सभी राज्यों की कुल अर्थव्यवस्था का आकार केवल 3 राज्यों, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक की अर्थव्यवस्थाओं के आकार के बराबर है :-
1. मध्य प्रदेश: 110 अरब डॉलर
2. आंध्र प्रदेश: 100 अरब डॉलर
3. बिहार: 94 अरब डॉलर
4. दिल्ली: 92 अरब डॉलर
5. हरियाणा: 66 अरब डॉलर
6. ओडिशा: 61 अरब डॉलर
7. पंजाब: 61 अरब डॉलर
8. छत्तीसगढ़: 41 अरब डॉलर
9. असम: 38 अरब डॉलर
10. झारखंड: 33 अरब डॉलर
11. उत्तराखंड: 28 अरब डॉलर
12. जम्मू और कश्मीर: 20 अरब डॉलर
13. गोवा: 6.8 अरब डॉलर
14. चंडीगढ़: 4.4 अरब डॉलर
15. मेघालय: 4.1 अरब डॉलर
16. त्रिपुरा: 4.0 अरब डॉलर
17. पुडुचेरी: 3.5 अरब डॉलर
18. अरुणाचल प्रदेश: 2.9 अरब डॉलर
19. नागालैंड: 2.6 अरब डॉलर
20. मणिपुर: 2.1 अरब डॉलर
21. सिक्किम: 1.8 अरब डॉलर
22. मिजोरम: 1.7 अरब डॉलर
23. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह: 9 करोड़ डॉलर
24. दादरा और नगर हवेली: 3.6 करोड़ डॉलर
25. दमन और दीव: 1.6 करोड़ डॉलर
26. लक्षद्वीप: 0.60 करोड़ डॉलर
कुल = 780 करोड़ डॉलर
ऊपर दिए गए आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि भारत में कुछ राज्य बहुत अधिक संपन्न हैं और कुछ बहुत ही गरीब l सोचने की बात तो यह है कि लक्षद्वीप की कुल आय भारतीय रुपयों में 39 करोड़ 60 लाख, अभी हाल ही में तमिलनाडु में लोक सभा उप चुनाव में वोटरों को बांटी गयी रिश्वत 68 करोड़ रुपये से भी कम है l
जानें भारत के किस राज्य में मांसाहारियों (नॉन वेज खाने वालों) का प्रतिशत सबसे अधिक है?
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