लोकसभा चुनाव 2019: चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से देश में आचार संहिता लागू की

आचार संहिता के दौरान किसी व्यक्ति, पार्टी या संगठन के लिए कुछ सामाजिक व्यवहार, नियम एवं उत्तरदायित्वों को निर्धारित किया जाता है और इन्हीं को आचरण संहिता या आचार संहिता कहा जाता है.

Gorky Bakshi
Mar 12, 2019, 10:00 IST
Election Commission imposes model code of conduct
Election Commission imposes model code of conduct

चुनाव आयोग ने हाल ही में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है. साथ ही चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी है. चुनाव आयोग के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार देशभर में कुल 7 चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जायेंगे. चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा जबकि मतगणना 23 मई को होगी.

आचार संहिता के दौरान किसी व्यक्ति, पार्टी या संगठन के लिए कुछ सामाजिक व्यवहार, नियम एवं उत्तरदायित्वों को निर्धारित किया जाता है और इन्हीं सब को आचरण संहिता अथवा आचार संहिता अथवा code of conduct  कहा जाता है. आइये जानते हैं आचार संहिता के बारे में अधिक जानकारी:

 

आचार संहिता क्या है?

आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा जारी कुछ नियमों की एक विस्तृत सूची होती है. इस दौरान राजनेताओं को नियमों का पालन करना होता है. आचार संहिता में चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है, इस बारे में बताया गया होता है. इन नियमों का पालन चुनावी उम्मीदवारों को ना सिर्फ अपने भाषणों में करना होता है बल्कि सभी प्रकार के चुनावी प्रचार और यहां तक कि उनके घोषणापत्रों में भी करना होता है.

 

आचार संहिता कब होती है लागू?

 

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा किये जाने के तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक आचार संहिता लागू हो जाती है. संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष और निर्विवाद चुनाव संपन्न कराना इसका मुख्य उद्देश्य होता है औऱ इस दौरान सभी राजनेताओं और चुनावी उम्मीदवारों को इन सभी नियमों का पालन करना होता है. आचार संहिता लागू होने के बाद अगर कोई नेता या चुनावी उम्मीदवार मतदाताओं को रिश्वत देते हुए या किसी तरह की अनैतिक कार्य करते हुए पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है.

 

 

 

आचार संहिता के प्रमुख प्रावधान

  • आचार संहिता के तहत कोई भी राजनीतिक पार्टी मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने पद या प्रतिष्ठा का उपयोग नहीं कर सकती.
  • राजनीतिक पार्टियों को अपने प्रतिद्वंदी पार्टियों की उनके पिछले रिकॉर्ड के आधार पर ही आलोचना करनी होगी.
  • वोटरों को लुभाने के लिए जाति, सम्प्रदाय अथवा धार्मिक स्थलों का उपयोग नहीं किया जायेगा.
  • चुनावी पार्टियों को किसी भी बैठक अथवा सभा करने से पूर्व उस क्षेत्र की स्थानीय पुलिस को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी ताकि वहां सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया जा सके.
  • सत्ता में बैठी पार्टी चुनावों में सरकारी मशीनरी और ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल कैंपेन के लिए नहीं कर सकती.
  • अखबारों और मीडिया में सरकारी खजाने से विज्ञापन जारी करना भी आचार संहिता के तहत अपराध माना जाता है.
  • राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है.

आचार संहिता में मतदान के दिन संबंधी नियम

  • राजनीतिक दलों द्वारा अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दिए जाने चाहिए.
  • मतदाताओं को पोलिंग बूथ से पहले दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर होनी चाहिए तथा उस पर पार्टी का प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम आदि लिखा नहीं होना चाहिए.
  • मतदान के दिन अथवा इससे 24 घंटे पूर्व राजनीतिक दलों द्वारा किसी को शराब वितरित नहीं की जानी चाहिए.
  • मतदान केन्द्रों के पास किसी प्रकार की सभा लाउडस्पीकर या भीड़ नहीं लगाए जाने चाहिए.


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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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