Vice President Election In India Hindi: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत अपने इस्तीफे की घोषणा की है। धनखड़ के इस अचानक फैसले के बाद अब यह जानना जरूरी हो गया है कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद आगे की प्रक्रिया क्या होगी, नया उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाएगा और इस पद का संवैधानिक महत्व क्या है।
भारत में उपराष्ट्रपति का पद अमेरिकी उपराष्ट्रपति के मॉडल पर आधारित है। यह देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद माना जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में उपराष्ट्रपति पद का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
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कार्यकाल कितने साल का होता है?
उपराष्ट्रपति पद संभालने की तारीख से वह 5 वर्षों तक इस पद पर रहता है। हालांकि, कार्यकाल पूरा होने से पहले भी उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है। हटाने के लिए औपचारिक महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया जरूरी नहीं है।
भारत में उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाता है?
Vice President Ka Chunav: उपराष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता बल्कि निर्वाचक मंडल (Electoral College) द्वारा किया जाता है। चुनाव की प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव जैसी ही होती है, लेकिन निर्वाचक मंडल अलग होता है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं:
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लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य।
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चुनाव का तरीका सिंगल ट्रांसफरेबल वोटिंग सिस्टम (Single Transferable Vote) और आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति (Proportional Representation) पर आधारित होता है।
कौन करता है वोटिंग, और कितने है वोट:
राष्ट्रपति चुनाव में नामांकित सांसद वोट नहीं डाल सकते, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा प्रतिबंध नहीं होता। उपराष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सदस्य भी मतदान करते हैं। इसी वजह से इस चुनाव में संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। इसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं, जबकि लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य भी मतदान में भाग लेंगे।
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत कराया जाता है। इसमें मतदान की प्रक्रिया खास होती है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो इसमें हर मतदाता को केवल एक वोट देना होता है, लेकिन वह अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों को प्राथमिकता क्रम में नंबर देता है। जैसे, वह बैलट पेपर पर अपनी पहली पसंद के प्रत्याशी के आगे 1, दूसरी पसंद के आगे 2 और इसी तरह बाकी उम्मीदवारों के आगे प्राथमिकता क्रम में अंक लिखता है।
भारत का उपराष्ट्रपति बनने के लिए कौन योग्य?
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भारतीय नागरिक होना चाहिए।
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आयु 35 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
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राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता होनी चाहिए।
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वह लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य नहीं होना चाहिए। अगर वह सदस्य है और उपराष्ट्रपति बन जाता है तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाएगी।
उपराष्ट्रपति का पद कब तक भरना होता है जरुरी?
उपराष्ट्रपति का पद निम्न कारणों से रिक्त हो सकता है:
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पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर
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इस्तीफे से
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मृत्यु होने पर
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हटाए जाने पर
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अन्य कारणों से, जैसे अयोग्य ठहराया जाना या चुनाव रद्द होना।
अगर उपराष्ट्रपति का पद इस्तीफे, हटाए जाने, मृत्यु या अन्य किसी वजह से रिक्त होता है तो जितनी जल्दी संभव हो चुनाव कराना जरूरी होता है (राष्ट्रपति पद के मामले में यह समयसीमा अधिकतम 6 माह की होती है)।
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