एफडीआई कॉन्फिडेंस इंडेक्स 2018 में भारत तीन स्थान नीचे फिसलकर 11वें स्थान पर पहुंच गया है. यह इंडेक्स वैश्विक सलाहकार कंपनी ए. टी. कीर्ने ने तैयार किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दो साल रैंकिंग में सुधार के बाद इस साल भारत तीन स्थान फिसल गया है.
भारत 2015 के बाद पहली बार टॉप टेन से बाहर:
भारत वर्ष 2015 के बाद पहली बार है, जब शीर्ष दस की सूची से बाहर गया है. इस सूची में भारत के अलावा चीन की रैंकिंग भी गिरी है. वह पांचवें पर रहा है, जबकि सिंगापुर गिरकर 12 वें स्थान पर आ गया है.
इसके अलावा सूची में न्यूजीलैंड 16वें स्थान पर रहा. दक्षिण कोरिया इस सूची में 18 वें स्थान पर स्थिर रहा है. भारत का स्थान वर्ष 2017 में आठवां और वर्ष 2016 में नौंवा था.
एफडीआई कॉन्फिडेंस इंडेक्स 2018 में शीर्ष 10 देश:
स्थान | देश |
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
2 | कनाडा |
3 | जर्मनी |
4 | यूनाइटेड किंगडम |
5 | चीन |
6 | जापान |
7 | फ्रांस |
8 | ऑस्ट्रेलिया |
9 | स्विट्ज़रलैंड |
10 | इटली |
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में पूरे देश में जीएसटी लागू किया गया. लेकिन इसे लागू करने में कई अड़चनें सामने आईं. वर्ष 2016 में नोटबंदी ने बिजनेस गतिविधियों को असंतुलित किया. इससे आर्थिक विकास दर नकारात्मक तौर पर प्रभावित हुई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश की हिस्सेदारी सबसे कम रही. शीर्ष 25 देशों में सिर्फ 4 उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ये हैं चीन, भारत, मेक्सिको और ब्राजील. इससे पता चलता है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश में निवेशकों के दिलचस्पी घटी है. हालांकि विशाल बाजार और अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन की वजह से भारत में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रहेगी.
यह भी पढ़ें: अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दो लाख से ज्यादा भारतीय छात्र: रिपोर्ट
Comments
All Comments (0)
Join the conversation