IIT JEE Main 2018 के लिए सभी स्टूडेंट्स अपनी पूरी तैयारी के साथ कम्पटीशन करते हैं| अधिकतर स्टूडेंट्स कोचिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले लेते हैं ताकि उनकी प्रिपरेशन बिलकुल केंद्रित हो और उनका फोकस सिर्फ JEE Main में सफलता पाने पर हो| लेकिन काफ़ी स्टूडेंट्स ऐसे भी है जो सेल्फ प्रिपरेशन करना पसंद करते हैं या किसी कारण वे कोचिंग में एडमिशन नहीं ले पातें| ऐसे में ज़रूरी हैं की ऐसे स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी का अनुमान हो और वे भी IIT JEE Main में सफलता पा सके|
JEE Main के जितने भी उम्मीदवार हैं चाहे वे कोचिंग से तैयारी करे या खुद से mock टेस्ट उन्हें उनकी प्रिपरेशन में काफ़ी हद तक फायदा करते हैं| पढ़िए और जानिए mock टेस्ट का क्या रोल और फायदा हैं IIT JEE की तैयारी के लिए –
mock टेस्ट क्या हैं?
mock tests स्टूडेंट्स के लिए अपनी तैयारी मज़बूत करने में काफ़ी सहायक होते हैं| mock टेस्ट सभी तरह के स्टडी मटेरियल जैसे कि पिछले साल के प्रशन पत्र, सैंपल पेपर्स, ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ आदि|
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जानिए IIT JEE Main में सफलता पाने के लिए mock टेस्ट कितने जरुरी हैं–
1. प्रशन पत्र की सही जानकारी – स्टूडेंट्स को JEE Main की तैयारी के लिए पेपर पैटर्न का होना बहुत आवश्यक हैं| इससे स्टूडेंट्स को प्रशन, मार्क्स, हर सेक्शन में कितनें प्रशन हैं और मार्किंग स्कीम क्या होती हैं|
2. परफॉरमेंस इवैल्यूएशन – mock टेस्ट जैसे कि प्रशन पत्र, सैंपल पेपर और ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ की मदद से स्टूडेंट्स अपनी तैयारी का पता लगा सकते है इससे उन्हें अनुमान हो जाता हैं की उन्हें IIT JEE Mains में सफलता पाने के लिए और कितनी तैयारी करनी होगी|
3. स्पीड और एक्यूरेसी – स्टूडेंट्स को JEE Main में 2 modes प्रदान किये गए हैं – कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट और पेन-पेपर बेस्ड टेस्ट जिससे उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार टेस्ट ले सकतें हैं| mock टेस्ट पेपर भी ऑफलाइन और ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं| स्टूडेंट्स ऑफलाइन या ऑनलाइन mock टेस्ट पेपर्स पप्रैक्टिस कर सकते हैं जिससें उनके अपने मोड में स्पीड और एक्यूरेसी बढ़ेगी|
4. मोटिवेशन और आत्मविश्वास – जब स्टूडेंट्स mock टेस्ट सोल्व करते हैं तो उन्हें अपनी प्रिपरेशन का अनुमान होता हैं जिससे उन्हें और अच्छे से तैयारी करने का मोटिवेशन मिलता हैं| जब स्टूडेंट्स लगातार mock tests लेने के बाद परफॉरमेंस इवैल्यूएशन करते हैं तो उन्हें अपनी इम्प्रूवमेंट पता लगती हैं और उनका आत्मविश्वास और ढृढ़ हो जाता हैं|
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5. स्ट्रेंथ और वीकनेस – mock टेस्ट करने से स्टूडेंट्स को पता लगता हैं कि उन्हें किस विषय में कितनी और तैयारी करनी चाहिए| उन्हें अपने कमजोर विषयों और स्ट्रोंग पॉइंट्स पर उसी अनुसार ध्यान देने में मदद मलती हैं|
6. टेस्ट से घबराहट व चिंता – अक्सर देखा गया हैं कि स्टूडेंट्स अपनी पूरी तैयारी से टेस्ट देने जाते हैं लेकिन वे घबराहट की वज़ह से अपना टेस्ट ख़राब कर देते हैं और उनकें मार्क्स नहीं आ पाते| यह उन स्टूडेंट्स के साथ होता हैं जो असफलता और कम नंबर आने से एडमिशन नहीं हो पाएगा ऐसा सोचकर चिंतित हो जाते हैं और उनमे फ़ेल हो जाने का डर बैठ जाता हैं| अगर ऐसे स्टूडेंट्स mock tests के साथ प्रिपरेशन करेंगे तो उनका टेस्ट का भय निकल जाएगा साथ ही साथ अच्छा परफॉर्म करने से उनका मनोबल बढ़ेगा और वे टेस्ट देने की तैयारी और अच्छे से करेंगे|
7. कम्पटीशन में आगे– जो सभी स्टूडेंट्स mock टेस्ट नहीं प्रैक्टिस करते वे अक्सर टेस्ट में काफ़ी दिक्कतों का सामना करते हैं जैसे कि उन्हें टेस्ट के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती और वे टेस्ट देते समय बेकार की परेशानी में अपना कीमती समय गवा देते हैं| जबकि जो स्टूडेंट्स काफ़ी मात्रा में mock टेस्ट से तैयारी करते है उनकी पेपर सोल्व करने की स्पीड बढती हैं, वे कम से कम समय में ज़्यादा प्रशन सोल्व करना सीख जाते हैं जिससे वे अपना पूरा पेपर दिए गए समय में कर लेते हैं, और साथ ही उन्हें हर विषय से प्रशन सोल्व करने की जानकारी होती हैं इसलिए उनके सभी उत्तर सही होने की संभावना बढ़ जाती हैं|
conclusion: स्टूडेंट्स के लिए आवश्यक हैं कि वे mock tests जितने ज़्यादा हो सके प्रैक्टिस करे इससे उन्हें स्पीड और एक्यूरेसी, टाइम मैनेजमेंट, सेल्फ कॉन्फिडेंस और अपनी परफॉरमेंस का अनुमान हो जाएगा|
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