Get UP Board class 10th mathematics notes on chapter-5; Statics Part-III. Here we are providing each and every notes in a very simple and systematic way. Many students find mathematics intimidating and they feel that here are lots of thing to be memorised. However mathematics is not difficult if one take care to understand the concepts well. Topics which are covered in this article is given below :
अवर्गीकृत आकड़ों की माध्यिका (Median for Ungrouped Data):
मान लीजिए हम किसी कक्षा के छात्रों की औसत लम्बाई तुरन्त ज्ञात करना चाहते है। क्योंकि यह तो हम जानते कि समान्तर माध्य ज्ञात करने के लिए पहले हमेँ प्रत्येक छात्र की लम्बाई मापनी पड़ती है और तब सूत्र (I) से माध्य ज्ञात करना होता है, इसलिए समान्तर माध्य तुरन्त ज्ञात नहीं किया जा सकता। अत: ऐसी स्थिति में यदि छात्रों को लम्बाई के हिसाब से एक पंक्ति में खड़ा होने के लिए कहा जाये तो जो छात्र पंक्ति के बीच में आता है तो उसकी लम्बाई को औसत लम्बाईं माना जा सकता है। ऐसा करने में प्रत्येक छात्र की लम्बाइं मापे बिना ही औसत लम्बार्ह तुरन्त ज्ञात को जा सकती है। कमी - कभी समान्तर माध्य केन्दीय प्रवृति का उपयुक्त माप नहीं होता क्योंकि इस पर चरम मानो का काफी प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए एक फैक्टरी के पाँच कर्मचारियों के मासिक वेतन क्रमश : 2000 रु, 2000 रु., 2000 रु., 4000 रु. और 24000 रु. हैं। तब कर्मचारी का माध्य वेतन 6800 रु. होता है। इस माध्य वेतन से वास्तविक स्थिति की सही - सही जानकारी नहीं मिलती। क्योंकि इस माध्य पर चरम मान 24000 रु. का काफी प्रभाव पड़ता है। यहीं करण है कि इस स्थिति में समान्तर माध्य केन्दीय प्रवृति का माप नहीं होता। अत: इस प्रकार की स्थिति के लिए एक अन्य औसत परिभाषित करना होता है। यदि सबसे बीच के मान को केन्दीय प्रवृति का माप मान ले जो इस स्थिति में यह 2000 रु है तो यह माध्य तर्कसंगत लगता है क्योंकि अधिकांश कर्मचारियों के वेतन इस माध्य के आस-पास ही है। इस प्रकार की माप को माध्यिका (Median) कहा जाता है जिसकी परिभाषा इस प्रकार दी जाती है।
माध्यिका की परिभाषा : यदि असंसाधित आकड़ों के मानों xi को वर्धमान अथवा ह्रसमान परिमाण के क्रम में रखा जाये, तो इस व्यवस्था के बिलकुल बीच के मान को माध्यिका कहा जाता है।
इस तरह, अवर्गीकृत आंकड़ों की मास्थिका का अभिकलन इस प्रकार किया जाता है
चरण (i) : विचर के मानो को परिमाण के क्रम में रखा जाता है।
चरण (ii) : सबसे बीच के मान को माध्यिका माना जाता है।
[यदि असंसाधित आँकडों में मानों को संख्या n विषम (Odd) हो, तो इन्हें परिमाण के क्रम में रखने पर (n+1/2) वाँ मान माध्यिका होगी । ऐसी स्थिति में मध्यिका का एक और केवल एक मान होगा।
दूसरी और, यदि n सम (even) हो, तो परिमाण के क्रम में रखे गये आँकडों के सबसे बीच के दो मान अर्थात् (n/2) वे और (n+2/1)वें मान होगे । इस स्थिति में सबसे बीच के इन दो मानों में से किसी मान को माध्यिका माना जा सकता है । परन्तु निश्चितता को दृष्टि से इन दो मानों के समान्तर माध्य को माध्यिका माना जाता है।]
समान्तर माध्य की तरह माध्यिका के भी कुछ निम्नलिखित उत्तम गुणधर्म है :
(1) इसका अभिकलन सरलता से किया जा सकता है और इसे आसानी से समझा जा सकता है।
(2) यदि सम हो तो सबसे बीच के दो मानो का माध्य लेने पर मासिका का एक और केवल एक मान प्राप्त होता है।
(3) जहाँ समान्तर माध्य पर चरम मानो का काफी प्रभाव होता है वहीं मास्थिका पर चरम मानों का कोई प्रभाव हीं होता।
UP Board Class 10 Mathematics Notes On Statistics (Chapter Fifth), Part-II
उदाहरण के लिए यदि उदाहरण में चरम मान 11 के स्थान पर 60 लें, 2 के स्थान पर -40 लें या 11 और 2 के स्थान पर क्रमश: 60 और -40 ले, तब भी माध्यिका 6 ही रहेगी। अत: हम इस निष्कर्ष पर पाहूँचते हैं कि यदि मान समुच्चय में कोई असामान्य रूप से उच्च अथवा निम्न मान हो तो केन्दीय प्रवृति के माप के लिए साध्य की अपेक्षा माध्यिका अधिक उत्तम होती है|
उदाहरण 1. 5, 7, 15, 17, 9, 19, 11 और 17 को माध्यिका है :
(i) 9
(ii) 12
(iii) 13
(iv) 17
उत्तर : विकल्प (111) 13.
हल : 5, 7, 15 17, 9 19, 1 1 और 17 को आरोही क्रम में लिखने पर
5, 7, 9, 11, 15, 17, 17, 19
पद (N) = 8 सम
= 1/2 =(11+15) = 1/2x26 = 13
उदाहरण 2 : (a) संख्याएँ 20,35,50,80,100 + X, 340,520,800 तथा 1210 आरोही क्रम में लिखी गई हैं| इनकी माध्यिका 190 है| x का मान ज्ञात कीजिए|
हल: आरोही क्रम में संख्याएँ 20,35,50,80,100 + X, 340,520,800 तथा 1210 हैं|
कुल संख्याएँ n = 9, (विषम)
मध्य पद n+1/2 = 9+1/2 = 5
माध्यिका = 5वें पद का मान
190 = 100 + X
X = 190 – 100 = 90
अत: X = 90.
(b) 10 छात्रों ने गणित विषय की परीक्षा में निम्नलिखित अंक प्राप्त किए:
39, 14, 18, 07, 17, 34, 45, 12, 32, और 14 प्राप्तांको की माध्यिका अंक ज्ञात कीजिए|
हल: दिए गए अंको को आरोही क्रम में लिखने पर,
7, 12, 14, 14, 17, 18, 32, 34, 39, 45
कुल पद, = n = 10
= 35/2 = 17.5
उदाहरण 3. निम्नलिखित आँकड़ों की माध्यिका ज्ञात कीजिए:
0, 2, 4, 5, 7, 9, 12, 15
पद (N) = 8 (सम)
= 1/2 (5+7)
= 1/2 x 12
= 6
अत: माध्यिका = 6
UP Board Class 10 Notes For Trigonometry (Chapter Sixth), Part-III
उदाहरण 4. यदि संख्याएँ 7, 8, (2x – 3), (2x – 1), 15, 17, 20 और 22 आरोही क्रम में हैं और उनकी माध्यिका 14 है तो x का मान ज्ञात कीजिए|
हल: आरोही क्रम में दी गयी संख्याएँ हैं:
7, 8 (2x – 3), (2x – 1), 15, 17, 20 और 22
कुल संख्याएँ = 8 सम
28 = 2x – 1 + 15
28 = 2x + 14
2x = 14
X = 7.
5. उदाहरण 6, 7, 6, 9, 10, 8, 12 और 13 की माध्यिका है:
(i) 9
(ii) 10
(iii) 8
(iv) 12
उत्तर: विकल्प (i) 9.
हल: 6, 7, 6, 9, 10, 8, 12 और 13 को आरोही क्रम में रखने पर,
6, 7, 8, 9, 10, 12, 13
यहाँ पदों कि संख्या (N) = 7, (विषम)
= 4वें पद का मान
= 9.
उदाहरण 6. प्रथम दस अभाज्य संख्याओं की माध्यिका है:
(i) 5
(ii) 11
(iii) 12
(iv) 13
उत्तर: विकल्प (iii) 12.
हल: प्रथम दस अभाज्य संख्याएँ हैं:
1, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29
पद (N) = 10
अत: माध्यिका = 12.
UP Board Class 10 Mathematics Notes : Trigonometry (Chapter Sixth), Part-VI
उदाहरण 9. यदि आरोही क्रम में संख्याओं 11, 12, 14, 18, x+2, x+4, 30, 32, 35, 41 की माध्यिका 24 है तो x का मान होगा:
(i) 20
(ii) 21
(iii) 22
(iv) 23
हल: कुल संख्याएँ, n = 10 (सम)
5वाँ पद + 6वाँ पद = 48
X + 2 + x + 4 = 48
2x + 6 = 48
2x = 42 x = 21.
अत: विकल्प (ii) सही है|
UP Board Class 10 Mathematics Notes : H.C.F and L.C.M (Chapter Second), Part-II
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