जाने परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं

परमवीर चक्र या 'पीवीसी' भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है, जबकि अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। परमवीर चक्र केवल सैनिकों को दिया जाता है जबकि अशोक चक्र सैनिक एवं आम नागरिक दोनों को दिया जाता है| इस लेख में हम परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का विवरण दे रहे हैं|

Mar 9, 2017, 13:05 IST

परमवीर चक्र या 'पीवीसी' 26 जनवरी 1950 से शुरू किया गया था| यह भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है, जो सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े हुए लोगों को दिया जाता है| यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस तथा वीरता का परिचय देने पर तथा मरणोपरांत भी दिया जाता है। 'परमवीर चक्र'  संस्कृत के शब्द "परम", "वीर" एवं "चक्र" से मिलकर बना है और इसका शाब्दिक अर्थ है "वीरता का चक्र"।

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अशोक चक्र 4 जनवरी, 1952 से शांति काल में दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। प्रारंभ में इसका नाम ‘अशोक चक्र, वर्ग-1’ था| यह युद्ध के अतिरिक्‍त शौर्य, बहादुरी और बलिदान के लिए भी दिया जाता है। युद्ध काल में परमवीर चक्र का जो महत्‍व है वहीं महत्व शांति काल में अशोक चक्र का है। अशोक चक्र शांति काल में वीरता के लिए सैनिकों और आम नागरिकों दोनों को दिया जा सकता है।

इस पुरस्कार को श्रेष्ठता के तीन स्तरों पर दिया जाता है। यह पदक थलसेना, वायु सेना, नौसेना तीनों के लिए अलग अलग दिया जाया है। इस पुरस्कार को देने का निर्णय भी वीरता और विशिष्टता के आधार पर तय किया जाता है| वर्ष 1960 से, सेना पदक देने का क्रम शुरू किया गया था। सन् 1967 में इस सम्मान से वर्ग की शर्त को हटा दिया गया और इसके तीन सम्मान घोषित किए गए। इनका नामकरण ‘अशोक चक्र, ‘कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र किया गया।

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क्या आप जानतें हैं कि 'परमवीर चक्र' को अमेरिका के 'सम्मान पदक' तथा 'यूनाइटेड किंगडम' के 'विक्टोरिया क्रॉस' के बराबर का दर्जा हासिल है।परमवीर चक्र का डिज़ाइन विदेशी मूल की एक महिला ने किया था और 1950 से अब तक इसके आरंभिक स्वरूप में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

आइए अब देखतें हैं कि सरकार ने परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की हैं?

परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को सरकार द्वारा यात्रा, स्‍वास्‍थ्‍य, आवास, पुन: नियोजन और पेंशन जैसे क्षेत्रों में विशेष लागत लाभ प्रदान किए गए हैं| नीचे कई योजनाओं का उल्‍लेख किया गया है, जो संबंधित क्षेत्र में उन पर लागू होती हैं।

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1. चिकित्सा सुविधाएं:


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परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को प्राप्‍त होने वाले लाभों में चिकित्‍सा सुविधाओं को भी शामिल किया गया है। ये सैनिक और इनके परिवार वाले किसी भी समय सेना अस्‍पतालों में अपना इलाज करा सकते हैं। इस सैनिकों को अंशदायी स्‍वास्‍थ्‍य योजना से भी बहुत मदद मिलती है।
यदि परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेता सेना अस्‍पतालों में इलाज नहीं करा सकते हैं तो उन्‍हें 31 मार्च, 2007 की स्थिति के अनुसार अन्‍य अस्‍पतालों में इलाज कराने पर हुए खर्च के लिए केंद्रीय सैनिक बोर्ड से लगभग 75 से 90 प्रतिशत की वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे उन्‍हें चिकित्‍सा संबंधी जरूरतों को आसानी से पूरा करने में मदद मिलती है।

2. आवास की सुविधा:


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परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को केंद्र सरकार तथा राज्‍य सरकारों ने मकान अथवा ज़मीन की खरीद में मदद करने के लिए कई आवास योजनाएं एवं स्‍कीमें बनाई हैं। ये सैनिक घर बनाने हेतु वित्‍तीय सहायता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं|
इसके अलावा सैनिक भवन अथवा सैनिक विश्रामगृह सेवानिवृत्‍त परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को तथा उनके आश्रितों को उपलब्‍ध अन्‍य आवास लाभ है। ये विश्रामगृह बहुत ही मामूली दरों पर सारी सुविधाएं प्रदान करते हैं।
सेना कल्याण आवास संगठन एक ऐसी समिति है जो सेवारत व्‍यक्तियों, सेवानिवृत्‍त सेना कार्मिकों और सेना कार्मिकों की विधवाओं के लिए देश के चुनिंदा केन्द्रों में मकानों का निर्माण करने के लिए जिम्‍मेदार है। हाल ही में, एडब्ल्यूएचओ ने कमिशंड अधिकारियों और सेना के अन्‍य अधिकारियों की सुविधा के लिए किफायती मकानों के निर्माण के लिए जय जवान आवास योजना कार्यक्रम शुरू किया है। ये मकान सैनिक छावनियों के नज़दीक बनाए जा रहे हैं ताकि वहां रहने वाले परिवारों को उस क्षेत्र के सैनिक अस्‍पतालों और सैनिक विद्यालयों की सुविधाएं आसानी से प्राप्‍त हो सकें।

3. बचत के साधन:


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वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना अथवा एससीएसएस परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को उपलब्‍ध एक उपयोगी साधन है। यह योजना हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई है और सेवानिवृत्‍त रक्षा कार्मिक अपने जीवन में किसी की चरण पर इस योजना में निवेश कर सकते हैं।
31 मार्च, 2007 की स्थिति के अनुसार इस वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना में सेवानिवृत्‍त रक्षा कार्मिकों को उनकी जमाराशि पर 9 प्रतिशत की दर पर ब्‍याज प्राप्‍त होता है। इसके अलावा सरकार सेवानिवृत्‍त रक्षा कार्मिकों और उनके आश्रितों के हित के लिए अन्‍य वित्‍तीय योजनाएं और कार्यक्रम भी शुरू कर रही है।

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4. पेंशन सुविधाएं:


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परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को सेवा की निर्धारित अवधि पूरी होने पर सामान्‍य रूप से सेवानिवृत्‍त होने अथवा सेवा से निर्मुक्‍त होने पर सेवानिवृत्ति/ सेवा पेंशन प्रदान की जाती है। युद्ध से भिन्‍न किसी दुर्घटना में विकलांगता की स्थिति में विकलांगता पेंशन दी जाती है। युद्ध अथवा युद्ध की तरह के अभियानों के दौरान घायल अथवा जख्‍मी होने वाले कार्मिक को एक विशेष पेंशन दी जाती है जिसे युद्ध में घायल के लिए पेंशन कहा जाता है।
सामान्‍यतया सेवानिवृत्ति पेंशन का हिसाब अंतिम 10 महीनों के दौरान आहरित औसत गणनीय परिलब्धियों के 50 प्रतिशत पर लगाया जाता है। रक्षा कार्मिकों को दी जाने वाली पेंशन अधिकारियों के लिए 43 प्रतिशत और अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिकों के लिए 45 प्रतिशत है। 31 मार्च, 2007 की स्थिति के अनुसार असैनिकों को केवल ऐसी 40 प्रतिशत पेंशन मिलती है। ये सुविधाएं उन्‍हें सेवानिवृत्‍त होने के बाद भी अच्‍छा जीवन यापन करने में समर्थ बनाती हैं।
इसके अलावा भारत सरकार की ओर से परमवीर चक्र विजेताओं को प्रति महीने 10,000 रूपये और अशोक चक्र विजेताओं को प्रति महीने 8,000 रूपये अतिरिक्त भत्ते के रूप में दी जाती है| जबकि गोरखा सैनिकों में से परमवीर चक्र विजेताओं को सालाना 1,50,000 रूपये और अशोक चक्र विजेताओं को सालाना 1,25,000 रूपये अतिरिक्त भत्ते के रूप में दी जाती है
पारिवारिक पेंशन उन परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं के आश्रितों को दी जाती है जिनकी सेवानिवृत्ति के बाद अथवा सेवा के दौरान मृत्‍यु हो जाती है। इन सुविधाओं का आशय सेवानिवृत्‍त कार्मिकों को वित्‍तीय दृष्टि से मजबूत बनाना तथा अन्‍य व्यक्तियों को रक्षा बलों में तैनाती के लिए प्रोत्‍साहित करना है।

5. यात्रा में रियायत:


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भारतीय रेलवे परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को मेल अथवा एक्‍सप्रेस गाड़ियों के वातानुकूलित (एसी) II टियर डिब्बों और राजधानी गा‍‍ड़ियों के एसी III टियर डिब्बों में मुफ्त यात्रा की अनुमति देता है।
युद्ध में मारे गए रक्षा कार्मिकों के विधवाओं को दूसरी श्रेणी के यात्रा किराए में 75 प्रतिशत की छूट दी जाती है। परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को हवाई जहाज में यात्रा करने पर 75 प्रतिशत की छूट दी जाती है।
31 मार्च 2007 की स्थिति के अनुसार बहादुरी के लिए पुरस्‍कार पाने वाले सेवानिवृत्‍त रक्षा अधिकारियों को एयरलाइंस की टिकटों पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है।

6. पूर्व सैनिकों का पुन: नियोजन:


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केन्द्र सरकार और राज्‍य सरकारें परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं एवं अन्य पूर्व सैनिकों को केन्द्र अथवा राज्‍य सरकार के पदों पर पुन:नियोजन हेतु कई रियायतें प्रदान करती हैं। इसमें पदों का आरक्षण, आयु और शै‍क्षणिक योग्‍यताओं की छूट और आवेदन अथवा परीक्षा शुल्‍क से छूट शामिल हैं। नौ‍करियां देते समय विकलांग पूर्व सैनिकों और मृत सेवा कार्मिक के आश्रितों को अनुकम्‍पा के आधार पर विशेष प्राथमिकता दी जाती है। पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसरों के संबंध में कुछ बातें नीचे दी गई हैं:

1. केंद्र सरकार ने पूर्व सैनिकों के लिए समूह '''' (Group C) में 10 प्रतिशत और समूह '''' (Group D) में 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की हैं।
2. सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों और राष्ट्रीकृत बैंकों में समूह '''' (Group C) में 14.5 प्रतिशत और समूह '''' (Group D) में 24 प्रतिशत पद आरक्षित हैं।
3. अर्द्ध सैनिक (पैरामिलिट्री) बलों में सहायक कमाडेंट के 10 प्रतिशत पद भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित हैं।

पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) विभिन्‍न सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों और निजी क्षेत्र उद्योगों को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने के लिए निजी पूर्व सैनिक एजेंसियों को पंजीकृत अथवा प्रायोजित करता है। कुछ राज्‍यों ने राज्‍य में सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने स्‍वयं के पूर्व सैनिक नियत किए है।
लोक उद्यम विभाग ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों को अनुदेश जारी किए हैं कि वे राज्‍य पूर्व सैनिक निगमों अथवा डीजीआर द्वारा प्रायोजित सुरक्षा एजेंसियों से ही सुरक्षा कार्मिक‍ नियुक्‍त करें। इस समय ऐसी लगभग 1800 ईएसएम सुरक्षा एजेंसियां हैं जो 1,10,000 से अधिक पूर्व सैनिकों को रोजगार प्रदान करती हैं।
सेवानिवृत्त परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को लघु अथवा मध्‍यम स्‍तर का कारोबार स्‍थापित करने में मदद करने के लिए सरकार ने भी स्‍व-रोज़गार योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं पूर्व सैनिकों को लघु व्‍यवसाय शुरू करने के लिए ऋण प्रदान करती हैं। ऋण की मंजूरी के लिए आवेदन पत्र ज़िला सैनिक बोर्ड को प्रस्‍तुत करना होता है।
इसके अलावा परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं के लिए रोज़गार के अन्‍य अवसर के रूप में कोयला परिवहन कंपनी योजना और कोयला टिपर योजना हैं। पेट्रोल पंप, एलपीजी और मिट्टी के तेल की डीलरशिप सेना की सेवा के दौरान विकलांग हुए कार्मिकों को आबंटित की जाती है।
सार्वजनिक टेलीफोन बूथों के आंबटन में भूतपूर्व सैनिकों, विकलांग रक्षा कार्मिकों और विधवाओं को तरजीह दी जाती है। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्‍ली में भूतपूर्व सैनिक मदर डेरी बूथ, सब्‍जी स्‍टोर और संपीड़ित प्राकृतिक गैस केंद्र में संचालित कर रहे हैं।

उपरोक्त सुविधाओं के अलावा परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को अन्य सैनिको कि तरह कैंटीन की सुविधा प्रदान की गई है, जहाँ वे सस्ती दरों पर अपनी जरूरत के सामान खरीद सकते हैं| इसके अलावा परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को टेलीफोन के कनेक्शन में भी 50% की छूट मिलती है|

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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