मायावती एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह बसपा (बहुजन समाज पार्टी) राजनितिक दल की न केवल सदस्य हैं बल्कि उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। वह उत्तर प्रदेश राज्य की चार बार मुख्यमंत्री रही हैं। उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी धार्मिक अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के साथ-साथ दलितों एवं बहुजन के विकास, विस्तार और भलाई जैसे कार्यों पर केंद्रित है।
मायावती का पारिवारिक विवरण (Mayawati Family)
मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्री प्रभुदासनंद और माता का नाम रामरति देवी था।
मायावती की शिक्षा (Mayawati Education)
वर्ष 1975 में मायावती ने कालिंदी विमेंस कॉलेज एवं विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी बी ए की शिक्षा पूरी की। वर्ष 1976 में, उन्होंने वीएमएलजी कॉलेज, गाजियाबाद से बीएड की डिग्री अर्जित की। तत्पश्चात उन्होंने वर्ष 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री पूरी की। इन्ही आधारों पर उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा मन में बनाये रखी। वह वर्ष 1989 में पहली बार सांसद के रूप में चुनी गयी थीं।
बहुजन समाज पार्टी के बारे में तथ्य (Facts about Bahujan Samaj Party)
चुनाव चिन्ह | हाथी |
स्थापना | अप्रैल 14, 1984. (33 वर्ष पहले) |
संस्थापक | कांशीराम |
पार्टी अध्यक्ष | कुमारी मायावती |
पार्टी उपाध्यक्ष | आनंद कुमार |
राजनीतिक विचारधारा | सेंट्रल लेफ्ट |
फिलोसोफी | मानवाधिकार, सामाजिक समानता, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, स्वाभिमान |
पार्टी टाइप | राष्ट्रीय पार्टी |
रंग | नीला |
लोक सभा सीटें | 10 out of 543 |
राज्य सभा सीटें | 4 out of 245 |
हेड ऑफिस पता | Party-12 , Rakab Ganj Road. Connaught Place, New Delhi -110001 |
फ़ोन नंबर | (011) 23358219 |
ऑफिसियल वेबसाइट | http://www.bspindia.org/ |
मायावती का राजनीतिक करियर (Political Career of Ms. Mayawati)
- वर्ष 1984: कांशीराम के द्वारा बहुजन समाज पार्टी बनायीं गयी. कांशीराम और मायावती के नेतृत्व में पार्टी ने पहली बार नौवीं लोक सभा चुनाव में भाग लिया था.
- वर्ष 1994: मायावती राज्यसभा की सदस्य बनी थीं.
- वर्ष 1995: मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने के लिए पहली बार भारत की कोई दलित महिला मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचा था.
(मायावती मुख्यमंत्री के रूप में स्कूल का निरीक्षण करती हुईं )
- वर्ष 1996 - 1998: मायावती राज्य विधानसभा में एक विधायक के रूप में निर्वाचित की गयीं.
- वर्ष 1997: मायावती दूसरी बार के लिए उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी और 20 सितम्बर 1997 तक इस पद पर बनी रहीं।
- वर्ष 1998: मायावती बारहवीं लोकसभा के सदस्य के रूप में दूसरी बार चुनी गयी थीं।
- वर्ष 1999: मायावती तेरहवीं लोकसभा की सदस्य बनी
- वर्ष 2001: दलित नेता कांशीराम ने एक रैली में घोषणा की कि मायावती बहुजन समाज के आन्दोलन की एकमात्र वारिस होंगी।
- फ़रवरी 2002: मायावती उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में पुनः निर्वाचित हुई।
- मार्च 2002: मायावती ने अकबरपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया।
- मई 2002: मायावती तीसरी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी।
- वर्ष 2003: मायावती बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी।
- अप्रैल-मई 2004: वह पुनः उत्तर प्रदेश के अकबरपुर सीट से चौदहवीं लोकसभा के लिए चुनी गयीं।
- जुलाई 2004: वह लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और दूसरी बार राज्य सभा की सदस्य बनी।
- वर्ष 2006: वह दूसरी बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित की गयी।
- मई 2007: मायावती चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी।
- जुलाई 2007: मायावती उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के सदस्य के रूप में निर्वाचित की गयी। थीं।
- 2 अप्रैल, 2018 को मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.उनका मानना था कि जब उनको सदन में रहकर अपने लोगों की बात नहीं रखने दी जा रही है तो फिर उनका सदन में रहने के क्या फायदा?
मायावती की उपलब्धियां और पुरस्कार (Awards and Achievements of Mayawati)
1. सन 2003 में, मायावती को मुख्यमंत्री के रूप में, पोलियो उन्मूलन में उनकी पहल के लिए यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और रोटरी इंटरनेशनल द्वारा 'पॉल हैरिस फेलो पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था.
2. मायावती को राजर्षि शाहू मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा 'राजर्षि शाहू पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था.
3. टाइम पत्रिका ने मायावती को 2007 के लिए भारत की 15 सबसे प्रभावशाली सूची में शामिल किया था.
4. 2008 में, फोर्ब्स पत्रिका ने मायावती को दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 59 वें स्थान पर रखा था.
5. वर्ष 2009 में एक न्यूजवीक लेख ने उन्हें भारत के 'बराक ओबामा' और प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में दिखाया था.
किताबें और वृत्तचित्र (Mayawati Books)
'आयरन लेडी कुमारी मायावती 'जो की मायावती पर लिखी गयी है, के लेखक मोहम्मद जमील अख्तर हैं. उनकी आत्मकथा हिंदी में 3 खंडो में प्रकाशित हुई है; इसका नाम है 'मेरे संघर्षमयी जीवन एवं बहुजन मूवमेंट का सफरनामा'. इसके अलावा अंग्रेजी में 'ए ट्रैव्लॉग ऑफ़ माई स्ट्रगल-रेज़्ड लाइफ और बहुजन समाज'.
इसके अलावा बहनजी: मायावती की एक राजनीतिक जीवनी के लेखन अनुभवी पत्रकार अजॉय बोस द्वारा किया गया है. खबर है कि मायावती को लेकर बॉलीवुड नई बायोपिक रिलीज़ करेगा, जिसमें विद्या बालन मुख्य भूमिका निभाएंगी.
वतर्मान गतिविधि
वर्ष 2019 के लोक सभा चुनावों में मायावती की 'बहुजन समाज पार्टी' ने 10 सीटें जीतीं हैं. ज्ञातव्य है कि राज्य सभा में 'बहुजन समाज पार्टी' के 4 सदस्य हैं.
वर्तमान में भी मायावती का कद भारत की राजनीति में काफी बाद है. कई राष्ट्रीय पार्टियाँ उनके द्वारा लिए गए निर्णयों को काफी गंभीरता से लेतीं हैं. मायावती इस देश की एकमात्र ऐसी नेता मानीं जातीं है जो अपना वोट बैंक सिर्फ एक इशारे के दम पर किसी भी पार्टी में ट्रान्सफर करा सकतीं हैं.
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