हिंदी को जब आधिकारिक भाषा के रूप में समर्थन प्रदान किया गया था?
भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी को अपना समर्थन दिया था. इसके महत्व को समझने और इसके छाप बनाये रखने के लिए हम प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं.
हिंदी भाषा का इतिहास
हिंदी भाषा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और संस्कृत भाषा से इसने अपनी अकादमिक शब्दावली का अधिकांश भाग प्राप्त किया है. साथ ही इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है. हिंदी का इतिहास यूरोपीय भाषा परिवार के इन्डो-आर्यन भाषा से सम्बन्ध रखता है. मुगलों और फारसी लोगो नें हिन्दी भाषा में अपनी सुबिधा के अनुसार अनेक परिवर्तन किया था.
हिन्दी भाषा की विविधता
स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, भारत सरकार नें लिखित रूप में मानकीकरण एवं एकरूपता को प्राप्त करने के लिए कुछ अक्षर और ध्वनियों को स्पष्ट करने के लिए साथ ही देवनागरी लिपि का उपयोग कर, व्याकरण और वर्तनी की स्थिरता को नियमों के साथ स्थिर बनाये रखने के लिए अनेक प्रयास किये. इस भाषा नें अपनी उपस्थिति दुनिया भर में बनाये रखी है, साथ ही एक लम्बा सफ़र भी तय किया है.
हिंदी दिवस समारोह
हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर, कई स्कूलों, कार्यालयों और कॉलेजों में अनेक असाधारण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. साथ ही इन कार्यक्रमों में अनेक छात्र उत्साह से भाग लेते हैं. इस समारोह के अवसर पर हिंदी कविता, गायन कार्यक्रम और हिंदी भाषा से जुड़े अनेक परीक्षाएँ आयोजित के जाती हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर लोग एक दूसरे के बीच हिन्दी भाषा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करते हैं.
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