डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभ

डिजिटल इंडिया ज्ञान आधारित बदलाव के लिए भारत को तैयार करने और केंद्र सरकार और स्थानीय सरकार दोनों के सहयोग और समन्वित भागीदारी से लोगों को सुशासन प्रदान करने के लिए एक प्रतिबद्ध कार्यक्रम है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम मुख्यतः तीन प्रमुख क्षेत्रों, प्रत्येक नागरिक को डिजिटल सुविधा, मांग पर आधारित प्रशासन और सेवा तथा प्रत्येक नागरिक के डिजिटल सशक्तिकरण पर आधारित हैl इस लेख में हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभों का विवरण दे रहे हैंl

Mar 16, 2017, 18:19 IST

डिजिटल इंडिया ज्ञान आधारित बदलाव के लिए भारत को तैयार करने और केंद्र सरकार और स्थानीय सरकार दोनों के सहयोग और समन्वित भागीदारी से लोगों को सुशासन प्रदान करने के लिए एक प्रतिबद्ध कार्यक्रम है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम मुख्यतः तीन प्रमुख क्षेत्रों, प्रत्येक नागरिक को डिजिटल सुविधा, मांग पर आधारित प्रशासन और सेवा तथा प्रत्येक नागरिक के डिजिटल सशक्तिकरण पर आधारित हैl इस लेख में हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभों का विवरण दे रहे हैंl  
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभों में ब्रॉडबैंड हाइवेज, फोन तक सबकी पहुंच, सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम, ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति, सभी के लिए जानकारी, इलेक्ट्रानिक्स निर्माण में आत्मनिर्भरता, नौकरियों के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल और जल्द परिणाम देने वाले कार्यक्रम शामिल हैंl
Nine Pillers of Digital India
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1. ब्रॉडबैंड हाइवेज: इसके तहत देश में सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रव्यापी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) का विस्तार किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि लगभग 20,100 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत वाली राष्ट्रव्यापी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्किंग परियोजना वित्त वर्ष 2016-17 में पूरी हो जाएगीl राष्ट्रव्यापी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्किंग परियोजना को सरकारी ग्राहक प्रणाली (GUN) द्वारा तैयार किया गया है। इस परियोजना की अनुमानित पूंजीगत लागत 4900 करोड़ रूपए और 10 सालों के लिए परिचालन लागत 2500 करोड़ है।
 broadband highways
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2. फोन तक सबकी पहुंच: देश में लगभग 44,000 चिन्हित कस्बों में मोबाइल फोन पहुंचाने की गारंटी के साथ सरकार सभी शहरों में 2018 तक मोबाइल फोन कनेक्शन की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रयत्नशील हैl इसके अलावा सरकार ने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड से मिलने वाले 3,567.8 करोड़ रूपए की पूंजीगत लागत के द्वारा विभिन्न राज्यों के वामपंथी नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों को देश की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के लिए 1,836 मोबाइल टावर स्थापित करने का भी फैसला किया हैl यह पहल नेटवर्क पहुंच पर ध्यान केंद्रित करने और देश में कनेक्टिविटी के अंतराल को भरने के लिए किया गया हैl इस परियोजना के लिए नोडल विभाग के रूप में दूरसंचार विभाग को अधिकृत किया गया हैl
 universal-access of mobile connectivity
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3. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम: सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के दो उप-घटकों में सार्वजनिक सेवा केंद्र और बहुउपयोगी सेवा केंद्र के रूप में डाकघर प्रमुख हैं। डिजिटल इंडिया के तहत सार्वजनिक सेवा केन्द्रों को और मजबूत किया जाएगा तथा इसकी संख्या 1,35,000 से बढ़ाकर लगभग 2,50,000 किया जाएगा अर्थात प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सार्वजनिक सेवा केन्द्र (CSC) की स्थापना की जाएगीl सार्वजनिक सेवा केन्द्र को सरकार और व्यापारिक सेवाओं के वितरण के लिए व्यवहार्य और बहुआयामी बनाया जाएगाl इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इस योजना को लागू करने के लिए नोडल विभाग के रूप में अधिकृत किया गया हैl
इस प्रोग्राम के तहत कुल 1,50,000 डाकघरों को बहुउपयोगी सेवा केन्द्रों में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए डाक विभाग को नोडल विभाग के रूप में अधिकृत किया गया हैl
 public internet access program
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4. ई-गवर्नेंस - प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन में सुधार: सरकारी व्यापार प्रक्रियाओं मं  लेनदेन को बेहतर बनाने के लिए सभी मंत्रालयों / विभागों में सूचना प्रोद्योगिकी का उपयोग किया जाएगाl इसके तहत सभी विभागों में ऑनलाइन आवेदन को बढ़ावा देना, स्कूली प्रमाणपत्रों और मतदाता पहचान पत्र आदि के ऑनलाइन प्रारूप को मान्यता देना, आधार, पेमेंट गेटवे, मोबाइल प्लेटफॉर्म, इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज इत्यादि को नागरिकों और व्यवसायों के लिए एकीकृत और इंटरऑपरेटिव सेवा वितरण की सुविधा के लिए अनिवार्य किया जाना शामिल हैl इसके अलावा लोगों के सार्वजनिक शिकायत के निवारण के लिए कम्प्यूटरीकृत तरीकों का उपयोग किया जाएगाl
 e governance
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5. ई-क्रांति: ई-क्रांति के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती, मौलिक अधिका और वित्तीय अधिकार जैसी सेवाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगाl शिक्षा में डिजिटल ज्ञान कार्यक्रम और बड़े पैमाने पर ऑनलाइन खुला पाठ्यक्रम (MOOC) पर ध्यान केंद्रित किया गया है और 2,50,000 शैक्षणिक संस्थानों में नि:शुल्क वाई-फाई स्थापित करने की योजना हैl स्वास्थ्य सेवा में सरकार इंटरनेट के माध्यम से पूरे देश में मेडिकल रिकॉर्ड, दवाओं की आपूर्ति और व्यक्तिगत विवरणों पर नजर रखने की योजना बना रही हैl इसके साथ ही आने वाले समय में दवा मालिकों को तत्क्षण मूल्य विवरण, ऑनलाइन नकद ऋण और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगींl
e Kranti
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6. सभी के लिए जानकारी: इसके तहत सभी नागरिकों के लिए ऑनलाइन इंटरनेट वेबसाइट के माध्यम से सेवाओं की जानकारी और सोशल मीडिया और वेब आधारित सिस्टम जैसे मायगोव (MyGov) के माध्यम से यथार्थवादी जानकारी प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया हैl
 information for all
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7. इलेक्ट्रानिक्स निर्माण में आत्मनिर्भरता: इसके तहत कंटेनर, वीसेट (VSAT), मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, चिकित्सा से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आधुनिक विद्युत मीटर, स्मार्ट कार्ड और माइक्रो एटीएम के निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया गया हैl इसके लिए सरकार कई मोर्चे पर समन्वय कर रही है और भविष्य में  इसके लिए स्थानीय उत्पादकों को कर छूट और लागत लाभ में छूट की पेशकश भी कर सकती हैl
zero import
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8. नौकरियों के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल: सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार सृजन के उद्देश्य से सरकार ने अगले 5 वर्षों में छोटे शहरों और गांवों के 1 करोड़ छात्रों प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैl इसके अलावा प्रत्येक उत्तर-पूर्वी राज्य में सक्षम विकास की सुविधा के लिए सूचना व संचार तकनीक के माध्यम से बीपीओ स्थापित किये जाएंगेl साथ ही 3 लाख सेवा वितरण एजेंटों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपरोक्त सभी योजनाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोडल विभाग के रूप में अधिकृत किया गया हैl
इसके अलावा 5 लाख ग्रामीण कर्मचारियों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगाl इस योजना के लिए दूरसंचार विभाग को नोडल विभाग के रूप में अधिकृत किया गया हैl
 IT for jobs
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9. जल्द परिणाम देने वाले प्रोग्राम: भारत सरकार दिल्ली में स्थित केन्द्र सरकार के सभी कार्यस्थलों में आधार अनुमोदित फिंगरप्रिंट उपस्थिति कार्यक्रम स्थापित करने की योजना बना रही है। एक वेब आधारित एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम उपस्थित हितधारकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति की देख-रेख करेगाl
 early harvest programme
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