दूरबीन का अविष्कार कैसे हुआ था?

Oct 15, 2019, 13:07 IST

टेलीस्कोप या दूरबीन एक ऐसा यंत्र जो दूर की चीजों को पास दिखाता है. दरअसल दूरबीन का अविष्कार संयोगवश हुआ था. दूरबीन का अविष्कार 17 वीं सदी की शुरुआत में हॉलैंड के मिडिलबर्ग शहर में रहने वाले एक चश्मा व्यापारी के बेटे द्वारा खेल-खेल में किया गया था. इस व्यापारी का नाम हेंस लिपरशी (Hans Lippershey) था. इसके लिए हेंस लिपरशी ने कोई विशेष कोशिश या प्रयोगशाला नही बनायीं थी और ना ही हेंस लिपरशी कोई बहुत पढ़ा लिखा वैज्ञानिक था. 

Discovery of Telescope
Discovery of Telescope

दूरबीन का अविष्कार 17 वीं सदी की शुरुआत में हॉलैंड के मिडिलबर्ग शहर में रहने वाले एक चश्मा व्यापारी के बेटे द्वारा खेल-खेल में किया गया था. इस व्यापारी का नाम हेंस लिपरशी (Hans Lippershey) था. टेलीस्कोप या दूरबीन एक ऐसा यंत्र जो दूर की चीजों को पास दिखाता है.

दरअसल दूरबीन का अविष्कार संयोगवश हुआ था. इसके लिए हेंस लिपरशी ने कोई विशेष कोशिश या प्रयोगशाला नही बनायीं थी और ना ही हेंस लिपरशी कोई बहुत पढ़ा लिखा वैज्ञानिक था. आइये अब जानते हैं कि दूरबीन का अविष्कार कैसे हुआ था.
(हेंस लिपरशी)

hans lipperhey telescope inventor
दूरबीन का अविष्कार सही मायने में हेंस लिपरशी ने नही बल्कि उनके एक छोटे से शैतान बेटे ने खेल खेल में किया था. उसका बेटा रंग बिरंगे कांचों से दिन भर खेलता और उन पर सूरज की रोशनी डालकर सबको परेशान किया करता था.

स्कूल की छुट्टी वाले दिन उसका पापा उसे दुकान पर अपने काम में हाथ बंटाने के लिए लाया और उसे कांच की एक टोकरी में से एक जैसे रंगों वाले कांचों को छांटने के लिए बोला. बेटे ने वैसा ही करना शुरू कर दिया लेकिन वह हर रंगीन कांच को अपनी आँखों में लगाकर दरवाजे के बाहर देख रहा था. कभी लाल कभी पीला और कभी सबको एक साथ मिला के देखना शुरू किया; तभी वो डर गया उसने देखा की सामने जो गिरजाघर की मीनार है वो एक दम से पास आ गयी है. उसको लगा कोई भ्रम है ...फिर से देखा ..तो फिर से वैसा ही दृश्य दिखा ..अब उसने सोचा कि अपने पिता को यह बात बताये या नही कही वो ग़ुस्सा ना हो कही यह कोई जादू वाला काँच तो नही है ?

लेकिन वह अपने आप को ज्यादा देर तक नही रोक पाया और पापा (हेंस लिपरशी) को आवाज दी और आपस में जोड़े गए कांचों को आँखों पर लगाने को कहा; इस दृश्य को देखकर हेंस लिपरशी भी हैरान रह गया क्योंकि जिस वस्तु को वो देख रहा वो वस्तु 3 गुणा अधिक उसके पास आ गयी थी और वो मीनार एकदम उसके सामने खड़ी दिख रही थी.

हेंस लिपरशी ख़ुशी से फूला ना समाया और बेटे को गोद में लेकर नाचने लगा, उसका बेटा अभी तक परेशान था कि हुआ क्या है; तब उसने बताया की बेटा तुमने अनजाने में एक अविष्कार कर दिया है दूर की वस्तु को पास से देखने की तरकीब खोज ली है.

लिपरशी ने कहा कि अब हम एक यंत्र बनाएँगे इससे हमारा नाम भी अब दुनिया में होगा. इस तरह अनजाने में दूरबीन का अविष्कार हुआ था. सितंबर 25, 1608 को लिपरशी ने दूरबीन का पेटेंट अपने नाम करवाया था. इस दूरबीन में उत्तल लेंस और अवतल लेंस दोनों का उपयोग किया गया था.

इसके बाद गैलीलियो के इस दूरबीन के बारे में खबर सुनी जो कि किसी भी वास्तु को 3 गुणा पास दिखा सकती है तो उसने भी बिना लिपरशी की दूरबीन देखे बिना ही अपनी दूरबीन बनाने की सोची और बनाने लगा, लिपरशी की दूरबीन किसी वस्तू को सिर्फ 3 गुणा पास दिखा सकती थी लेकिन गैलीलियो ने उस से ज्यादा लेंस का इस्तेमाल की और एक दूरबीन बनायीं जो किसी वस्तु को 20 से 30 गुणा पास ला सकती थी .
(गैलीलियो)

galileo telescope
image source:Exam Lover
तो इस तरह आपने पढ़ा कि किस तरह एक शरारती लड़के ने खेलते हुए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार अर्थात दूरबीन को बनाया था. इस कहानी से सबक लेते हुए यह कहा जा सकता है कि कभी भी किसी बच्चे के जिज्ञाशु या अटपटे प्रश्नों को टालना नही चाहिए.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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