सल्तनत काल के दौरान राज्य की प्रकृति सैन्यवादी और कुलीन थी और धर्मतंत्र का अस्तित्व था अर्थात् राज्य का प्रमुख ही धर्म का प्रधान होता थाl दूसरे शब्दों में राज्य की प्रकृति इस्लामिक थीl इसका मतलब यह नहीं था कि सुल्तानों ने किसी को भी इस्लामी कानूनों के खुले उल्लंघन की अनुमति दी थीl इसके अलावा मुसलमानों को राज्य की नीति पर नियंत्रण करने की अनुमति नहीं थी क्योंकि सुल्तान पूरी तरह से तानाशाह थे, उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं था और उनका शब्द ही कानून थाl उस समय सुल्तानों के अधिकार का वास्तविक स्रोत सैन्य शक्ति थी और वह सेना का मुख्य सेनापति, मुख्य कानून प्रदाता और अपील के लिए अंतिम न्यायालय थाl सल्तनत काल के दौरान कृषि, व्यापार और वाणिज्य अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्रोत थेl इसी कारण से सुल्तानों ने तकनीकी सहायता के लिए “फारसी पहियों” या “शकीया” को बढ़ावा दिया, जिससे कुओं में पानी निकालने का काम किया जाता थाl फिरोज शाह तुगलक ने बड़ी संख्या में नहरों का निर्माण करवाया थाl
इस लेख में हम सल्तनतकाल में इस्तेमाल होने वाले प्रशासनिक और कृषि से जुड़े शब्दों की सूची दे रहे हैं, जो स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी अध्ययन सामग्री हैl
सल्तनतकाल में इस्तेमाल होने वाले प्रशासनिक और कृषि से जुड़े शब्दों की सूची
प्रशासन और कृषि से जुड़े शब्द | अर्थ |
अलाई टंका | अलाउद्दीन खिलजी के टैंक |
अलामाथा-ए-सल्तनत | राजसी सत्ता का प्रतीक चिन्ह |
आमिल | राजस्व अधिकारी |
आमिर | सेनापति: तीसरा सर्वोच्च आधिकारी |
आमिर-ए-दाद | न्याय का प्रभारी अधिकारी |
आमिर-ए-अखुर | घोड़ों का निरीक्षक अधिकारी |
आमिर-ए-हाजिब | शाही खलिसा अदालत का प्रभारी अधिकारी (जिसे तुर्की में बर्बेक/बारबेक भी कहा जाता है) |
आमिर-ए-कोह | कृषि का प्रभारी अधिकारी |
अर्ज | सैनिकों की गिनती, उनके उपकरण और घोड़ों का प्रभारी अधिकारी |
अर्ज-ए-मुमालिक | सेना का प्रभारी मंत्री |
बर्बेक/बारबेक | शाही दरबार का प्रभारी अधिकारी |
बरिद | सूचना एकत्र करने के लिए राज्य द्वारा नियुक्त खुफिया अधिकारी |
बरिद-ए-मुमालिक | राज्य खुफिया सेवा का प्रमुख |
दाबिर | सचिव |
दाबिर-ए-मुमालिक | मुख्य सचिव |
दाग | घोड़ों पर ब्रांडिंग का निशान |
दीवान | कार्यालय: केंद्रीय सचिवालय |
दीवान-ए-अर्ज | युद्ध मंत्री का कार्यालय |
दीवान-ए-इंशा | मुख्य सचिव का कार्यालय |
हुक्म-ए-मुशाहिद | भू-राजस्व का आकलन (केवल निरीक्षण के द्वारा) |
इक्तादार | इक्ता का प्रभारी |
जागीर | राज्य द्वारा एक सरकारी अधिकारी को दिया गया भूमि का एक टुकड़ा |
जीतल | दिल्ली सल्तनतकालीन तांबे के सिक्के |
जजिया | गैर-मुसलमानों पर लगाया जाने वाला व्यक्तिगत और वार्षिक कर |
कारखाना | शाही कारखाना या उद्योग, यह दो प्रकार के होते थे- रत्बी, जानवरों की देखभाल के लिए और गैर-रत्बी, राज्य द्वारा आवश्यक वस्तुओं के निर्माण के लिएl |
खालिसा | सीधे राजा द्वारा नियंत्रित भूमि |
खिदमति | सेवा देय राशि |
खुत्स | गांव का प्रमुख या राजस्व संग्राहक |
मदद-ए-माश | धार्मिक या योग्य व्यक्तियों के लिए भूमि या पेंशन का अनुदान |
मजलिस-ए-खास | राजा और उसके उच्च अधिकारियों की एक गुप्त बैठक |
मजलिस-ए-खिलावत | राजा और उसके उच्च अधिकारियों की एक गुप्त बैठक |
मलिक नायब | पूरे राज्य का शासक या राजा की ओर से कार्य करने के लिए अधिकृत राजा का प्रतिनिधि |
मुह्तासिब | गांव में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नियुक्त एक अधिकारी, जो गांव का सबसे वरिष्ठ नागरिक होता थाl |
मुक्ता | गवर्नर, एक इक्ता या मध्यकालीन प्रांत का प्रभारी |
मुस्तौफी-ए-मम्लाकत | पूरे राज्य का लेखाकार (एकाउंटेंट) |
मुस्तौफी-ए-मामलिक | पूरे राज्य का लेखा परीक्षक |
नायब-ए-अर्ज | युद्ध मंत्री या उसका सहायक |
नायब-ए-मम्लाकत | पूरे राज्य का शासक या राजा की ओर से कार्य करने के लिए अधिकृत राजा का प्रतिनिधि |
दीवान-ए-रियासत | व्यापार और वाणिज्य मंत्री का कार्यालय |
दीवान-ए-मुस्तखराज | कर संग्रह करने के लिए कार्यालय |
दोआब | गंगा और यमुना नदी के बीच की भूमि |
फ़तवा | सशगनी शरीयत या धार्मिक कानून के अनुसार एक फैसला |
फौजदार | सेना का सेनापति |
हक्क-ए-शिर्ब | नहर सिंचाई से लाभ |
हुक्म-ए-मसाहट | माप के अनुसार भूमि राजस्व का आकलन |
चुंगी-ए-गल्ला | अनाज पर कर |
आमिर-ए-तारब | मनोरंजन कर |
गल्ला बख्शी, कानकूट | भूमि राजस्व संग्रह की व्यवस्था |
नायब-ए-मुल्क | साम्राज्य का शासक |
काजी-उल-कज्जात | मुख्य काजी |
सराई-अद्ल | कपड़े और अन्य विशिष्ट वस्तुओं की बिक्री के लिए दिल्ली के बाजार को अलाउद्दीन खिलजी के द्वारा दिया गया नाम |
साशगनी | छः जीतल या तांबे के सिक्कों के बराबर एक छोटा चांदी का सिक्का |
सहना-ए-मंडी | अनाज के बाजार का प्रभारी अधिकारी |
सिपहसालार | सेनापति |
सल्तनतकाल में इस्तेमाल होने वाले प्रशासनिक और कृषि से जुड़े शब्दों की उपरोक्त सूची स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी अध्ययन सामग्री हैl
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