पीएच (pH) स्केल की संकल्पना और महत्व

1909 में जलीय घोल के एच+ आयन की सांद्रता बताने वाले डेनमार्क के बायोकेमिस्ट एस.पी.एल. सोरेनसन (S.P.L Sorenson) ने एक स्केल बनाया जिसे पीएच (pH) के रूप में जाना जाता है| किसी भी घोल का पीएच (pH) एक संख्या होता है जो उस घोल की अम्लता या क्षारता के बारे में बताता है| इस आर्टिकल में पीएच (pH) स्केल की संकल्पना और महत्व के बारे में बताया गया है |

Jan 13, 2017, 12:36 IST

डेनमार्क के बायोकेमिस्ट एस.पी.एल. सोरेनसन (S.P.L Sorenson) ने 1909 में जलीय घोल के एच+ आयन की सांद्रता बताने वाले एक स्केल बनाया जिसे पीएच (pH) के रूप में जाना जाता है| किसी भी घोल का पीएच (pH) एक संख्या होता है जो उस घोल की अम्लता या क्षारता के बारे में बताता है |

pH scale

किसी भी घोल का पीएच (pH) मान हाइड्रोजन आयन (H+) की सांद्रता के विलोम के लघुगणक (logarithm) की संख्या (numerically) के बराबर होता है| इसलिए, घोल का पीएच (pH) हाइड्रोजन आयन के नकारात्मक लघुगणक (negative logarithm) के तौर पर जाना जाता है |

pH= - log 1/ [H+]

      = log1[H+]

पीएच (pH) मान की मूल अवधारणा

उदासीन घोल (Neutral Solution– शुद्ध पानी) का pH: पानी का pH 7 होता है| जब कभी एक घोल का pH 7 हो, तो वह उदासीन घोल होगा| ऐसा घोल किसी भी लिटमस घोल या किसी अन्य संकेतक पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करेगा |

अम्लीय घोल का pH: सभी अम्लीय घोलों का pH 7 से कम होता है| इसलिए जब कभी किसी घोल का pH 7 से कम हो तो वह अम्लीय प्रकृति का होगा और यह नीले लिटमस को लाल रंग में बदल देगा और मिथाइल ऑरेंज को गुलाबी एवं फेनॉल्फथलीन को रंगहीन कर देगा |

क्षारीय घोल का pH: सभी क्षारीय घोलों का pH 7 से अधिक होता है| इसलिए जब कभी भी किसी घोल के pH का मान 7 से अधिक हो तो वह क्षारीय प्रकृति का होगा और लाल लिटमस को नीले रंग में, मिथाइल ऑरेंज को पीला और फिनॉल्फथलीन को गुलाबी रंग का बना देगा |

हमारे दैनिक जीवन के आम पदार्थों के pH मान

घोल

pH

घोल

pH

कॉनिक एचसीएल (HCl)

0

लार (भोजन से पहले)

7.4

तेल एचसीएल (HCl)

1.0

लार (भोजन के बाद)

5.8

अमाशय रस

1.4

रक्त

7.4

नींबू का रस

2.5

अंडे

7.8

सिरका

4.0

टूथपेस्ट

8.0

टमाटर का रस

4.1

बेकिंग सोडा घोल

8.5

कॉफी

5.0

वाशिंग सोडा घोल

9.0

शीलत पेय/ सॉफ्ट ड्रिंक

6.0

मिल्क ऑफ मैग्नेशिया

10.5

दूध

6.5

घरेलू अमोनिया

11.6

शुद्ध जल

7.0

तनु सोडियम हाईड्रॉक्साइड

13.0

 

सांद्र सोडियम हाईड्रॉक्साइड

14

रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण क्या है?

पीएच (pH) मान और सांद्रता के बारे में याद रखने वाली बातें

-    कम पीएच (pH) वाला अम्लीय घोल उच्च पीएच (pH) मान वाले दूसरे घोलों के मुकाबले अधिक शक्तिशाली होता है | 2 पीएच (pH) वाला एक घोल 5 पीएच (pH) वाले घोल के मुकाबले शक्तिशाली होता है |

-    उच्च पीएच (pH) मान वाला क्षारीय घोल पीएच (pH) 10 मान वाले घोल से अधिक शक्तिशाली होता है|

-    बहुत अधिक अम्लीय घोल का पीएच (pH) मान शून्य (0) से कम हो सकता है और बहुत अधिक क्षारीय घोल का पीएच (pH) मान 14 से अधिक हो सकता है|

पीएच (pH) स्केल पर रंगों का यूनिवर्सल इंडिकेटर

यह विभिन्न प्रकार के इंडिकेटर्स (या रंजकों) का मिश्रण होता है जो पूरे पीएच (pH) स्केल पर अलग– अलग पीएच (pH) मानों के लिए अलग– अलग रंग प्रदान करता है| अलग– अलग पीएच (pH)  मानों पर यूनिवर्सल इंडिकेटर द्वारा उत्पादित रंग नीचे तालिका में दिए गए हैं–

रंग

पीएच (pH)

रंग

पीएच (pH)

गहरा लाल

0

हरापन लिए पीला

8

लाल

1

नीला

9

लाल

2

गहरा नीला

10

नारंगी लाल

3

जामुनी  (Purple)

11

नारंगी

4

गहरा जामुनी (Dark Purple

12

नारंगी पीला

5

बैंगनी (Violet)

13

हरापन लिए पीला

6

बैंगनी (Violet)

 14

हरा

7

 

 

पीएच (pH) का महत्व

कृषि में: मिट्टी के पीएच (pH) का निर्धारण कर हम यह जान सकते हैं कि वह अम्लीय है या क्षारीय | इससे इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरकों और बोए जाने वाले फसलों के प्रकार के निर्धारण में मदद मिलती है |

जैविक प्रक्रिया में: पीएच (pH) का पता लगा कर हम किण्वन (fermentation), एंजाइम हाइड्रोलिसिस, कीटाणुनाशन आदि जैसी जैविक प्रक्रियाओँ के माध्यम को समायोजित कर सकते हैं|

संक्षारण अनुसंधान में: समुद्र के पानी का पीएच (pH) माप कर बनाए जाने वाले जहाजों और पनडुब्बियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली सामग्रियों पर क्षारीय समुद्री – जल के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है|

प्रतिरोधक घोल (Buffer Solution)

प्रतिरोधक घोल या बफर को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है– एक ऐसा घोल जिसमें थोड़ा मात्रा में अम्ल या क्षार के मिलाए जाने से उसके पीएच (pH) में कोई अंतर न आए | इसका प्रयोग केमिकल एप्लीकेशनों के व्यापक प्रकार में पीएच (pH) को स्थिर मान के करीब बनाए रखने में किया जाता है | कई जीवन अपेक्षाकृत कम पीएच (pH) रेंज में ही विकसित होते हैं इसलिए वे बफर घोल का प्रयोग पीएच (pH) को स्थिर बनाए रखने में करते हैं | प्रकृति में, रक्त के पीएच (pH) को नियमित करने के लिए बाईकार्बोनेट बफरिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाता है | सोडियम एसीटेट और एसिटिक एसिड का घोल प्रभावी बफर घोल का एक उदाहरण है | घोल जिसमें बफर घोल मिलाया जाता है वह बेहद धीमे अम्ल के तौर पर काम करता है |

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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