वर्तमान 21 वीं सदी को महिलाओं की सदी कहा जा रहा है लेकिन अगर भारत में महिलाओं की शिक्षा और रोजगार से सम्बंधित आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति साफ नजर आती है कि भारत में अभी बहुत लम्बा सफ़र तय करना हैं| भारत की कुल जनसंख्या का 48.5% महिलाएं हैं जिसमे से सिर्फ 65.46% ही साक्षर हैं|
1. भारत की कुल जनसंख्या का 48.5% महिलाएं हैं जिसमे से सिर्फ 65.46% ही साक्षर हैं |
2. महिलाओं की सैलरी, पुरुषों की सैलरी की 62% हैं, यदि महिला और पुरुष की सैलरी एक सामान हो जाये तो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30% की बृद्धि हो जायेगी|
3. वर्तमान में श्रम बल भागीदारी (labour force participation)25% है जो कि 2004-05 में 37% थी|
4. भारत की संसद में वर्तमान में सिर्फ 11% महिला ही हैं |
5. 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार में लगी महिलाओं का प्रतिशत इस प्रकार है:
• कृषि:-76.3 मिलियन
• विनिर्माण क्षेत्र :-10 मिलियन
• सेवा क्षेत्र :-8.5 मिलियन
• अन्य क्षेत्र :- 7.1 मिलियन
image source:Livemint
समाज के विभिन्न वर्गों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी कल्याणकारी योजनायें
6. भारत में सभी नामांकित स्नातक छात्रों में 45.9% महिलाएं हैं जबकि पीएचडी में पंजीकृत सभी छात्रों में 40.5% महिलाएं हैं|
2012-2013 में विशिष्ट अंडरग्रेजुएट डिग्री कार्यक्रमों में नामांकित महिलाओं का प्रतिशत शामिल है
I. इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी --28.5%
II. आईटी और कंप्यूटर --40.2%
III. प्रबंधन --35.6%
IV. कानून --32.0%
7. ISRO के कुल कर्मचारियों 14,246 का केवल 20% महिलाएं हैं और 1963 में इसकी स्थापना से लेकर अभी तक कोई भी महिला इसकी अध्यक्ष नही बन पायी है l
8. 2011-2012 में सभी ग्रामीण श्रमिकों में 24.8% महिलाएं शामिल थीं जो कि 1972-73 में 31.8% थीं|
9. 2011-2012 में, सभी शहरी श्रमिकों में महिलाएं 14.7% थीं, जो कि 1972-73 में 13.4% थीं।
Image source:IndiaSpend
10. निदेशक मंडल (Board of Directors) में केवल 7.7% महिलाएं है इनमे भी केवल 2.7% निदेशक मंडल की चेयरमैन हैं | बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत 54% कंपनियों में से किसी में भी कोई महिला बोर्ड निदेशक नहीं (no women board directors.)हैं।
Image source:IndiaSpend
11. भारत के सांख्यिकी विभाग के मुताबिक 2011-12 में गैर कृषि क्षेत्रों (non-agricultural sectors ) में कुल श्रमिकों में से 20% से कम महिलाएं थीं। गैर कृषि क्षेत्रों ,में काम करने वाली महिलाओं की सबसे अधिक संख्या मणिपुर, त्रिपुरा, तमिलनाडु और केरल में है जबकि बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में यह संख्या सबसे अधिक है |
अब वो दिन गायब हो गए हैं जब महिलाओं को केवल घरेलू काम के लिए फिट माना जाता था। अब भारतीय महिलाओं ने ISRO के उपग्रह अभियानों में पुरुषों के लिए मदद की है इसलिए अब महिलाओं को पुरुषों से कमतर 21 वीं सदी की सबसे बड़ी भूलों में से एक माना जायेगा |
महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की योजनाएं
1. भारत की कुल जनसंख्या का 48.5% महिलाएं हैं जिसमे से सिर्फ 65.46% ही साक्षर हैं |
2. महिलाओं की सैलरी, पुरुषों की सैलरी की 62% हैं, यदि महिला और पुरुष की सैलरी एक सामान हो जाये तो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30% की बृद्धि हो जायेगी|
3. वर्तमान में श्रम बल भागीदारी (labour force participation)25% है जो कि 2004-05 में 37% थी|
4. भारत की संसद में वर्तमान में सिर्फ 11% महिला ही हैं |
5. 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार में लगी महिलाओं का प्रतिशत इस प्रकार है:
· कृषि:-76.3 मिलियन
· विनिर्माण क्षेत्र :-10 मिलियन
· सेवा क्षेत्र :-8.5 मिलियन
· अन्य क्षेत्र :- 7.1 मिलियन
6. भारत में सभी नामांकित स्नातक छात्रों में 45.9% महिलाएं हैं जबकि पीएचडी में पंजीकृत सभी छात्रों में 40.5% महिलाएं हैं|
2012-2013 में विशिष्ट अंडरग्रेजुएट डिग्री कार्यक्रमों में नामांकित महिलाओं का प्रतिशत शामिल है
I. इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी --28.5%
II. आईटी और कंप्यूटर --40.2%
III. प्रबंधन --35.6%
IV. कानून --32.0%
7. ISRO के कुल कर्मचारियों 14,246 का केवल 20% महिलाएं हैं और 1963 में इसकी स्थापना से लेकर अभी तक कोई भी महिला इसकी अध्यक्ष नही बन पायी है l
8. 2011-2012 में सभी ग्रामीण श्रमिकों में 24.8% महिलाएं शामिल थीं जो कि 1972-73 में 31.8% थीं|
9. 2011-2012 में, सभी शहरी श्रमिकों में महिलाएं 14.7% थीं, जो कि 1972-73 में 13.4% थीं।
10. निदेशक मंडल (Board of Directors) में केवल 7.7% महिलाएं है इनमे भी केवल 2.7% निदेशक मंडल की चेयरमैन हैं | बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत 54% कंपनियों में से किसी में भी कोई महिला बोर्ड निदेशक नहीं (no women board directors.)हैं।
11. भारत के सांख्यिकी विभाग के मुताबिक 2011-12 में गैर कृषि क्षेत्रों (non-agricultural sectors ) में कुल श्रमिकों में से 20% से कम महिलाएं थीं। गैर कृषि क्षेत्रों ,में काम करने वाली महिलाओं की सबसे अधिक संख्या मणिपुर, त्रिपुरा, तमिलनाडु और केरल में है जबकि बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में यह संख्या सबसे अधिक है |
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