Anandi Gopal Joshi Birth Anniversary 2022: आनंदी गोपाल जोशी (Anandi Gopal Joshi) की कहानी दिल को छू लेने वाली है. उनका नाम आनंदी बाई जोशी था, शादी के बाद उनका नाम आनंदी गोपाल जोशी पड़ा था. आज भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी बाई जोशी का जन्मदिन है.
आनंदी बाई जोशी (Anandi Bai Joshi) ने उस दौर में विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई की, जब महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल था. महिलाओं ने राजनीति से लेकर खेल तक में अपनी प्रतिभा और योग्यता का परिचय दिया है.
भारत की पहली महिला डॉक्टर की कहानी
आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 में पुणे जिले के कल्याण में जमींदारों के एक रूढ़िवादी मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. आनंदी जब मात्र 9 साल की थी तभी उनकी शादी 25 साल के एक विदुर गोपालराव जोशी से कर दी गई थी.
आनंदी 14 साल की उम्र में मां बन चुकी थीं, लेकिन 10 दिनों के भीतर ही उनके नवजात बच्चे की मौत हो गई. बता दें कि बच्चे को खोने के दर्द ने आनंदी को दुखी करने के साथ ही एक लक्ष्य भी दिया, उन्होंने प्रतिज्ञा किया कि वे एक दिन डॉक्टर बनकर ही रहेंगी. उनके इस संकल्प को पूरा करने में उनके पति गोपालराव जोशी ने भी उनकी पूरी सहायता की.
बता दें कि आनंदी बाई जोशी महिलाओं के लिए आदर्श हैं क्योंकि उन्होंने आलोचनाओं की परवाह किये बिना अपने सपने को साकार किया. वे मात्र 22 साल की उम्र में डॉक्टर बन गयी थीं, लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया तथा उनकी मृत्यु हो गयी.
आनंदी बाई जोशी अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस शुरू करतीं उससे पहले ही वे टीबी की बीमारी का शिकार हो गईं. वे लगातार बीमार रहने के कारण 26 फरवरी 1887 में मात्र 22 साल की उम्र में चल बसीं. बता दें कि जोशी अपने सपने को साकार नहीं कर सकीं, लेकिन वे लड़कियों के लिए मिशाल बन गईं.
‘आनंदी गोपाल’ नाम से दूरदर्शन पर सीरियल आ चुका है. इसमें उनकी पूरी जिंदगी को दिखाया गया है. इसके अतिरिक्त मराठी और हिंदी में कई शॉर्ट फिल्में बन चुकी हैं. यह उपलब्धि आनंदी बाई ने जिन विषम परिस्थितियों में लड़कर हासिल की, उसके लिए उन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार मिले.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation