भारतीय रेलवे कुछ चुनिंदा ट्रेन शताब्दी, गतिमान और तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों में 25 प्रतिशत कम किराये की योजना को लागू करने जा रहा है. दरअसल भारतीय रेलवे ने यह फैसला रोडवेज और सस्ती एयरलाइन से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते लिया है. यह जानकारी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.
यह रियायत वातानुकूलित कुर्सी यान, एक्जीक्यूटिव कुर्सी यान सीटों के आधार पर किराये में दी जाएगी. आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क और अन्य अलग से लगाए जाएंगे. जिन ट्रेनों में साल 2018 में मासिक 50 प्रतिशत से कम टिकट बिकीं उनमें रियायत दी जाएगी.
रेलवे का मुख्य मकसद:
इन ट्रेनों का किराया ज्यादा होने की वजह से यात्री सफर करने से परहेज करते हैं. रेलवे का मुख्य मकसद है कि इन ट्रेनों में जो सीटें खाली रह जाती हैं, उसे भरा जाए.
मुख्य बिंदु:
• रेलवे के अनुसार, पिछले दिनों शताब्दी, गतिमान और तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें खाली रहने के आंकड़े मिले थे.
• यह छूट जिस ट्रेन में लागू होगी उस ट्रेन में अन्य सभी रियायतें नहीं मिलेंगी, साथ ही डायनेमिक फेयर भी नहीं लगेगा.
• यहां तक कि भीड़भाड़ वाले मौसम में गतिशील मूल्य (डायनेमिक प्राइसिंग) के बावजूद ट्रेनों का किराया विमान से कम होगा.
• रेलवे ने जोन को 30 सितंबर 2019 तक ऐसी ट्रेनों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है.
• मंत्रालय के अनुसार, जोन प्रबंधन को ट्रेन की सीटों का आरक्षण बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. योजना लागू होने के चार महीने बाद जोन प्रबंधन को कार्यान्वयन पर रिपोर्ट जमा करनी होगी.
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में रेलवे के किरायों में बढ़ोतरी ही देखी गई थी. मुख्यतौर से प्रीमियम ट्रेनों और एसी के किराये में खासी बढ़ोतरी हुई थी.
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