बिहार के प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवंबर 2019 को निधन हो गया है. वे 74 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई है. पिछले कई सालों से वशिष्ठ नारायण सिंह बीमार चल रहे थे. उनका इलाज पटना के पीएमसीएच अस्पताल में चल रहा था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वशिष्ठ बाबू के निधन से बहुत दुख हुआ है. उन्होंने अपने ज्ञान से पूरे बिहार का नाम रोशन किया है.
आंइस्टीन को दी थी चुनौती
वशिष्ठ नारायण सिंह ने आंइस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय हेतु बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका तथा कंप्यूटर्स का गणना (कैलकुलेशन) एक था.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी
वशिष्ठ नारायण सिंह जब पटना साइंस कॉलेज में पढ़ रहे थे तभी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन कैली की नजर उन पर पड़ी. प्रोफेसर कैली ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण दिया.
वशिष्ठ नारायण साल 1965 में अमेरिका चले गए. उन्होंने साल 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. वे वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. उहोने नासा में भी काम किया लेकिन मन नहीं लगा और साल 1971 में भारत लौट आए.
उन्होंने भारत में पहले आईआईटी कानपुर, फिर आईआईटी बंबई, और फिर आईएसआई कोलकाता में भी नौकरी की.
यह भी पढ़ें:शोले में 'कालिया' का किरदार निभाने वाले प्रसिद्ध अभिनेता विजू खोटे का निधन
वशिष्ठ नारायण सिंह के बारे में
• वशिष्ठ नारायण सिंह एक भारतीय गणितज्ञ थे.
• उनका जन्म बिहार के भोजपुर जिला में बसंतपुर नाम के गाँव में हुआ था.
• उन्होंने बर्कली के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से साल 1969 में गणित में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी.
• वर्ष 1973 में वंदना रानी सिंह से उनकी शादी हुई.
यह भी पढ़ें:पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का निधन
यह भी पढ़ें:साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता नवनीता देव सेन का निधन
Comments
All Comments (0)
Join the conversation