विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है. इस वर्ष पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है. यह दिवस पर्यावरण संरक्षण के बारें में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
यह दिवस वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता और उसके लिए चलाये जा रहे विभिन्न एक्शन प्लान को प्रोत्साहित करता है. कई गैर-सरकारी संगठन और सरकारी संस्थाएँ इस पहल को आगे बढ़ाने में मदद करती है.
According to @UNEP, by 2050, there could be more plastic than fish in the ocean
— UNICEF (@UNICEF) June 5, 2023
By reducing, reusing, and redesigning how we produce and consume plastic, we can #BeatPlasticPollution and safeguard nature. #WorldEnvironmentDay pic.twitter.com/wsjz2hWCPb
विश्व पर्यावरण दिवस, थीम 2023:
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम #BeatPlasticPollution अभियान के तहत प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर केंद्रित है. प्लास्टिक प्रदूषण आज के समय में हमारे पर्यावरण के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. अतः इस तरह के अभियान प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में काफी मददगार साबित होंगे.
प्लास्टिक प्रदूषण पर केन्द्रित है इस बार के आयोजन:
विश्व पर्यावरण दिवस एक बहुत बड़ा वैश्विक मंच है, और इसका आयोजन दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा किया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस की ऑफिसियल वेबसाइट पर भी प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के अभियान के बारें में जानकारी दी गयी है. इस साल इस पहल को कोटे डी आइवर (Côte D'Ivoire) होस्ट कर रहा है.
प्लास्टिक पर क्या है UN रिपोर्ट:
संयुक्त राष्ट्र के आकड़ों के अनुसार, हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है. जिनमे से 50% प्लास्टिक को सिंगल यूज़ के लिए डिज़ाइन किया जाता है. इनमे से केवल 10% प्लास्टिक को रीसायकल किया जाता है जो उत्पादन की तुलना में काफी कम है.
यदि हमें अपने पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करना है तो प्लास्टिक के रीसायकल की प्रक्रिया को और बड़े स्तर पर बढ़ाना होगा. पर्यावरणीय परिवर्तनों का मानसिक स्वास्थ्य पर भी पर्याप्त प्रभाव पड़ सकता है. प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे बाढ़, तूफान और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) का कारण बन सकती हैं.
प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे करें कंट्रोल:
प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को इसके उपयोग को कम करना होगा, साथ ही आने वाली पीढ़ी और बच्चों को इसके प्रति सचेत करना होगा. दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना होगा और इको बैग को बढ़ावा देना होगा जिससे हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते है.
'नो प्लास्टिक मंथ' जैसे पहलों को बढ़ावा देना होगा जिससे इसके उपयोग को कम किया जा सके साथ ही रिसाइकिल वाले वस्तुओं को अपने दैनिक जीवन में उपयोग करने की आदत डालनी होगी.
ईको-पैकेजिंग को देना होगा बढ़ावा:
हमें अपने दैनिक जीवन में ईको-पैकेजिंग वाले बैग के उपयोग को बढ़ावा देना होगा इसके लिए ईको-पैकेजिंग प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर बढ़ाना होगा, जिससे प्लास्टिक के उपयोग को कम किया जा सके.
अगली पीढ़ी के बच्चों को नॉन प्लास्टिक चीजों से बनने वाले प्रोजेक्ट के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे उनको प्लास्टिक के विकल्प के बारें में ज्यादा जानकारी हो सके.
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास:
विश्व पर्यावरण दिवस के इतिहास 50 साल पुराना है, इसकी शुरुआत स्टॉकहोम, स्वीडन में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के साथ हुई थी. इस सम्मेलन के परिणामस्वरूप, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की स्थापना 15 जून, 1972 को की गयी थी.
UNEP ने पर्यावरण के लिए एक विशेष दिवस के आयोजन की शुरुआत की, जिसके बाद 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (WED) के रूप में घोषित किया गया. पहला विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 1973 को मनाया गया. जिसका थीम "केवल एक पृथ्वी" (Only One Earth) था.
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