तरक्की हर इंसान की चाहत होती है, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि तरक्की सभी को नहीं मिलती है। कई बार हम लाख कोशिश करने या तरीके अपनाने के बावजूद अपने करियर को मनचाहा ट्रैक नहीं दे पाते| छोटी-छोटी सफलताएँ लोगों को आगे तो बढ़ा सकती है परन्तु किसी भी क्षेत्र में बड़े मुकाम हासिल करने के लिए बड़ी तरक्कीओं की आवश्यकता होती है | जाहिर सी बात है कुछ और परिश्रम करके बड़ी सफलताएँ भी प्राप्त हो सकती हैं | इसके लिए ज़रूरत है तो बस कुछ ऐसे संकल्प की जिसके ज़रिये आप आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं | मनचाहे मंजिल की तालाश के लिए संकल्पित होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि संकल्प आपको हमेशा एहसास कराते रहते है आपके निश्चित गोल की|
ध्यान रखने योग्य बाते यह है कि लिए गए संकल्प के प्रति हमें पूर्ण रूप से समर्पित होना होगा| दुविधा या आधे-अधूरे मन से लिया संकल्प या किया गया काम हमें उसी जगह पर बनाए रखता है , जिस जगह हम संकल्प लेने से पहले थे | अगर अपने भविष्य को बेहतर बनाना चाहते है, तो जरुरी है की कुछ संकल्पों को निर्धारण करे और सच्ची लगन व मेहनत से काम करें, ऐसा करने से निश्चित ही वह लक्ष्य भी हासिल हो ही जायेगा जिसके लिए आपने कुछ अहम संकल्प लिए थे | आइये आज हम अपने आप से पांच महत्वपूर्ण संकल्प करें जो हमको तरक्की की उस ऊंचाई तक पहुंचा दे जिसकी हमको इच्छा है |
1. बिना रणनीति कोई काम नही करूँगा
यह कहने का सीधा मतलब यह है कि यदि हम सही रणनीति के साथ किसी भी चीज़ की तैयारी करें तो वह निश्चित ही पूरी होती है | अपना एक गोल बनाये और उससे सम्बंधित टारगेट्स को ध्यान रखे | यह सबसे ज़रूरी है की आपका गोल क्या हैं क्युकि बिना एक गोल के आप अपने टारगेट्स नही सोच सकते और जैसे ही आपने एक गोल निश्चित किया अब आप उसके टारगेट्स के बारे में पूरी प्लानिंग करें | टारगेट हमेशा हमे ये बताता है के हम अपने गोल के कितने करीब हैं और गोल यह प्रतीत करता है के आप अपने सफलता के कितने पास | आपके करियर के लिए आपकी बनाई रणनीति काफी एहम भूमिका निभाती है | जिंदगी हो या करियर ... चाहे कोई भी काम है। हर चीजे में सफल होने के लिए प्लानिंग होनी जरूरी है। बिना प्लान के तो आप सुबह उठकर स्कूल, कॉलेज या ऑफिस भी नहीं पहुंच सकते। ऐसे में करियर की ऊंचाईयों पर कैसे पहुंचेंगे...? इसलिए जिंदगी में सफल होने के लिए प्लानिंग बहुत जरूरी है और प्लानिंग के लिए आपको सबसे पहले गोल निर्धारित करना जरूरी है। फिर इस गोल को पाने के लिए टार्गेट बनाइए। दुनिया आपके कदमों में होगी।
क्या फर्क है गोल और टार्गेट में-
गोल- गोल मतलब लक्ष्य। आपका क्या लक्ष्य है। क्या बनना है आपको। इसलिए सबसे पहले अपना गोल डिसाइड करें।
टार्गेट- फिर उसकी प्लानिंग बनाइए और उसमें छोटे-छोटे टार्गेट निर्धारित करिए। जैसे की इक्कीस साल तक मुझे जॉब पकड़ लेनी है। तेईस साल तक मुझे असिस्टेंट मैनेजर बनना है और पच्चीस में मैनेजर। इसतरह 25 साल की आयु में मेनेजर बन्ने के गोल को हम छोटे छोटे टारगेट बनाकर हासिल करसकते है| तो अपना गोल डिसाइड करें और छोटे-छोटे टार्गेट्स के अनुसार जिंदगी की ऊंचाईयों पर पहुंचे।
2. खुद को ही ज़िम्मेदार बनाऊंगा
अब अपनी हार-जीत की जिम्मेदारी खुद लें। दूसरों के ऊपर दोषारोपण करना बहुत आसान है, लेकिन खुद आगे बढ़कर दूसरों की तो छोड़िए अपनी ही गलितयों को कोई अपने माथे नहीं लेता। इसलिए सबसे पहले अपनी सारी गलतियों और हार की जिम्मेदारी लें और उन्हें सुधारें। जब आप गलितयों को मान लेंगे तो ज़ाहिर है कि उसको सुधारने के लिए कम भी करेंगे और ऐसा करने से धीरे-धीरे आपका काम अच्छा होजेगा और लोग आपको एक अलग पहचान देंगे | सफलता और तरक्की के लिए कोई भी कदम बढ़ाने से पहले सही और गलत की विचार शक्ति अहम होती है, जिसके लिए अधिक से अधिक ज्ञान और अनुभव बंटोरें। लोगों के कमेंट्स को कोम्प्लिमेंट्स समझो और जिस दिन ऐसा होना शरू होगया तो समझलेना की तुम एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बन गए हो और तरक्की की और चल पड़े हो |
3. हमेशा नकरात्मक सोच और नकरात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहूँगा
कभी-कभी जिंदगी में ऐसा समय आता है जब इंसान हार महसूस करने लगता है। सारी कोशिशें नाकाम होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में नकरात्मक सोच से हमेशा बचें। क्योंकि ये केवल एक वर्तमान स्थिति है जो समय बीतने के साथ बीत जाएगी । फेल होना बुरी बात नही लेकिन फेल होकर निराश होजान ज़यादा बुरी बात है | आप यद् कीजिये उस महान साइंटिस्ट को जिसने इलेक्ट्रिक बल्ब का इजाद किया | कई बार फेल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नही हारी | अगर वो निराश होकर छोड़ देते तो आज दुनिया को अंधकार से कौन निकालता | इसलिए कितनी भी हार मिलते रहे लेकिन हार ना मानें और अच्छे समय का इंतजार करें।
याद रखें, नजरे जो बदलीं तो नजारे बदल जाएंगे । कश्ती ने रुख मोड़ा तो किनारे बदल जाएंगे ।
इसलिए कितनी भी आंधी-तूफान आए कश्ती ना मोड़े और ना ही नजरे बदलें। एक दिन आपकी कश्ती आपके मंजिल पर जरूर पहुंचेगी।
4. फेल होने पर निराश नही होजाऊंगा
Thomas Alva Edison
फेल होने पर कभी भी निराश ना हो। जिस काम में आप मन लगाकर लगे हुए है अगर उसमे फेल भी होगे तो ज़िन्दगी थोड़ी न रुक जाएगी | आज फेल हो रहे हैं इसका मतलब है कि कल जरूर सफलता मिलेगी। जब कोई गिरता है तभी उठता है। बिना गिरे चोट नहीं लगती और चोट नहीं लगती तो दर्द नहीं देता। दर्द नहीं देता तो आगे बढ़ने की प्रेरणा नहीं मिलती। इसलिए बार-बार गिरें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हों।
आपने एक प्रसिद्द शेर ज़रूर सुना होगा जो इसी सन्दर्भ में लिखा गया है
गिरते हैं शाह सवार ही मैदाने जंग में,
वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनो के बल चले |
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5. सफल लोगों के संपर्क में रहूँगा
संगति का बहुत हद तक असर पड़ता है। इसलिए हमेशा अच्छे लोगों के संपर्क में रहें और अच्छा सोचें। आप चाहें तो एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में रह सकते हैं जो अपने कार्यक्षेत्र में सफलता की बुलंदी पर पहुंच चुका है। यह व्यक्ति आपका रोल मॉडल भी हो सकता है। गांधी जी का वचन है, इंसान एक दिन वहीं खड़ा रहता है, जहां उसकी सोच उसे ले जाती है।
अब एक मुश्किल ये आती है की किसको हम सफल व्यक्ति माने? ये ज़रूरी नही की आप जिस लाइन में तरक्की पाना चाहते है , सफल होने वाला व्यक्ति भी उसी लाइन में सफल हो| अगर आप एक या एक से अधिक लोगों के साथ रहते है तो आपको हमेशा उन साड़ी बातों का ज्ञान मिलता रहेगा और आपको सफल होने में काफी मदद करेगा
इसलिए हमेशा... हमेशा अच्छा सोचें, अच्छे लोगों के साथ रहें और मेहनत करते रहें। मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे।
निष्कर्ष- इस आर्टिकल में जो भी बातें बताई गई है अगर इन बातों पर धयान दें तो सफलता आपके कदम चूमेगी क्युकि ये बातें जो इस लेख में है वह बहुत अहम् भूमिका निभाती है सफलता प्राप्त करने में या ये कहे की सफलता की कुंजी का एक सीधा रास्ता जो इन संकल्प के ज़रिये आसानी से मिल सकता है |
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