भारत एक ऐसा भाग्यशाली देश है जहाँ दुनिया के कुछ ऐसे महान इंजीनियर पैदा हुए जो न सिर्फ एक प्रतिभाशाली इंजीनियर थे बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे। यदि आप इन प्रसिद्ध भारतीय इंजीनियरों के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। ये इंजीनियर अपने तकनीक के क्षेत्र के सबसे प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं।
1. सर मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया:
ये भारत के प्रसिद्ध इंजीनियर, विद्वान, राजनेता थे। वर्ष 1912 से 1918 तक ये मैसूर के दीवान भी रहे। इन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। सर विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा चिकबल्लापुर में हुई थी। उन्होंने 1881 में सेंट्रल कॉलेज, बैंगलोर, जो उस वक्त मद्रास विश्वविद्यालय से मान्यताप्राप्त था, कला स्नातक किया। उसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियर दिवस उनकी ही याद में मनाया जाता है।
2. सतीश धवन:
ये भारत में प्रयोगात्मक तरल गतिकी अनुसंधान के जनक माने जाते हैं। धवन का जन्म श्रीनगर में 25 सितंबर 1920 को हुआ था। उन्होंने लाहौर (अब पाकिस्तान में) स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। यहां उन्होंने भौतिकी और गणित में विज्ञान विष्य से स्नातक किया। यह मैकनिकल इंजीनियरिंग की स्नातक डिग्री थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मेन्निसोटा, मेनीएपोलिस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस किया। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद गणित और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दोहरी पीएचडी की।
ग्रामीण शिक्षा, रिमोट सेंसिंग और उपग्रहण संचार के क्षेत्र में इनके काम को सम्मान प्रदान करने के लिए आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र का नाम बदल कर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र रख दिया गया था।
3. डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम):
इन्हें भारत के मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। इन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर देश को अपनी सेवाएं भी दीं।
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तत्कालीन मद्रास के पम्बन द्वीप पर रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक किया। इसके बाद वे बतौर वैज्ञानिक रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान से जुड़ गए।
27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में "क्रिएटिंग अ लाइवेबल प्लैनेट अर्थ" विषय पर व्याख्यान देते समय कलाम का निधन हो गया था।
4. ई. श्रीधरन
इन्हें भारत का मेट्रो मैन भी कहा जाता है। ये भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (आईईएस) से सेवानिवृत्त इंजीनियर थे। इन्होंने भारत में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए बहुत काम किया। इन्होंने बासेल इवैनजेलिकल मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की थी। इन्होंने आंध्रप्रदेश के काकीनाड़ा स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज जिसे जेएनटीयूके कहते हैं, से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
5. रघुराम गोविंद राजन:
ये भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर थे। वर्ष 2003 से 2007 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख अर्थशास्त्री भी रहे।
राजन का जन्म 1963 में मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में हुआ था। इन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद इन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन की डिग्री प्राप्त की। एमआईटी सोलन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से इन्होंने प्रबंधन में पीएच.डी भी की।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद वे शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौट आए हैं।
6. सुंदर पिचाई:
पिचाई 2004 में गूगल से जुड़े थे और फिलहाल गूगल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
इनका जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ । अपनी स्कूली शिक्षा चेन्नई के अशोक नगर स्थित जवाहर विद्यालय से पूरी की। इन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से की। साथ ही इन्होंने मटेरियल साइंसेस एंड इंजीनियरिंग में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम. एस की डिग्री भी प्राप्त की। यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के ह्वार्टन स्कूल से एमबीए किया।
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7. सत्या नाडेल्ला:
वर्तमान में ये माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। नाडेल्ला का जन्म तेलंगाना के हैदराबाद शहर में हुआ था। इन्होंने हैदराबाद पब्लिक स्कूल, बेगमपेट से स्कूली शिक्षा पूरी की। मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री की। यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन– मिलवाउकी से कंप्यूटर साइंस में एम.एस. डिग्री प्राप्त की। बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। .
8. नागवरा रामोराव नारायण मूर्ति:
यह एक भारतीय आईटी उद्योगपति एवं इंफोसिस के सह– संस्थापक हैं। मूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक के कोलार जिले में हुआ था। इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक किया है। इसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से इन्होंने मास्टर्स डिग्री की। मूर्ति ने 1981 में 10,000/– रुपये या 250 अमेरिकी डॉलर की आरंभिक पूंजी के साथ इंफोसिस की स्थापना की थी। अब इंफोसिस 9.501 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कंपनी बन चुकी है।
9. वर्गीज कूरियन:
ये भारत में श्वेत क्रांति के जनक के नाम से भी जाने जाते हैं। कुरियन का जन्म मद्रास के कालिकट में 26 नवंबर 1921 को हुआ था। इन्होंने लोयला कॉलेज ऑफ मद्रास से भौतिक शास्त्र में स्नातक किया । इसके बाद इन्होंने मद्रास के गिंडी स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
10. सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा:
सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा को सैम पित्रोदा के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म 4 मई 1942 को हुआ था। यह प्रख्यात दूरसंचार इंजीनियर, अन्वेषक, उद्यमी और नीति निर्माता थे। इन्होंने गुजरात में वल्लभ विद्यानगर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद वडोदरा के महाराजा सैयाजीराव विश्वविद्यालय से भौतिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स डिग्री पूरी की। इन्होंने शिकागो के इल्लिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स भी किया। वर्ष 1975 में इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डेयरी का आविष्कार किया जिसके लिए इन्हें हाथों से संचालित गणना के शुरुआती अग्रदूतों में से एक कहा जाता है।
विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए वर्ष 2009 में इन्हें पद्म् भूषण से सम्मानित किया गया।
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