ज्ञातब्य है कि वर्तमान में भारत में बिक्री कर, उत्पाद कर, सीमा शुल्क, मनोरंजन शुल्क, चुंगी कर और वैट जैसे अप्रत्यक्ष कर लगते हैं लेकिन 1 जुलाई से इन सभी अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर सिर्फ एक कर “वस्तु एवं सेवा कर” लगाया जायेगा. ऐसा करने के बाद हम उन 165 देशों की लिस्ट के लिए 166वें सदस्य बन जाएंगे जहां GST लागू है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि पाकिस्तान में भी GST लागू है. इस लेख में हमने “वस्तु एवं सेवा कर” से सम्बंधित कुछ फायदों और नुकसानों के बारे में बताया है.
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GST से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं: (Advantages of GST)
1. भारत में कर व्यवस्था आसान होगी और ‘कर के ऊपर कर’ लगाने की व्यवस्था से छुटकारा मिलेगा.
2. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक GST लागू होने से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2 से 3 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है.
3. वर्तमान व्यवस्था में अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है परन्तु जीएसटी लागू होने से सिर्फ एक कर लगेगा जिससे उत्पादों की कीमत घट जाएगी.
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4.GST लागू होने के बाद पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा जिसके कारण पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक समान रहेगी. वर्तमान व्यवस्था में हर राज्य वाहनों की खरीद पर अलग-अलग कर लगाते हैं जैसे दिल्ली की तुलना में हरियाणा में कर कम लगता है जिसके कारण दिल्ली में रहने वाले लोग हरियाणा से गाड़ी खरीदते हैं ताकि कम कर चुकाना पड़े लेकिन GST लागू होने के बाद पूरे देश में गाड़ियों के खरीदने पर एक समान कीमत देनी होगी.
5. GST लागू होने के बाद कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी.
6. GST लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे.
7. GST के अंतर्गत पूरा कर ढांचा ओनलाइन होगा जिससे कर चोरी में निश्चित रूप से कमी आएगी इससे सरकार की कर आय में वृद्धि होगी.
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GST से होने वाले संभावित नुकसान (Disadvantages of GST)
1. भारत की ‘सकल घरेलू उत्पाद’ का करीब 60% सर्विस क्षेत्र से आता है. अभी भारत में 14.5 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगता है जो कि GST लागू होने के बाद बढ़कर 18% हो जायेगा.
उदाहरण के तौर पर अभी आपको 100 रुपये के मोबाइल बिल पर 14 रुपये 50 पैसे टैक्स देना पड़ता है जो कि 1 जुलाई 2017 के बाद बढ़कर 18 रुपये हो जायेगा.
2. GST लागू होने से कुछ राज्यों की आय में निश्चित रूप से कमी आएगी लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ 5 साल तक ही किसी राज्य के नुकसान की भरपाई करेगी.
3. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में प्रभावी टैक्स रेट 14 प्रतिशत है. ये टैक्स अब तक सिर्फ ट्रांजेक्शन पर लगता है. इंट्रेस्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है. लेकिन GST लागू होने के बाद इस सेक्टर पर लगने वाला टैक्स 18 से 20 बढ़ जायेगा. अर्थात प्रोसेसिंग फीस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर लगने वाली फीस, बीमा प्रीमियम पर लगने वाले चार्जेस बढ़ जाएंगे.
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4. ज्ञातब्य है कि कई राज्यों की आय का मुख्य साधन पेट्रोल व डीजल और शराब से होने वाली कर आय है. अभी हाल में तो इन वस्तुओं को GST से बाहर रखा गया है लेकिन जब ये वस्तुएं GST के दायरे में आएँगी तो राज्यों की आय में निश्चित तौर पर बड़ी कमी होगी और ऐसे राज्यों को पैसे की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर मुंह ताकना पड़ेगा और हालत तब और बिगड़ जाएगी जब केंद्र और सम्बंधित राज्य में अलग अलग पार्टी सत्ता में होंगीं.
इस प्रकार हमने उपर्युक्त लेख में देखा कि GST में किस तरह के फायदे और नुकसान हैं. सारांश रूप में यह कहा जा सकता है कि यदि यह नयी कर व्यवस्था भारत में लागू हो जाती है तो देश को नुकसान की तुलना में फायदा ज्यादा होगा. इसके सबसे बड़े फायदों में “कर के ऊपर” लगाने की पद्धति का खात्मा होने के साथ साथ, कर चोरी पर रोक और देश की अर्थव्यवस्था में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि होने का कारण सरकार के पास अतिरिक्त धन कि उपलब्धता होगी जिसेसे देश के आधारभूत ढांचे में मजबूती आएगी.
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