सामान्यतः किसी भी कमर्चारी की बेसिक सैलरी का 12% प्रोविडेंट फण्ड में काटा जाता है और इतनी ही राशि का भुगतान कंपनी के द्वारा किया जाता है ; हालांकि कम्पनियाँ चालाकी करती हैं और अपना हिस्सा भी कर्मचारी की सैलरी से ही काटती हैं.
कम्पनी द्वारा EPF काटने का मुख्य उद्येश्य रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की वित्तीय सहायता करना होता है l श्रम मंत्रालय हर साल इस EPF की जमा राशि पर 8 से 9% के बीच ब्याज भी देता है l लेकिन यदि कोई कर्मचारी 5 साल के पहले EPF की राशि को निकाल लेता है तो उसे EPF पर मिले ब्याज पर सरकार को कर देना पड़ता है (आयकर अधिनियम की धारा सेक्शन 80C के अंतर्गत)l
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EPF में पैसा कौन जमा करता है?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की स्थापना नवम्बर 15, 1951 में की गयी थी | इसकी स्थापना कारखानों और अन्य संस्थानों में कार्यरत संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए की गयी थी | कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय के पास उन सभी कार्यालयों और कारखानों को रजिस्टर करना पड़ता है जहाँ पर 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं साथ ही अगर किसी व्यक्ति की सैलरी Rs. 25000/माह से कम है तो उसे नियमानुसार कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान करना पड़ता है |
EPF का पैसा कैसे निकाला जा सकता है?
यदि आप नौकरी में हैं तो EPF का पैसा नही निकाला जा सकता है, लेकिन यदि आप हर हाल में EPF का पैसा निकालना चाहते हैं तो आपको वर्तमान नौकरी को छोड़ना होगा और तीन महीने के बाद EPF निकालने के लिए आवेदन करना होगा l
निम्न तीन तरीकों से आप अपना EPF का पैसा निकाल सकते हैं:
1. UAN नंबर के आधार पर अप्लाई करना: यदि आपके पास EPF कार्यालय द्वारा जारी किया जाने वाला UAN नंबर है तब आप सीधे ही EPF के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर फॉर्म जमा करा सकते हैं इसके लिए आपके अपने पुराने ऑफिस से अप्रूवल की भी जरुरत नही है l लेकिन यहाँ एक दिक्कत यह है कि बहुत से ऑफिस अपने कर्मचारियों के साथ UAN नंबर को साझा नही करते हैं l
2. PF ऑफिस में सीधे अपना फॉर्म जमा करें: इस विधि से EPF निकालने के लिए आपको फॉर्म 19 भरना होगा जो कि EPFO की वेबसाइट पर उपलब्ध होता हैl लेकिन इस प्रक्रिया में आपको अपने फॉर्म को किसी बैंक मैनेजर, किसी राजपत्रित अधिकारी, मजिस्ट्रेट, पोस्ट मास्टर, गाँव पंचायत के मुखिया से इस बात का सत्यापन कराना होगा कि राशि निकालने वाला व्यक्ति आप ही है l हालांकि इस माध्यम से पैसा निकालने पर EPF अधिकारी आपसे यह पूछ सकता है कि आपने अपने ऑफिस के माध्यम से अप्लाई क्यों नही किया है, आप यहाँ पर अपनी कोई मजबूरी बता सकते हैं और कम्पनी का ऑफर लैटर भी प्रूफ के तौर पर दिखा सकते हैं l
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3. बिना एम्प्लायर के हस्ताक्षर के PF निकालने के दो तरीके हैं:
a. आधार कार्ड की सहायता से
b. बिना आधार कार्ड की सहायता के
a. आधार कार्ड की सहायता से: इस माध्यम से पैसा निकालने के लिए आपको अपने आधार कार्ड को EPFO की वेबसाइट पोर्टल पर UAN नंबर से जोड़ना होगा फिर इसके बाद डाक्यूमेंट्स को किसी से भी प्रमाणित करने की जरूरत नही पड़ेगी लेकिन आपके आधार कार्ड और सैलरी अकाउंट आपकी नौकरी छोड़ने से पहले ही आपके एम्प्लायर द्वारा प्रमाणित होने चाहिए l यहाँ पर आपको EPFO की वेबसाइट से फॉर्म 19, फॉर्म 31 और फॉर्म 10C डाउनलोड करके भरने होंगे l यहाँ पर एक कैंसिल चेक लगाना न भूलें और यह चेक उसी बैंक का होना चाहिए जिसमे आपकी सैलरी आती थीl इसके साथ ही अपने PAN कार्ड की एक कॉपी भी लगा दें और अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ही इन फॉर्म में भरेंl
b. बिना आधार कार्ड की सहायता के :
जिन लोगों के पास आधार कार्ड नही हैं उनके लिए यह प्रक्रिया थोड़ी कठिन होगी जो कि इस प्रकार है :
a. EPFO की वेबसाइट से फॉर्म 19, फॉर्म 31 और फॉर्म 10C डाउनलोड करें
b. सभी फॉर्म भरने के बाद किसी राजपत्रित अधिकारी, मजिस्ट्रेट, पोस्ट मास्टर, गाँव पंचायत के मुखिया से प्रमाणित कराएँ
c. सभी फॉर्म्स में हर पेज अपने हस्ताक्षर जरूर करें
d. डायरेक्ट EPF निकालने का कारण यह बताएं कि पुराने एम्प्लायर से अनबन हो गई है इसलिए उसने प्रमाणित नही किया है l
e. 100 रुपये का एक स्टाम्प पेपर जरूर लगायें
f. सैलरी स्लिप, ऑफर लैटर, फॉर्म 19 और पुराने एम्प्लायर का परिचय पत्र अवश्य लगायें l
किन खास जरूरतों के लिए EPF की रकम निकाल सकते हैं ?
नौकरी करते समय ईपीएफ का पैसा निकलने की इजाजत नहीं होती, लेकिन ऐसे कुछ खास मौके हैं जिनके लिए ईपीएफ की कुछ राशि निकाली जा सकती है, हालांकि इसके तहत भी आप पूरी राशि नहीं निकाल सकते।
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(i) अपने या परिवार (पति/पत्नी, बच्चे या डिपेंडेंट पेरेंट्स) के इलाज के लिए अधिकतम सैलेरी की 6 गुना रकम निकाली जा सकती है। मेडिकल इलाज में सर्जरी, टीबी, कोढ़, पैरालिसिस, कैंसर, और हैल्थ सम्बंधित बीमारियाँ शामिल हैं।
(ii) अपनी, बच्चों की या भाई-बहन की शादी या एजुकेशन के लिए आपकी पूरी रकम का 50% तक निकाला जा सकता है। ऐसा आप अपनी नौकरी के दौरान तीन बार कर सकते हैं।
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(iii) ‘हाउस लोन’ को चुकाने के लिए सैलेरी का 36 गुना तक रकम निकालने की इजाजत होती है।
(iv) अपने पति या पत्नी या सामूहिक जिम्मेदारी पर लिए गए घर की मरम्मत के लिए सैलेरी की 12 गुना तक रकम निकाली जा सकती है। इस सुविधा का प्रयोग केवल एक बार किया जा सकता है |
(v) अपने लिए, स्पाउस के लिए या दोनों के लिए जॉइंटली प्लॉट या घर खरीदने या बनाने के लिए सैलेरी की 36 गुना तक रकम निकाली जा सकती है। प्लॉट खरीदने के लिए यह लिमिट 24 गुना तक है।
अब सरकार इस PF के पैसे को इस्तेमाल के लिए और भी अच्छे कदम उठा रही है जैसे अब लोग अपने घर की EMI, अस्पताल का खर्च, बच्चों के एडमिशन के लिए फीस भी इस PF में जमा राशि की मदद से कर सकते हैं l
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