24 जनवरी: राष्ट्रीय बालिका दिवस
भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य देश में बालिकाओं को समान अवसर, सशक्तिकरण और शिक्षा उपलब्ध कराना है. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम की वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया. महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं.
इस वर्ष का विषय है - सुनहरे कल के लिए बालिकाओं का सशक्तीकरण.
राष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसमें बेटी बचाओ अभियान, सही लिंग अनुपात और लड़कियों के लिए स्वस्थ व सुरक्षित माहौल तैयार करने जैसे कार्यक्रम शामिल हैं. इस साल हरियाणा को 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए अवॉर्ड दिया जाएगा. वहीं, आंध्र प्रदेश में हफ्ते भर तक इस दिवस को मनाया जाएगा. इसके तहत वहां जागरुकता कार्यक्रम, आत्मआरक्षा ट्रेनिंग और ड्रॉइंग प्रतियोगिता का आयोजन होगा.
बालिका दिवस मनाये जाने के कारण
• ‘नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रंस राइट्स’ यानी एनसीपीसीआर की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में 6 से 14 साल तक की ज़्यादातर लड़कियों को हर दिन औसतन आठ घंटे से भी ज़्यादा समय केवल अपने घर के छोटे बच्चों को संभालने में बिताना पड़ता है.
• इसी तरह, सरकारी आँकड़ों में दर्शाया गया है कि 6 से 10 साल की जहाँ 25 प्रतिशत लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ता है, वहीं 10 से 13 साल की 50 प्रतिशत (ठीक दोगुनी) से भी ज़्यादा लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ता है.
• वर्ष 2008 के एक सरकारी सर्वेक्षण में 42% लड़कियों ने यह बताया कि वे स्कूल इसलिए छोड़ देती हैं, क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें घर संभालने और अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल करने को कहते हैं.
• लोगों को जागरुक करने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.
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