Solar Ultraviolet Imaging Telescope: पुणे स्थित इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एक अनोखा स्पेस टेलीस्कोप सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) तैयार किया है.
इसकी मदद से भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल1 में काफी मदद मिलने वाली है, इस अनोखे टेलीस्कोप को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को सौंप दिया गया है.
आईयूसीएए के निदेशक प्रोफेसर आर श्रीनंद ने कहा कि यह स्पेस टेलीस्कोप आदित्य-एल1 मिशन के साथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में एकीकृत किया जाएगा.
आदित्य-एल1 मिशन में करेगा मदद:
इस स्पेस टेलीस्कोप को उपयोग इसरो के पहले सोलर मिशन आदित्य-L1 में किया जायेगा जो भारत का पहला सोलर मिशन है. इसकी मदद से सूर्य से जुड़े कई अनसुलझे रहस्य से पर्दा उठेगा. इसरो लंबे समय से अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसके इस साल अगस्त में लांच किये जाने की संभावना है.
आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो द्वारा लांच किया जायेगा. यह पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर L1, या Lagrange बिंदु 1 तक जायेगा जो सूर्य से जुड़े अध्ययन के लिए पाँच अनुकूल स्थानों में से एक है. यह टेलीस्कोप आदित्य-L1 के सात पेलोड में से एक है.
स्पेस टेलीस्कोप, हाइलाइट्स:
यह स्पेस टेलीस्कोप 2000 से 4000A वेवलेंथ रेंज में सूर्य की फुल डिस्क इमेज प्रदान करेगा जो पहले कभी संभव नहीं हो पाया है. यह लगभग पांच साल तक एक्टिव रहेगा. इसरो की ओर से इसे तैयार करने के लिए शुरूआत में 25 करोड़ रुपये का वित्त पोषण दिया गया था.
इसकी मदद से पृथ्वी के वातावरण में ओजोन और ऑक्सीजन कंटेंट को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण इस तरंग दैर्ध्य में इमेज प्रदान करने में मदद करेगा. इस स्पेस टेलीस्कोप की मदद से त्वचा के कैंसर के लिए खतरनाक UV विकिरण को मापने में मदद मिलेगी.
यह सूर्य की ठंडी सतह के ऊपर उच्च तापमान वाले वातावरण के अस्तित्व और निकट-पराबैंगनी विकिरण और उच्च-ऊर्जा वाली सौर ज्वालाओं की उत्पत्ति का पता लगाने में मदद करेगा. साथ ही यह L1 पॉइंट पर सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र सहित सोलर विंड में पार्टिकल के इन-सीटू माप में मदद करेगा.
200-300 साइंटिस्ट प्रोजेक्ट में थे शामिल:
स्पेस टेलीस्कोप सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) प्रोजेक्ट में पिछले दस वर्षों में 200-300 से अधिक साइंटिस्ट शामिल थे. इसके हार्डवेयर के लिए इसरो से 25 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था.
इसके विकास में वैज्ञानिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें अल्ट्रा-क्लीन रूम का निर्माण काफी चुनौती पूर्ण था साथ ही विशेष फिल्टर डिजाइन में भी वैज्ञानिकों को काफी मेहनत करनी पड़ी.
भारत के आदित्य-L1 मिशन की प्रमुख बातें:
आदित्य-L1 मिशन सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला समर्पित वैज्ञानिक मिशन है. इस अंतरिक्ष यान को पहले लैग्रेंज पॉइंट, L1 के चारों ओर ऑर्बिट में स्थापित किया जायेगा.
यह मिशन L1 पॉइंट के चारों ओर एक सैटेलाइट के रूप में सूर्य से जुड़ी प्रमुख जानकारियों को एकत्र करने में मदद करेगा. इस मिशन को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-एक्सएल लॉन्च व्हीकल से लांच किया जायेगा.
आदित्य-एल1 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और पार्टिकल डिटेक्टरों का उपयोग करके फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का अध्ययन करेगा. इस मिशन में सात पेलोड को एक साथ भेजा जायेगा.
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