केंद्र सरकार ने 19 अगस्त 2015 को पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (एफटीआईआई) की स्थिति का आकलन करने हेतु एस एम खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी है.
तीन सदस्यों की इस टीम की अध्यक्षता रजिस्ट्रार ऑफ़ न्यूज़पेपर्स इन इंडिया (आरएनआई) एस एम खान करेंगे तथा इसमें दो अन्य सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे.
फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (एफटीआईआई)
एफटीआईआई सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत गठित एक स्वायत्त संस्थान है जिसे केद्र सरकार द्वारा सहयोग प्राप्त है. यह पुणे की प्रभात फिल्म कंपनी में स्थित है. इसका गठन 1960 में हुआ था एवं तभी से यह भारत का प्रसिद्ध फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त छात्र तकनीशियन, अभिनेता एवं निर्देशक भी बन चुके हैं.
इसे केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है.
एफटीआईआई लायज़न सेंटर ऑफ़ स्कूल्स ऑफ़ सिनेमा एंड टेलिविज़न का सदस्य है, यह संगठन विश्व के विभिन्न फिल्म एवं टीवी स्कूल का प्रतिनिधित्व करता है.
एफटीआईआई विवाद
इस पैनल का गठन एफटीआईआई के पांच छात्रों को कैंपस में उपद्रव करने के कारण हिरासत में लिया गया था. छात्रों ने एफटीआईआई के डायरेक्टर प्रशांत पथ्राबे का घेराव भी किया था क्योंकि छात्रों का कहना था कि उन्होंने अस्सेस्मेंट का आकलन ठीक नहीं किया.
छात्र पिछले 69 दिनों से बीजेपी के सदस्य एवं टीवी कलाकार गजेन्द्र चौहान को संस्थान का चेयरमैन नियुक्त किये जाने के कारण हड़ताल पर थे. यह हड़ताल 12 जून 2015 को आरंभ की गयी थी.
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