केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय (Ministry of Environment & Forests) द्वारा संयुक्त राष्ट्र की मरूस्थलीकरण निरोधी संधि (UNCCD: United Nations Convention to Combat Desertification) को सौंपी गई चौथी राष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार भारत के कुल 32 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में भूमि की गुणवत्ता खराब (land degradation) हो रही है. और इसमें से अधिकतर हिस्सा मरूस्थल बनता (undergoing desertification) जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि देश का 24.8 फीसदी भूमि क्षेत्र मरूस्थल बनता जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की मरूस्थलीकरण निरोधी संधि (UNCCD: United Nations Convention to Combat Desertification) को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, भूमि और पानी की गुणवत्ता खराब होने का मुख्य कारण पानी और मिट्टी का अवमूल्यन होना है. गुणवत्ता में इस तरह की कमी आने के कारणों में खेती के गैर-टिकाऊ तरीके अपनाना, विकास के लिए भूमि उपयोग को परिवर्तित कर देना, औद्योगिक क्षेत्रों द्वारा प्रदूषण फैलाना, खनन होना और वनों की कटाई होना शामिल है. साथ ही रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि भूमि की गुणवत्ता खराब होने से लोगों के जीवन यापन करने के स्रोतों और खाद्य सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो रहे हैं.
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